Tata Steel के इतिहास में पहली बार 270.28 करोड़ का बोनस, 23 हजार कर्मचारियों में खुशियां
जमशेदपुर प्लांट के साथ ट्यूब डिवीजन के 12,558 कर्मचारियों को 158.31 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. 111.97 करोड़ रुपये कलिंगानगर प्लांट, मार्केटिंग एंड सेल्स, नोवामुंडी, जामाडोबा, झरिया और बोकारो माइंस के 10,442 कर्मचारियों के अकाउंट में जायेंगे.
Tata Steel News, जमशेदपुर न्यूज : टाटा स्टील में बोनस समझौता के तहत 270.28 करोड़ रुपये 23 हजार कर्मचारियों के बीच बांटे जायेंगे. टाटा स्टील के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा राशि बोनस के तौर दी गयी है. साथ ही अगस्त में भी पहली बार बोनस हुआ है. आपको बता दें कि कर्मचारियों को न्यूनतम 34,290 रुपये और अधिकतम 3,59,029 रुपये मिलेंगे. बोनस की राशि कर्मचारियों के खाते में सोमवार तक चली जायेगी.
पिछले साल की तुलना में इस बार बोनस में 34.74 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं. फॉर्मूला बनने के बाद से प्रतिशत पर बोनस नहीं होता है, लेकिन ओवरऑल इस बार का बोनस 16.56 प्रतिशत रहा है. पिछली बार 235.54 करोड़ रुपये प्रबंधन की ओर से बोनस मिला था, जो 12.09 प्रतिशत था. इस बार की बोनस राशि में वृद्धि के साथ 4.47 प्रतिशत का उछाल है.
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जमशेदपुर प्लांट के साथ ट्यूब डिवीजन के 12,558 कर्मचारियों को 158.31 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. 111.97 करोड़ रुपये कलिंगानगर प्लांट, मार्केटिंग एंड सेल्स, नोवामुंडी, जामाडोबा, झरिया और बोकारो माइंस के 10,442 कर्मचारियों के अकाउंट में जायेंगे.
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टाटा स्टील के इतिहास में पहली बार बोनस के तौर पर इतनी ज्यादा राशि देने के पीछे का कारण कंपनी का अच्छा प्रदर्शन रहा. बोनस पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 के प्रदर्शन पर दिया गया है. वर्ष 2020 वह समय था जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा था. देश दुनिया में उद्योग-धंधे पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था. लेकिन, टाटा स्टील के अपने विभिन्न प्रोडक्ट व बाजार की वजह से न केवल स्थायी तौर बनी रही, बल्कि शानदार प्रदर्शन किया. यही वजह है कि कंपनी ने प्रोडक्शन के साथ सेल्स भी बढ़ाने में सफल रही. इस वजह से मुनाफा में वृद्धि हुआ.
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बोनस राशि 270 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती थी, लेकिन कंपनी में दुर्घटना होने की वजह से यह राशि पिछले बोनस की तरह इस बार भी जीरो हो गया. तय फॉर्मूला के सेफ्टी का मानक अनुसार प्वाइंट 4 (0.4) से ज्यादा होने पर बोनस की राशि जीरो हो जाती है. इस बार दुर्घटना के साथ तीन भी हुआ है जिस वजह से यह प्वाइंट 55 (0.55) पर पहुंच गया. इसलिए बोनस की राशि शून्य हो गयी. फॉर्मूला के अनुसार सेफ्टी में जीरो प्वाइंट होने पर 15 करोड़ की राशि मिलती है. 0 से .2 होने पर 10 करोड़, 0.2 से 0.4 में तक होने पर 5 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है.
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वित्तीय वर्ष 2019-20 में कंपनी को जहां 7935.89 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ था, वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 13,606.69 करोड़ रुपये मुनाफा हुआ. मतलब मुनाफा में करीब 5000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. चूकि, बोनस फॉर्मूला प्रोडेक्टिविटी, प्रॉफिटिब्लिटी, प्रॉफिट, सेफ्टी पर दिया जाता है. इसलिए इस बार बोनस की राशि में उछाल हुआ है.
Posted By : Guru Swarup Mishra