लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर बोले, कामयाबी के लिए दृढ़ निश्चय व समर्पण जरूरी, युवाओं को दिया सफलता का ये मंत्र
लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर शनिवार को जमशेदपुर में थे. इस दौरान उन्होंने युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि कामयाबी के लिए दृढ़ निश्चय व समर्पण जरूरी है.
जमशेदपुर: नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल में शनिवार को स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए ‘सन्नी इवनिंग’ का आयोजन किया गया. इसमें भारत के पूर्व क्रिकेटर पद्म भूषण पुरस्कार विजेता सुनील गावस्कर बतौर मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में मौजूद थे. लीडरशिप और क्रिकेट के ऊपर आधारित इस विशेष कार्यक्रम में सुनील गावस्कर ने युवाओं व विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया. इसके अलावा उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं, फनी किस्से और क्रिकेटर बनने की कहानियां साझा कीं. युवाओं को सक्सेस मंत्र दिये. नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल के नवनिर्मित सभागार में आयोजित इस विशेष आयोजन की शुरुआत सुनील गावस्कर, श्री सत्या साईं हेल्थ एंड एजुकेशन के डॉ सी श्रीनिवास और नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल के अध्यक्ष डायरेक्टर नकुल कमानी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया. कार्यक्रम में शहरभर के 19 सीआइएससीइ स्कूलों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
स्थानीय लेखक ने ‘केलिप्सो एंड क्रिकेट’ नामक किताब की भेंट
शहर के स्थानीय लेखक हिमाद्री सरकार ने सुनील गावस्कर को क्रिकेट पर आधारित किताब केलिप्सो एंड क्रिकेट भेंट की. इस किताब में वेस्टइंडीज क्रिकेट व वेस्टइंडीज टूर से जुड़ी कई कहानियां हैं.
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10 विद्यार्थियों को मिलेगा ऑटोग्राफ वाला बैट
सुनील गावस्कर के कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने कई सवाल किये. इनमें से दस सेलेक्ट सवाल पूछने वालों को सुनील गावस्कर द्वारा ऑटोग्राफ किया हुआ बैट दिया जायेगा. इसके साथ ही विद्यार्थियों को सुनील गावस्कर का ऑटोग्राफ भी मिला.
अपनी क्षमता को पहचानें, फोकस रहें, दृढ़ निश्चय के साथ बढ़ें आगे
सुनील गावस्कर ने छात्राओं को जवाब देते हुए कहा कि हर क्षेत्र में प्रेशर है. चाहे क्रिकेट का फील्ड हो या पढ़ाई का. लेकिन, कामयाबी के लिए फोकस रहने की जरूरत है. साथ ही दृढ़ निश्चय और समर्पण भी जरूरी है. उन्होंने विद्यार्थियोंं को प्रेरित करते हुए कहा कि कामयाबी एक रात में नहीं मिलती. इसमें कई रात व दिनों की कड़ी मेहनत होती है. हम सालों तक किसी क्षेत्र में कामयाब होने के लिए अभ्यास करते हैं. लेकिन, हमें केवल शरीर से ही अभ्यास नहीं करना है. हमें अपनी क्षमता को पहचाना जरूरी है. फिर उस दिशा में शरीर व दिमाग लगाकर अभ्यास करना चाहिए. जिससे गलती जल्द दूर हो और हम जिस लक्ष्य को पाना जाते हैं, उसको पा सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि आप अपनी बढ़ाई और अगर क्रिकेट खेल रहे हैं तो उसको मैनेज करें. मैं तो अपने टूर पर भी किताब लेकर जाता था, ताकि पढ़ाई कर सकूं.
छोटी-छोटी बातों को करें नोट
सुनील गावस्कर ने सभागार में मौजूद विद्यार्थियों व क्रिकेटरों को एक महत्वपूर्ण सलाह देते हुए कहा कि वह अपनी दिनचर्या का एक नोटबुक लिखें. उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक क्या किया. साथ ही उन्होंने अपने क्रिकेट करियर का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं भी हमेशा अपनी छोटी-छोटी चीजों को लिखता था. अगर मैंने दिन में अभ्यास के दौरान ग्रिप में भी परिवर्तन किया, तो उसको लिखता था. इससे मुझे अपनी गलतियों को खोजने और सुधारने में बहुत आसानी होती थी.
एंडी रॉबर्ट को बताया सबसे खतरनाक गेंदबाज
सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट करियर में सैकड़ों गेंदबाज खेले. दस हजार टेस्ट रन और 34 टेस्ट शतक जड़े. उन्होंने इस बीच जिस सबसे खतरनाक गेंदबाज को फेस किया उसका जिक्र भी उन्होंने सभागार में किया. उन्होंने वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट को सबसे खतरनाक गेंदबाज बताया. उन्होंने उनकी खूबियों का जिक्र करते हुए कहा कि तेज गेंदबाज तो नये गेंद से शानदार गेंदबाजी करते हैं. लेकिन, वह वाहिद ऐसे गेंदबाज थे, जो पुरानी गेंद से भी उसी खतरनाक अंदाज में गेंद करते थे. जैसा नया गेंद से होता है. उन्होंने अपने टीम मेट दिलीप सरदेसाई को सबसे मजाकिया बताया. वह किस तरह टीम मेट के साथ प्रैंक करते थे. उन्होंने कहा कि मेरी किताब सन्नी डेज में कई किस्से मौजूद हैं. इसके अलावा उन्होंने जमशेदपुर से जुड़ी अपनी यादें भी ताजा कीं. उन्होंने बताया कि 1975 के समय कीनन स्टेडियम में रणजी मैच खेलने आया था. शानदार क्रिकेटिंग माहौल था.
विद्यार्थियों ने क्या कहा
मेरे लिए एक शानदार शाम था. इतने बड़े क्रिकेटर के साथ मुझे माइक साझा करने का मौका मिला. उनको दिये गये टिप्स को मैं अपने जीवन में जरूर अपनाउंगा.
अर्णव षाड़ंगी, बेल्डीह चर्च
सर से मिलकर और बात करके मुझे काफी अच्छा लगा. मुझे क्रिकेट में काफी रुचि है. उनकी जबानी क्रिकेट के किस्से सुनकर मजा आ गया. पहले के क्रिकेट में और अभी के क्रिकेट में काफी बदलाव हुआ. ऋतिका शाह, आरके मिशन
क्रिकेट का मैं दीवाना हूं. मैंने अपने पापा और चाचा से अक्सर सुनील सर के बारे में सुना था. उनसे मिलकर और उनकी प्रेरणादायक स्पीच सुनकर काफी अच्छा लगा. सच में वह लीजेंड है.
तनवीर सिंह धनजन, नरभेराम
जब मुझे पता चला कि मेरे स्कूल में इतने बड़े क्रिकेट लिजेंड आ रहे हैं. मैं उनसे मिलने के लिए काफी उत्साहित थी. मैं सौभाग्यशाली रही कि मुझे उनसे सवाल पूछने का भी मौका मिला. मैं उनके सवाल से संंतुष्ट हूं.
शगुन कुमारी, नरभेराम
मुझे सर से मिलकर काफी सीखने का मौका मिला. टाइम मैनेंजमेंट कैसे होता है. यह बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने पढ़ाई और खेल को किस तरह मैनेज किया. इससे मुझे भी अपनी पढ़ाई को मैनेज करने में मदद मिलेगी.
सी सुहासनी, जेएच तारापोर
मैं भी एक खिलाड़ी हूं और इतने बड़े क्रिकेटर से मिलकर मैं काफी खुश हूं. सर ने जिस तरह से प्रैक्टिस करने के टिप्स दिये. मैं भी उसको अपनाऊंगा. मैं भी छोटी-छोटी बातों को लिखूंगा. सुफियान अली, केपीस मानगो
सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में नन्हा सा दिल प्रोजेक्ट किया लॉन्च
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर बिष्टुपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में भी गये और नन्हा सा दिल- कॉन्जेनिटल हार्ट डिजिज (सीएचडी) मुक्त झारखंड अभियान की विधिवत शुरुआत की. इस प्रोजेक्ट को कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से शुरू किया गया है. सुनील गावस्कर श्री सत्य साईं स्वास्थ्य और शिक्षा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं. उन्हाेंने अस्पताल में जीवन रक्षक हृदय सर्जरी कराने वाले चार बच्चों को जीवन का उपहार प्रमाण पत्र प्रदान किया. प्रसव कराने वाली माताओं को जन्मोत्सव प्रमाण पत्र भी प्रदान किया. उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में ओनली दिल, नो बिल की सेवा दी जा रही है. इस अस्पताल में सिर्फ इलाज किया जाता है. यहां किसी प्रकार का कोई बिल काउंटर नहीं है. अस्पताल में दिल के ऑपरेशन की 99 प्रतिशत सक्सेस रेट है. यहां बच्चों को नयी जिंदगी दी जा रही है. यहां के सभी कर्मचारी, डॉक्टर क्रिकेट टीम की तरह काम करते हैं, जिसका परिणाम देखने को मिलता है. उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को उनके अटूट समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया.
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