जमशेदपुर: विधायक सरयू राय ने कहा है कि छठ महापर्व पर सिदगोड़ा सूर्य मंदिर से लाखों की कमाई का धंधा रोकने के कारण हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया. श्री राय ने कहा कि लाखों की कमाई हर साल यहां से की जा रही थी. सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि दो साल में यानी 2020 से अब तक कोरोना काल बीता है. इसमें कम शादियां हुई है.
इन दो साल में अकेले सोन मंडप से ही 56 लाख रुपये का सरकारी राजस्व आया है. यह राशि पहले निजी लोगों के हाथों में जाती था. मंदिर में सारे काम, टाउन हॉल, यात्री निवास, सोन मंडप, चिल्ड्रेन पार्क से लेकर हर चीजें सरकार के फंड से बने हैं. टाउन हॉल से लेकर सोन मंडप तक में पैसे की वसूली होती थी. पार्क जाने वालों से दस रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसे की वसूली की जाती थी.
इस तरह की सारी व्यवस्था को जब बंद करा दिया गया तो अब हमारे लोगों पर हमला किया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या इसको रोकना गलत है? क्या पब्लिक मनी से बनी संपत्ति से लाखों रुपये की वसूली होनी चाहिए थी? श्री राय ने कहा कि सरकार का पैसा है, सरकार के खाते में जमा होना चाहिए. पूरा परिसर सरकार की ही जमीन पर है. जांच रिपोर्ट में यह सामने आ चुका है. कैफेटेरिया और होटल किसके नाम से बना है, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है. यह तो अब मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा लगता है. प्रशासन को यह साफ करना चाहिए.
सरयू राय ने कहा कि यह भाजपा का यह मामला नहीं है. यह 25 साल से राज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके परिवार के अलावा भूपेंद्र सिंह व उनके बेटों और रघुवर के पीए रह चुके राकेश चौधरी के भाई छग्गन सिंह समेत कुछ चुनिंदा लोगों का समूह है, जिसने हमला किया. 29 अक्तूबर को हमारे लोग 1100 छठव्रतियों के बीच सामग्रियों का वितरण करने वाले थे.
30 अक्तूबर को भोजपुरी गायिका का कार्यक्रम होने वाला था. 29 अक्तूबर को छठ की सामग्री वितरित हो जाती. उसके बाद दूसरे दिन 30 अक्तूबर को वे लोग कार्यक्रम करा लेते, उसमें कहां दिक्कत है. प्रशासन ने इस मामले में साफगोई नहीं दिखायी है. हम लोग सरकार तक मामला ले जायेंगे और उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करेंगे ताकि दोषी अधिकारी और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाये. सुनिधि चौहान और नेहा कक्कड़ जैसे कार्यक्रम कराने के लिए इस तरह की मारपीट गलत है. महिलाओं पर हमला बोला गया.
चंद्रगुप्त सिंह पर टिप्पणी करने से सरयू राय ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे पपेट यानी कठपुतली है. इस पर हम ज्यादा बोलना नही चाहेंगे.