टाटानगर रेलवे स्टेशन पुल-जुगसलाई की तरफ उतरने वाली सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. जुगसलाई की तरफ से चढ़कर बर्मामाइंस की तरफ उतरने वाले आरओबी की लगभग 400 मीटर की सड़क पर 315 से अधिक गड्ढे हैं. इन गड्ढों से दो पहिया-चार पहिया वाहन जैसे-तैसे हीं निकल पाते हैं. यहां से भारी वाहनों का गुजरना मुश्किल है. सड़क और पुल दोनो की स्थिति जर्जर है. जबकि इस मार्ग से जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी से लेकर रेलवे के अधिकारी तक नियमित रूप से गुजरते हैं.
बावजूद इसके स्थिति में सुधार की पहल नहीं हो रही. आम लोगों की मानें, तो जिम्मेदार लोग शायद किसी बड़ी दुर्घटना या हादसे का इंतजार कर रहे हैं. एक राहगीर ने कहा कि हादसे के बाद आम तौर पर प्रशासन हर तरह के कदम उठाता है. गैरजरूरी राशि भी खर्च होती है. लेकिन फिलहाल प्रशासन इस मार्ग के प्रति उदासीन बना हुआ है. जर्जर सड़क की वजह से दुर्घटना में हर दिन लोग घायल हो रहे हैं.
सड़क कौन बनायेगा. गड्ढों में पत्थर भर कर अलकरता कौन बिछायेगा. इसको लेकर भी रेलवे और जुगसलाई नप के अधिकारी एक-दूसरे को ही जिम्मेदार बताते हैं. जुगसलाई नगर परिषद जब सामने आती है तो रेलवे उसे रोक देता है. कहा जाता है कि पहले चक्रधरपुर डीआरएम से एनओसी लेकर आयें. इस कारण समस्या का समाधान नहीं हो पाता है
इस मार्ग से हर दिन एक लाख से अधिक लोग गुजरते हैं. शहर की यही एकमात्र सड़क है, जिस पर 24 घंटे मुसाफिर चलते हैं.
जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने कहा- स्टेशन और आस-पास के क्षेत्र में रेलवे न तो खुद को जनहित का काम करता है और न ही राज्य सरकार या प्रशासन को करने देता है. स्टेशन आरओबी की जर्जर स्थिति के लिए भी रेल प्रशासन जिम्मेदार है. उन्होंने जुगसलाई पिगमेंट से प्रदीप मिश्रा चौक तक डबल रोड, पार्वती घाट के पीछे से जुगसलाई ईदगाह मैदान की ओर जाने के लिए सड़क निर्माण के लिए राशि पारित करवा ली थी.
ऐन टाइम पर रेलवे ने उसमें एनओसी नहीं देकर अड़ंगा लगा दिया. जुगसलाई पिगमेंट से प्रदीप मिश्रा चौक तक डबल रोड नहीं बने, इसको लेकर रेलवे ने 10-15 ट्रक स्लीपर वहां रखकर अवरोध खड़ा कर दिया है. इस मामले में वे जुगसलाई के स्पेशल ऑफिसर, एसडीओ और उपायुक्त से बात करेंगे. इस समस्या का स्थायी हल कैसे निकले, इसकी पहल करेंगे.
इस मार्ग से हर दिन एक लाख से अधिक लोग गुजरते हैं. शहर की यही एकमात्र सड़क है, जिस पर 24 घंटे मुसाफिर चलते हैं.
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि स्टेशन आरओबी, सेंकेड इंट्री गेट को लेकर गार्डनरीच में महाप्रबंधक और चक्रधरपुर डीआरएम के साथ कई बार वार्ता हुई है. स्टेशन आरओबी और उतरनेवाले मार्ग की स्थिति वाकई काफी खराब हो गयी है. इस संबंध में डीआरएम से वे बात करेंगे, उन्हें कहेंगे कि वे खुद इसका निरीक्षण करें, इसके बाद तुरंत निर्माण कार्य शुरू करें. आये दिन वहां वाहन फंस रहे हैं, पलट रहे हैं लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.
एमजीएम अस्पताल के आर्थो विभाग के पूर्व एचओडी डॉ जी एस बड़ाइक ने बताया कि शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं है, जिस पर बेधड़क गाड़ी चलायी जा सके. सड़क पर बने गड्ढों से बार-बार निकलने पर रीढ़ की हड्डी पर दबाव से कई परेशानियां पैदा हो सकती है. इससे बैक पेन, स्लिप डिस्क, गर्दन एवं कलाई में दर्द सहित हड्डियों से जुड़ी कई बीमारियां लोगों को हो रही हैं. वहीं रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने से पूरा स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल आने वाले कमर दर्द के मरीजों में से 30 फीसदी स्लिप डिस्क का शिकार हैं. स्लिप डिस्क समस्या का एक कारण कमर में अचानक झटका लगना होता है, जो सड़कों के गड्ढों के कारण होता है.