जमशेदपुर, अशोक झा : टाटा स्टील के कर्मचारियों का बोनस समझौता पांच सितंबर तक होने की उम्मीद है. इस साल कंपनी का मुनाफा कम होने से 20 प्रतिशत बोनस मिलने की संभावना कम है. गुडविल राशि पर भी संशय है. बोनस को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नू, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह पिछले माह प्रबंधन को पत्र सौंप चुके हैं. वर्ष 2024 में भी पुराने फाॅर्मूले पर ही बोनस समझौता होगा. इसलिए राशि को लेकर प्रबंधन और यूनियन के बीच कोई जद्दोजहद नहीं है.
20 फीसदी बोनस मिलने की संभावना कम
पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय परिचालन का मुनाफा 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहा है. ऐसी स्थिति में 20 प्रतिशत बोनस मिलने की संभावना कम दिख रही है. यूनियन नेतृत्व अपनी क्षमता से कितना लाभ कर्मचारियों को बोनस की राशि दिला पाती है. यह समझौते के बाद पता चलेगा.
पिछले साल था अधिकतम 4,58,457 रुपये बोनस
पिछले साल कर्मचारियों (ओल्ड सीरीज) को अधिकतम चार लाख 58 हजार 457 रुपये मिला था. 20 हजार रुपये अलग से गुडविल अमाउंट के रूप में मिले थे. जबकि टाटा स्टील के न्यू सीरीज के कर्मियों को अधिकतम बोनस 1,16,527 रुपये और 20 हजार रुपये गुडविल अमाउंट मिले थे. न्यूनतम बोनस राशि 41,448 रुपये और 20 हजार गुडविल राशि थी.
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टाटा स्टील में बोनस फाॅर्मूला वर्ष 2023-2024 तक के लिए है.जिसके तहत प्रॉफिट का 1.5 फीसदी, प्रोफिटेबिलिटी पर प्रोफिट प्रति टन सेलेबल स्टील, प्रोडक्टिविटी प्रति टन क्रूड स्टील का एक व्यक्ति प्रति वर्ष उत्पादन करना और सेफ्टी यानी एलटीआइआर के आधार पर वर्ष 2024 तक का समझौता होगा.
पिछले वर्ष ये हुआ था समझौता
पिछले साल 9 सितंबर को बोनस समझौता हुआ था. समझौते के तहत 20 प्रतिशत राशि मिली थी. 23,710 कर्मचारियों (जमशेदपुर प्लांट में 12,213 कर्मचारी कार्यरत हैं) के बीच 317 करोड़ रुपये में बंटे थे.
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