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जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के बाइसिक्स कर्मियों को आज मिलेगा स्थायीकरण का तोहफा

टाटा मोटर्स में वार्ड रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा. अब कर्मचारी पुत्र तीन साल का फुल टर्म अप्रेंटिस (एफटीए) की ट्रेनिंग करेंगे. इसके बाद डिप्लोमा करते ही कर्मचारी पुत्र कंपनी में स्थायी तौर पर बहाल हो जायेंगे.

जमशेदपुर, अशोक झा: टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट के बाइसिक्स कर्मचारियों को गुरुवार को स्थायीकरण का तोहफा मिलेगा. श्रमायुक्त कार्यालय, रांची में सुबह 11:30 बजे बाइसिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण और वार्ड रजिस्ट्रेशन जारी रखने सहित अन्य बिंदुओं पर प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के बीच त्रिपक्षीय समझौता पर हस्ताक्षर होगा. श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा और उप श्रमायुक्त राकेश प्रसाद की मौजूदगी में टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह, प्लांट हेड रवींद्र कुलकर्णी, एचआर हेड मोहन गंटा सहित कंपनी के अन्य आला अधिकारी और यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते व महामंत्री आरके सिंह समझौता पर हस्ताक्षर करेंगे. पुणे से कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह रांची आ रहे हैं.

पहले चरण में 600 से ज्यादा बाइसिक्स होंगे स्थायी

समझौता के तहत पहले चरण में 600 से अधिक बाइसिक्स स्थायी होंगे. प्रबंधन और यूनियन में कंपनी के लगभग 2,700 बाइसिक्स कर्मचारियों को स्थायी करने पर सहमति बन गयी है. हालांकि गुरुवार को होने वाले समझौते के बाद पता चलेगा कि किस अनुपात व कितने साल में बाइसिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण पूरा होगा.

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एफटीए व दो साल के डिप्लोमा के बाद होंगे स्थायी

टाटा मोटर्स में वार्ड रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा. अब कर्मचारी पुत्र तीन साल का फुल टर्म अप्रेंटिस (एफटीए) की ट्रेनिंग करेंगे. इसके बाद डिप्लोमा करते ही कर्मचारी पुत्र कंपनी में स्थायी तौर पर बहाल हो जायेंगे. प्रबंधन और यूनियन के बीच बाइसिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण के बाद आगे भी कर्मचारी पुत्र-पुत्रियों की बहाली के लिए बातचीत कर रास्ता निकाल लिया है. इससे कर्मचारी पुत्रों को रजिस्ट्रेशन के समय ही पता चल जायेगा कि वे कंपनी में कब स्थायी होंगे. पहले उन्हें सीधे बाइसिक्स में नियोजित किया जाता था, बाद में प्रबंधन और यूनियन ने मिलकर डायरेक्ट अस्थायी कर्मियों की जगह टीएमएसटी (टाटा मोटर्स स्किल ट्रेंनग) के जरिये नियोजन देने लगा.

पहली बार 1972 में हुआ था त्रिपक्षीय समझौता

संयुक्त बिहार के समय टेल्को ( अब टाटा मोटर्स ) के कर्मचारियों के बच्चों की बहाली को लेकर वर्ष 1972 में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. इसमें तय हुआ था कि कंपनी प्रतिवर्ष कर्मचारी पुत्रों को प्रशिक्षण देकर नियोजित करेगी. इसके बाद से कंपनी में कर्मचारियों के बच्चों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई.

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वर्ष 2005-06 में समझौता में हुआ था संशोधन

वर्ष 2005-06 में तत्कालीन श्रमायुक्त निधि खरे की अध्यक्षता में समझौता में संशोधन हुआ था. तय हुआ था कि टीएमएसटी पूल के माध्यम से प्रबंधन प्रतिवर्ष 200 कर्मचारी पुत्रों को कंपनी में नियोजित करेगी.

दुर्गापूजा में बोनस के साथ स्थायीकरण की रही है परंपरा

तत्कालीन टेल्को वर्कर्स यूनियन के पूर्व महामंत्री गोपेश्वर ने दुर्गापूजा में बोनस के साथ बाइसिक्स कर्मचारियों के स्थायीकरण की परंपरा शुरू करायी थी. यह परंपरा गोपेश्वर के बाद चंद्रभान सिंह और प्रकाश कुमार तथा टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह के कार्यकाल में भी जारी रही. कोरोना संक्रमण और आर्थिक मंदी के दौर में भी परंपरा जारी रही. कोरोना काल में भी जमशेदपुर प्लांट में 221 बाइसिक्स कर्मी स्थायी हुए थे.

रांची जाने के लिए कमेटी मेंबर एक दिन के लिए ड्यूटी से रिलीज

टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन और आरके सिंह फैंस क्लब के सदस्य भी गुरुवार को रांची में होने वाले समझौता में भाग लेने जा रहे हैं. इन मेंबरों को एक दिन के लिए ड्यूटी से रिलीज किया गया है. सुबह 7 बजे सभी अपने- अपने वाहन से रांची रवाना होंगे. कई बाइसिक्स कर्मचारी भी रांची जा रहे हैं.

कब कितने बाइसिक्स कर्मी हुए स्थायी

वर्ष स्थायी

  • 2015-16 : 250

  • 2016-17 : 301

  • 2017-18 : 305

  • 2018-19 : 306

  • 2019-20 : 221

  • 2020- 21 : 281

  • 2021 – 22 : 201

  • 2022 – 23 : 355

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