Jharkhand News, Jamshedpur News, Tata-Mistry Case latest update जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनसीएलएटी के 18 दिसम्बर 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था. अदालत ने टाटा समूह के पक्ष में फैसला देते हुए और एसपी समूह की अपील खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने टाटा समूह की अपील को सही पाया. पीठ ने कहा कि एनसीएलएटी के आदेश को रद्द किया जाता है.
टाटा संस और साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी ) के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिस पर शीर्ष न्यायालय का फैसला आया है. आदेश में कहा गया है कि टाटा समूह की अपील को स्वीकार किया जाता है, और एसपी समूह की अपील खारिज की जाती है. एनसीएलएटी ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में साइरस मिस्त्री मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था.
मिस्त्री को 24 अक्तूबर, 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. समूह ने दावा किया कि मिस्त्री अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे और उनकी निगरानी में टाटा संस को नुकसान हुआ.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शुक्रवार को टाटा ग्रुप के शेयरों में छह प्रतिशत तक उछाल आया. कारोबार के अंत में टाटा स्टील का शेयर 6.04 प्रतिशत की तेजी पर बंद हुआ. वहीं इंडियन होटल के शेयर में 5.29 प्रतिशत, टाटा स्टील बीएसएल में 5.07 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी. टाटा पॉवर, टाटा मोटर्स, टाटा कॉफी, टाटा कम्युनिकेशन, टाटा मेटली, टिनप्लेट और टाइटन के शेयरों में तीन से पांच फीसदी तक की उछाल आया.
सायरस मिस्त्री को 2012 में टाटा संस का चेयरमैन बनाया था, 2016 में हटा दिया गया : शापूरजी पालोनजी समूह की टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है. पालोनजी मिस्त्री के बेटे सायरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद 2016 में उन्हें पद से हटा दिया गया. तभी से उनकी टाटा समूह के साथ ठनी हुई है.
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने न्यायालय के फैसले को टाटा समूह की अखंडता और नैतिकता पर मुहर बताया और आभार जताया. टाटा ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करता हूं और मैं न्यायालय का आभारी हूं.
यह हार और जीत का विषय नहीं है. मेरी ईमानदारी और समूह के नैतिक आचरण पर लगातार हमले किये गये. फैसले ने टाटा समूह के मूल्यों और नैतिकता पर मुहर लगायी है, जो हमेशा से समूह के मार्गदर्शक सिद्धांत रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले ने न्यायपालिका की निष्पक्षता को और मजबूत किया है.’
‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय टाटा संस की स्थिति को सही साबित करता है और इससे टाटा समूह द्वारा वर्षों से अपनाये गये मानकों की पुष्टि हुई है. टाटा समूह राष्ट्र के विकास और शेयरधारकों के दीर्घकालिक हित को ध्यान में रखते हुए कारोबार को आगे बढ़ाने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है.’
– टाटा संस
Posted By : Sameer Oraon