टाटा कमिंस में पहली बार हुआ चार साल का ग्रेड रिवीजन, वेतन में 18 हजार रुपये की बढ़ोतरी
कमिंस कर्मचारियों का 28 बाद वीडीए दो रुपये से बढ़कर 2.50 रुपये करने का समझौता हुआ है. हर माह कर्मचारियों को वेतन में 300 से 400 रुपये का लाभ मिलेगा.
टाटा कमिंस में ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद कर्मचारी पुत्रों के नियोजन का रास्ता खोल दिया है. जमशेदपुर में स्थापित हो रही मेसर्स टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल), कमिंस जमशेदपुर प्लांट के अलावा पुणे के दोनों टीसीपीएल के प्लांट में कर्मचारी पुत्र हर वर्ग ( कर्मचारी और एसोसिएट ) बहाल किये जायेंगे. कंपनी की ओर से सबसे पहले कर्मचारी पुत्रों के लिए बहाली होगी. चाहे आम कर्मचारियों की बहाली हो या अधिकारियों की बहाली. कर्मचारी पुत्र इसमें आवेदन कर सकेंगे. कंपनी की स्थापना के बाद से कमिंस में कर्मी पुत्रों की बहाली की मांग हो रही थी.
28 बाद वीडीए दो रुपये से बढ़कर 2.50 रुपये हुआ
कमिंस कर्मचारियों का 28 बाद वीडीए दो रुपये से बढ़कर 2.50 रुपये करने का समझौता हुआ है. हर माह कर्मचारियों को वेतन में 300 से 400 रुपये का लाभ मिलेगा. यूनियन अध्यक्ष दीप्तेंदु चक्रवर्ती ने बताया कि कर्मचारियों के बेसिक वेतन में (कुल राशि का 45 प्रतिशत बेनीफिट आफ एकजिस्टिंग-बीटीई) 8100 रुपये जुड़ेगा. जो कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है. इसके अलावा बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को सुपरियर फरफार्मेंस पे का लाभ मिलेगा.
कर्मियों ने जारी रखा कैंटीन, पैंट्री का बहिष्कार
शनिवार को कर्मियों ने कैंटीन और पैंट्री का बहिष्कार छठें दिन भी जारी रखा. यूनियन की ओर से सुबह 8 बजे कैंटीन बहिष्कार वापस लेने की घोषणा की गयी. बावजूद कर्मचारियों ने कैंटीन में नाश्ता, भोजन नहीं किया. इससे पूर्व यूनियन की सुबह छह बजे कमेटी मीटिंग बुलायी गयी. जिसमें कैंटीन बहिष्कार वापस लेने का निर्णय यूनियन सदस्यों ने लिया था. संभावना है कि कर्मचारी ग्रेड के विरोध में कैंटीन बहिष्कार आगे भी जारी रख सकते है. कर्मचारियों का आरोप है कि जब चार साल और 18 हजार रुपये पर समझौता करना तो भी कर्मचारियों से यूनियन नेतृत्व ने आंदोलन क्यों कराया.
क्या कहते है यूनियन अधिकारी
महामंत्री सुमित की नासमझी का नतीजा है कि कर्मचारी नाराज है. कर्मियों को काला बिल्ला, कैंटीन बहिष्कार किसलिए कराया गया. यह कर्मचारियों को पता नहीं है.
-एसहसान अहमद सिराजी
आंदोलन का छलावा दिखाकर मजदूरों के साथ धोखा किया गया. अध्यक्ष अनुभवहीन और महामंत्री की नासमझी से मजदूरों के साथ धोखा हुआ है.
– मनोज कुमार
परंपरा के अनुसार वेज रिवीजन नहीं हुआ है. मजदूरों के साथ धोखा हुआ है. यूनियन ने कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी करने का काम किया.
-रामाकांत करूवा
16 माह बाद बेस्ट वेज समझौता किये. कर्मियों को नाराजगी हो सकती है,लेकिन वेज का लाभ कर्मियों को भविष्य में दिखेगा. जो स्थिति थी उसमें यूनियन ने बेहतर किया है.
– सुमित कुमार, महामंत्री
कर्मचारियों के हित में यूनियन ने कर्मी पुत्रों की बहाली, वीडीए में बढ़ोतरी और बेसिक वेतन में जो बढ़ोतरी का समझौता किया. वह यूनियन के इतिहास में पहली बार हुआ है. जिसमें प्रबंधन का सहयोग मिला.
-दीप्तेंदु चक्रवर्ती, अध्यक्ष
अब तक वेतन वृद्धि साल राशि
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2007 4,232 रुपये
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2010 6,275 रुपये
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2013 9,052 रुपये
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2016 12,700 रुपये
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2019 17000 रुपये
चार साल में होगी वेतन में 18,000 रुपये की बढ़ोतरी
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पहले साल 85 % : 15, 300
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दूसरे साल 90 % : 16,200
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तीसरे साल 95 % : 17, 100
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चौथे साल 100% : 18, 000