जमशेदपुर, कुमार आनंद: एडीजे-1 राजेंद्र सिन्हा की अदालत ने शुक्रवार को काशीडीह के धर्मेंद्र सिंह (सूद कारोबारी) हत्याकांड में दोषी सह टाटा स्टीलकर्मी विश्वजीत प्रधान को उम्रकैद की सजा सुनायी और 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत कुल आठ लोगों को गवाही हुई थी. प्राथमिकी और केस अनुसंधान में यह बात सामने आयी कि सूद कारोबारी धर्मेंद्र सिंह 10 फरवरी 2022 को काशीडीह स्थित अपने ब्याज की वसूली के लिए हर दिन की भांति पूजा-पाठ कर निकले थे, लेकिन दिन में घर वापस नहीं लौटे, जबकि दिन में हर दिन तय समय पर घर लौटते थे.
पुलिस ने आरोपी कार चालक को किया था अरेस्ट
बताया जाता है कि 10 फरवरी को ही धर्मेंद्र सिंह के पुत्र गौरव सिंह के मोबाइल पर ह्वाट्सएप मैसेज आया कि धर्मेंद्र सिंह का अपहरण कर लिया गया है. अपहरणकर्ताओं ने धर्मेंद्र सिंह को छोड़ने के एवज में 50 लाख रुपए की फिरौती की डिमांड की थी. इसे लेकर पुत्र गौरव सिंह ने साकची थाने में ह्वाट्सएप करने वाले के विरुद्ध केस दर्ज कराया था. घटना के बाद दिन यानी 11 फरवरी 2011 को कदमा पुलिस को कार की डिक्की के अंदर क्रिकेट किट के बड़े बैग में एक शव बरामद हुआ था, जिसकी शिनाख्त काशीडीह के धर्मेंद्र सिंह के रूप में हुई थी, जबकि पुलिस ने मौके पर कार चालक विश्वजीत प्रधान की गिरफ्तारी की थी.
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अपहरण के बाद कर दी हत्या
इस केस के अनुसंधान में पुलिस ने पाया था कि हत्यारोपी विश्वजीत प्रधान ने मृतक धमेंद्र सिंह से 11 लाख रुपये का कर्ज लिया था. धमेंद्र सिंह 11 लाख रुपये मूल और सूद की राशि की वसूली के लिए लगातार दबाव बनाये हुए थे. 11 लाख रुपये कर्ज व हर माह सूद का भुगतान करने से परेशान विश्वजीत प्रधान ने धर्मेंद्र सिंह की अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी.