Tata Steel Jobs: टाटा स्टील में अब 8500 कर्मचारी ही करेंगे काम, ऐसे पदों पर नहीं होगी भर्ती, इतने कर्मचारी कम करने की तैयारी
Tata Steel Jobs: टाटा समूह की कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या कम होगी. तीन हजार से अधिक कर्मचारी कम करने की तैयारी चल रही है. कंपनी में करीब 8500 कर्मचारी ही स्थायी तौर पर काम करेंगे.
Tata Steel Jobs: जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह-टाटा स्टील में करीब तीन हजार से अधिक कर्मचारियों को कम करने की तैयारी चल रही है. तीन हजार कर्मचारी एक बार में नहीं हटाये जायेंगे, बल्कि स्थायी प्रकृति के जॉब खत्म होने वाले हैं. इसके बाद कंपनी में करीब 8500 कर्मचारी ही स्थायी तौर पर काम करेंगे. फिलहाल टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में करीब 11 हजार 500 कर्मचारी हैं. पिछले दिनों निकाले गये इएसएस स्कीम का 1100 लोगों ने टाटा स्टील ग्लोबल में लाभ लिया, जिसमें 250 कर्मचारी टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट में तथा मेरामंडली में 130 लोगों ने इएसएस लिया. माइंस के झरिया समेत अन्य माइंस में भी कर्मचारियों ने इएसएस लिया है. इएसएस लेने के बाद करीब 11 हजार कर्मचारी अभी जमशेदपुर प्लांट में काम कर रहे हैं. इसकी संख्या घटाकर 8500 तक ले जाना है.
स्थायी कर्मचारी होंगे रिटायर, नहीं होगी उनके पदों पर भर्ती
रणनीति यह है कि धीरे-धीरे स्थायी कर्मचारी रिटायर होंगे तो उनके पदों पर भर्ती नहीं होगी. सीधे तौर पर निचले स्तर पर बहाली बंद कर दी गयी है. टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज और टाटा स्टील यूटिलिटीज सर्विसेज नामक दो कंपनियों के माध्यम से बहाली होगी और फिर आउटसोर्स कंपनियों के माध्यम से काम कराये जायेंगे. इस तरह महंगे कर्मचारियों का बोझ उठाने से टाटा स्टील परहेज कर रही है. कंपनी की ओर से इसकी जानकारी यूनियन को दे दी गयी है. वहीं, एफटीसी की भी बहाली कंपनी में हो रही है. बीए पूल एक बनाया गया है जबकि इंटर्नशिप भी हो रही है, जिसके माध्यम से काम किया जायेगा. अधिकारियों की भी संख्या को घटायी गयी है. करीब 400 अधिकारी घटाये जा चुके हैं. इसको राइटसाइजिंग का नाम दिया गया है, जिससे यूनियन को अवगत कराया जा चुका है.
टाटा स्टील ने कई कंपनियों का किया समायोजन
टाटा स्टील ने हाल ही में कई कंपनियों का समायोजन किया है. इसमें टाटा स्टील में तार कंपनी, टिनप्लेट कंपनियों का समायोजन हो चुका है. ऐसे में वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है. इस वजह से कर्मचारियों की संख्या घटायी जा रही है. टीएसडीपीएल और तार कंपनी में इएसएस लाया जा चुका है. टिनप्लेट में भी इएसएस लाने की योजना है. इसके अलावा टाटा स्टील से जुड़ी सभी कंपनियों में संख्या घटाने की मुहिम चल रही है.
चीन संकट और 2030 की चुनौती को लेकर कंपनी की तैयारी
टाटा स्टील चीन के स्टील की हो रही डंपिंग की चुनौतियों से जूझ रही है. कंपनी का मुनाफा तेजी से घट रहा है. इसके अलावा वर्ष 2030 से टाटा स्टील के समक्ष नयी चुनौती सामने आने वाली है. सभी माइंस का 2030 से ऑक्शन होगा. ऐसे में माइंस लेने की होड़ में टाटा स्टील को भी लगना पड़ेगा क्योंकि सौ साल से अधिक वक्त से टाटा स्टील के पास अपना माइंस था, जिससे सस्ता स्टील बनता था और सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक राशि जमा होती है, लेकिन भारत सरकार के नियम के मुताबिक, 2030 से सारे मेजर मिनरल का ऑक्शन होगा, किसी कंपनी या व्यक्ति विशेष का स्वामित्व खत्म हो जायेगा. इस कारण टाटा स्टील के लागत खर्च में बढ़ोतरी हो जायेगी. इसको देखते हुए कंपनी अपने वेस्टेज, वेज कॉस्ट समेत अन्य मद में होने वाले खर्च में कटौती कर रही है.
ये भी पढ़ें: झामुमो स्थापना दिवस पर हेमंत सोरेन को पहनाया चांदी का मुकुट, सुनैना किन्नर JMM में शामिल