गालूडीह (पूर्वी सिंहभूम), परवेज: स्वर्णरेखा परियोजना के गालूडीह बराज डैम परिसर में शुक्रवार को आठ मौजा के विस्थापितों और ग्रामीणों ने बैठक की. वार्ड सदस्य दासमत हेंब्रम की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में विस्थापितों ने कहा कि जमीन हमारी गयी और पानी मिल रहा ओडिशा को. यह हमारे साथ अन्याय है. इस मसले पर बैठक में उग्र आंदोलन की रणनीति भी विस्थापितों ने बनायी. बैठक में कमेटी का गठन भी किया गया. इसमें अध्यक्ष उपेन सिंह और उपाध्यक्ष सूरज मुर्मू को चुने गये.
वर्षों पहले भूमि अधिग्रहण, लेकिन मुआवजा नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि सुवर्णरेखा परियोजना द्वारा सालों पहले भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन अभी तक कई ग्रामीणों को मुआवजा राशि नहीं मिली है. जमीन ग्रामीणों की गयी लेकिन पानी ओड़िशा को मिल रहा है. सिंचाई की व्यवस्था और पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीण सही से खेती नहीं कर पा रहे हैं. दिगड़ी से लेकर बेनाशील तक लगभग छह गांव हैं. ग्रामीणों द्वारा रेलवे स्टेशन, स्कूल, अस्पताल और बस स्टेंड आदि जाने के लिए नहर के कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है, लेकिन परियोजना द्वारा अभी तक रास्ते को दुरुस्त नहीं किया गया है.
बैठक में लिया ये निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में कमेटी द्वारा विस्थापि हुए ग्रामीणों को मुआवजा के साथ मूलभूत सुविधा जैसे रास्ता एवं सभी गांव में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए स्वर्णरेखा परियोजना से मांग रखी जायेगी. अगर परियोजना द्वारा मांग को अनदेखा किया गया तो आठ मौजा के ग्रामीण मिलकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. बैठक में यह बात भी उठी की डैम की पश्चिम दिशा में कई गांव डूबे क्षेत्र में आते हैं, पर वहां के किसानों को ना तो मुआवजा दिया जाता है और न ही डूबे क्षेत्र में आनेवाली जमीन को अधिग्रहण किया गया. बैठक में मुसाबनी प्रखंड प्रमुख रामदेव हेंब्रम, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुखलाल हेंब्रम, विक्रम, आदित्य महतो, उपेन सिंह, वरुण सिंह, सपन कैवत, जोगेश्वर महतो आदि उपस्थित थे.
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