बालू की सप्लाई चेन टूटी, योजनाओं पर लगा ब्रेक, सरकार को हर दिन हो रहा राजस्व का नुकसान

झारखंड में बालू घाटों की नीलामी नहीं होने और बाहर से बालू की आपूर्ति बंद होने से पूरे राज्य में विकास कार्य प्रभावित हुआ है. मानसून को लेकर एनजीटी की गाइडलाइन, कोल्हान में हाइवा-डंपर मालिकों की हड़ताल अौर फिर बंगाल से बालू की आपूर्ति बंद होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2020 3:30 AM

कुमार आनंद, जमशेदपुर : झारखंड में बालू घाटों की नीलामी नहीं होने और बाहर से बालू की आपूर्ति बंद होने से पूरे राज्य में विकास कार्य प्रभावित हुआ है. मानसून को लेकर एनजीटी की गाइडलाइन, कोल्हान में हाइवा-डंपर मालिकों की हड़ताल अौर फिर बंगाल से बालू की आपूर्ति बंद होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. मानसून के तीन माह (15 सितंबर तक) नदी से बालू उठाव पर रोक रहता है. इससे पहले मार्च, अप्रैल अौर मई में बालू का स्टॉक सभी बड़ी एजेंसियां व कंपनियां कर लेती हैं. इस बार कोरोना के लॉकडाउन में एजेंसियां बालू का भंडारण नहीं कर सकी है.

केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर काम शुरू होने के बाद बालू की कमी बड़ी समस्या बन गयी है. पूर्व में बंगाल से अनाधिकृत रूप से आने वाले बालू से एजेंसियां कुछ कार्य कर रही थीं, लेकिन खनन विभाग की सख्ती के बाद बालू की किल्लत हो गयी है. हालांकि कोल्हान में बालू की आपूर्ति में पंचायत, थाना से लेकर खनन विभाग तक सेटिंग-गेटिंग का खेल चलता रहा है. हां, कुछ लोगों पर कार्रवाई की खानापूर्ति भी खनन विभाग व पुलिस जरूर करती है, लेकिन कमलपुर व पटमदा में सामने आये मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह यह धंधा अब भी जारी है.

ये योजनाएं प्रभावित

  • एनएच 33 फोरलेन समेत दूसरे संरचना निर्माण

  • एसएमपी में चल रहा वाटर कोर्स का निर्माण

  • चाईबासा अौर नुवामुंडी रेलवे ओवर ब्रिज का काम

  • जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज एप्रोच रोड का काम

  • गोविंदपुर अन्ना चौक-पिपला फोरलेन का काम

  • चाईबासा टोंटो-रोयाम अौर सारंडा-गुदड़ी बाजार मेन रोड.

क्या कहते है एजेंसी के लोग

बालू नहीं होने से छोटा गोविंदपुर में फोरलेन समेत एक दर्जन योजनाओं काम प्रभावित हो रहा है. पूर्व में कोविड के कारण बालू का स्टॉक नहीं हो सका. हाइवा से बालू नहीं आ रहा, जबकि ट्रैक्टर की आपूर्ति से काम करना संभव नहीं है.

सोनू सिंह, लीडिंग कंस्ट्रक्टर, जमशेदपुर

बालू की किल्लत से एनएच, स्टेट हाइवे, पुल-पुलिया समेत अलग-अलग सात योजनाएं बंद हैं. परेशानी के साथ ही अब नुकसान भी शुरू हो गया है. सरकार को हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाने की जरूरत है.

विकास सिंह, केके बिल्डर्स, जमशेदपुर

बालू नहीं मिलने से जुगसलाई आरओबी समेत आठ योजनाओं का काम बंद करना पड़ा है. बालू की नीलामी भी नहीं हो रही है. एनजीटी की गाइडलाइन व कोरोना का लॉकडाउन बड़ी वजह है.

गोविंद दोदराजका, त्रिवेणी इंजीकोण

क्या कहते है अधिकारी. बालू की किल्लत से समस्याएं उत्पन्न हुई है. सरकार की गाइडलाइन के तहत केवल स्टॉक के बालू से काम करने निर्देश एजेंसी को दिया गया है.

वीरेंद्र कुमार राम, चीफ इंजीनियर, चांडिल कॉम्प्लेक्स, एसएमपी

Post by : Pritish Sahay

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