टाटा मोटर्स के उपमहाप्रबंधक अनोखे अंदाज में मना रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह, रामायण से जुड़े सिक्के जुटाये

इंडोनेशिया और नेपाल से विभिन्न टिकट पर प्रकाशित रामायण वर्णन, महर्षि वाल्मीकि, संत तुलसीदास, रामचरित मानस, भगवान परशुराम के चित्र का संग्रह किया है. डॉ गिरि के कलेक्शन में विभिन्न वर्षों को जारी किया गया लिफाफा कवर शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2024 1:02 PM

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सोमवार को नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो रहा है. पूरे देश के साथ-साथ जमशेदपुर में भी उत्साह का माहौल है. टेल्को में रहने वाले टाटा मोटर्स में उपमहाप्रबंधक डॉ. देबब्रत गिरि अपने तरीके से प्रभु श्रीराम के प्रति अपनी भावनाएं अभिव्यक्त कर रहे हैं. देबब्रत सात वर्ष की उम्र से भगवान श्री राम, हनुमान जी और रामायण से जुड़े सिक्के, डाक टिकट सहित कई प्राचीन वस्तुओं का संग्रह कर रहे हैं. पिछले 27 वर्षों में उन्होंने रतलाम के प्रांतीय राज्य से जारी दुर्लभ हनुमान पैसा, भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता और रामायण पर भारत और विदेश में जारी किये गये अलग-अलग टिकट को संग्रहित किया है. इसमें इंडोनेशिया और नेपाल से विभिन्न टिकट पर प्रकाशित रामायण वर्णन, महर्षि वाल्मीकि, संत तुलसीदास, रामचरित मानस, भगवान परशुराम के चित्र का संग्रह किया है. डॉ गिरि के कलेक्शन में विभिन्न वर्षों को जारी किया गया लिफाफा कवर शामिल हैं. यह रामनवमी, अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन, दीपोत्सव को दिखाता है. रामायण थीम पर मिनिएचर शीट संग्रह शौक के प्रति उनकी निष्ठा का प्रमाण है.

  • इंडोनेशिया और नेपाल से टिकट पर प्रकाशित रामायण वर्णन, वाल्मीकि, तुलसीदास, रामचरित मानस, भगवान परशुराम के चित्र का संग्रह

  • देबब्रत सात वर्ष की उम्र से भगवान श्री राम, हनुमान जी और रामायण से जुड़े सिक्के, डाक टिकट कर रहे संग्रह

टाटा मोटर्स के उपमहाप्रबंधक अनोखे अंदाज में मना रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह, रामायण से जुड़े सिक्के जुटाये 3
कोई भी आकर देख सकता है कलेक्शन

प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए डॉ गिरी ने अपने घर के दरवाजे सभी के लिए खोज दिये हैं. कोई भी व्यक्ति टेल्को स्थित उनके आवास पर जाकर प्रभु श्री राम, हनुमान जी और रामायण से जुड़े इन संग्रहों को देख सकता है. जमशेदपुर के रहने वाले डॉ गिरि के अद्वितीय संग्रह को कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है. वह बताते हैं कि यह संग्रह देश के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के परिचायक हैं.

Also Read: राम मंदिर के निर्माण में लगे थे जमशेदपुर के 12 से अधिक इंजीनियर, यहां बनी थी योजना Also Read: जमशेदपुर के इस मंदिर में 1101 दीये जला कर मनाया जायेगा दीपोत्सव, जानें इतिहास और खासियत

Next Article

Exit mobile version