Jamshedpur news.
टाटा स्टील अपने विकास की निरंतरता को बरकरार रखते हुए अहम कदम उठा रही है. इसके तहत अपने सारे प्लांट का विस्तार कर रही है. इसके तहत टाटा स्टील के कलिंगानगर प्लांट का पांच मिलियन टन का विस्तार हो रहा है. इसके तहत तेल, गैस, इंजीनियरिंग सेगमेंट और एलएंडइ (लिफ्टिंग एंड एक्स्केवेशन) के क्षेत्र में काम करने की तैयारी की गयी है. वहीं टाटा स्टील के लुधियाना प्लांट का विस्तार 0.85 मिलियन टन प्रति वर्ष करने की योजना है. लो कार्बन स्टील का उत्पादन यहां किया जा रहा है. वहीं जमशेदपुर के प्लांट का 0.5 मिलियन टन प्रति वर्ष का विस्तार हो चुका है. इसके तहत कांबी मिल की स्थापना की जा रही है. इसके जरिये ऑटोमोटिव कस्टमर को डील किया जा रहा है. दोपहिया वाहन और पैसेंजर वाहनों के लिए यहां स्टील बनाया जायेगा. टाटा स्टील के सीआरएम कॉम्प्लेक्स को डाउन स्ट्रीम का 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष का विस्तार किया जा रहा है. इसके जरिये टाटा स्टील हाइ स्ट्रेंथ गाड़ियों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कोल्ड रोल्ड स्टील का उत्पादन किया जायेगा. ट्यूब व वायर का भी विस्तार हो रहा है, जो डाउनस्ट्रीम प्लांट है. इसके तहत 10 किलो टन प्रति वर्ष स्ट्रक्चरल ट्यूब का उत्पादन करेगा, जबकि 42 किलो टन प्रति वर्ष का उत्पादन करने वाला एलआरपीसी लाइन की स्थापना की जायेगी. एलआरपीसी को लो रिलेक्शन प्री स्ट्रेस्ड कंक्रीट स्टील कहा जाता है.टाटा स्टील एआइ के जरिये डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन करेगा
टाटा स्टील आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (एआइ) के जरिये डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन 7 लेयर का आर्किटेक्चर इसके लिए तैयार किया गया है. बिजनेस एक्सीलेंस के लिए टाटा स्टील इसका इस्तेमाल कर रही है. टाटा स्टील 550 प्लस एआइ मॉडल के जरिये और 1600 प्लस डैशबोर्ड के जरिये बिजनेस को बढ़ावा दे रही है. इसके अलावा प्लग एन प्ले को भी टाटा स्टील विकसित कर रही है, ताकि डाटा सिनर्जी और स्पीड काम को किया जा सके. क्लाउड के जरिये 99.9 फीसदी सिस्टम ग्लोबल के तौर पर उपलब्ध हो, ऐसा इंतजाम किया जा रहा है. वर्तमान में एआइ के जरिये मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस किया जा रहा है. खास तौर पर सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है.
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