टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा टाटा वर्कर्स यूनियन
टाटा स्टील समेत कई कंपनियों के कर्मचारी हायर पेंशन स्कीम का लाभ लेने से वंचित हो जा रहे हैं. अब टाटा वर्कर्स यूनियन ने तय किया है कि वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.
जमशेदपुर-इपीएफओ (भविष्य निधि कार्यालय) ने पीएफ ट्रस्ट के अधीन आने वाले लोगों को इपीएस 95 का लाभ देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2022 में दिये गये आदेश में सभी लोगों को इपीएस 95 के तहत हायर पेंशन स्कीम का लाभ देने को कहा था, लेकिन इपीएफओ ने अब अपने आदेश में कहा है कि पीएफ ट्रस्ट का संचालन करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं देंगे.
टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष ने की बैठक
टाटा स्टील समेत कई कंपनियों के कर्मचारी हायर पेंशन स्कीम का लाभ लेने से वंचित हो जा रहे हैं. अब टाटा वर्कर्स यूनियन ने तय किया है कि वे लोग इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. शनिवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने सारे ऑफिस बियरर के साथ बैठक की और मजदूरों की इस लड़ाई को उच्च स्तर के कोर्ट तक लड़ने की रणनीति बनायी है.
मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए केस करेगा यूनियन
ऑफिस बियररों ने भी इसे मंजूरी दी है. अब इस मामले में टाटा वर्कर्स यूनियन कोर्ट में केस करेगा ताकि मजदूरों को उनका हक दिलाया जा सके. पीएफ ट्रस्ट का बहाना बनाकर ऐसे कर्मचारियों को वंचित किया जा रहा है. यूनियन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएफ ट्रस्ट के सदस्यों को भी इपीएस 95 के तहत हायर पेंशन स्कीम के दायरे में लाने का आदेश दिया था. लेकिन अब इपीएफओ ने इससे इनकार कर दिया है. यूनियन का कहना है कि इपीएफओ हायर पेंशन के लिए पात्र कर्मचारियों की पात्रता को ही गलत करार दिया है, जो गलत है. पेंशनर की भाषा इपीएफओ नहीं समझ रही है. कोर्ट की भाषा ही इपीएफओ बेहतर ढंग से समझता है तो हम लोग कोर्ट का ही रास्ता अख्तियार कर रहे हैं.
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