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25 हेक्टेयर में फैले टाटा जू का होगा विस्तार, QR कोड से मिलेगी जानवर और पेड़-पौधों की जानकारी

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जमशेदपुर के टाटा जू का विस्तार किया जा रहा है. इस जू के अंदर जहां अलग से वेटनरी हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, वहीं तकनीक पर अधिक जोर दिया जा रहा है. जू परिसर में लगे सभी पेड़ और जीव-जंतुओं का क्यूआर कोड होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2022 4:17 PM
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Jharkhand News: कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से जमशेदपुर का टाटा जू भी दर्शकों के लिए बंद रहा. धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के बाद वर्ष 2019 के बाद इस मई महीने में 35 हजार पर्यटक टाटा जू आए, वहीं 10,436 बच्चों ने गर्मी की छुट्टी में इसका आनंद उठाया. अब पर्यटकों को जू खूब भाने लगा है.

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बच्चों समेत पर्यटकों को आकर्षित करता टाटा जू

टाटा जू बच्चे समेत बड़ों को हमेशा आकर्षित किया है. जू में शेर और बाघ के अलावा हिरण की सरपट दौड़, विशालकाय दरियाईघाेड़ा समेत अन्य जंगली जानवरों की अटखेलियां देखते ही बनती है. 25 हेक्टेयर में फैले इस जू का अब और विस्तार हो रहा है.

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टाटा जू का होगा विस्तारीकरण

टाटा जू के आंकड़े बताते हैं कि इस बार गर्मी की छुट्टी में काफी संख्या में बच्चे यहां पहुंचकर आनंद उठाया. अन्य माह की तुलना में मई माह में पर्यटकों की संख्या ढाई गुना बढ़ी है. इससे पहले वर्ष 2009 में इतनी संख्या में पर्यटक आये थे. पर्यटकों को ध्यान में रखकर टाटा जू का विस्तारीकरण किया जा रहा है. वर्ष 2025 तक उसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

बदल रहा टाटा जू का स्वरूप

वर्तमान में जू में नॉलेज सेंटर है, जहां जू और जानवरों से संबंधित जानकारी मिलती है. लेकिन, व्यवस्था अब इससे ज्यादा एडवांस होगी. जू परिसर में ओपेन एमपी थिएटर बनाया जा रहा है. इस थिएटर में समय-समय पर स्कूली बच्चों, जीव-जंतुओं में रुचि रखने वालों और उस विषय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष सेशन, क्लास का आयोजन किया जायेगा.

जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिए होगी विशेष व्यवस्था

जू में जानवरों के संक्रमित होने का हमेशा खतरा रहता है और यह खतरा किसी बाहरी से नहीं बल्कि उनकी दिन-रात देखभाल करने वाले (एनिमल कीपर) से ही होता है. इसलिए जू प्रबंधन नये प्रवेश द्वार के पास एनिमल कीपर के लिए एक चेंजिंग रूम तैयार कर रहा है. जहां वे अपने घर के कपड़े बदल सकेंगे. इससे जानवरों के साथ उनके परिवार को भी संक्रमण से बचाया जा सकेगा.

टाटा जू का प्रवेश अब मरीन ड्राइव की ओर से होगा

आनेवाले समय में टाटा जूलॉजिकल पार्क का स्वरूप पूरी तरह से बदल जायेगा. इसका इंट्रेस से लेकर आकार का अलग स्वरूप होगा. इंट्रेंस जहां मरीन ड्राइव की ओर से होगा, वहीं इसका आकार 25 हेक्टेयर से बढ़कर 28 हेक्टेयर हो जायेगा. प्रवेश द्वार के पास गाड़ियों की पार्किंग होगी. टिकट काउंटर और आकर्षक शेड बनाया जायेगा.

हिरण के बाड़ा के बीच से अंदर करेंगे प्रवेश

जू का स्वरूप भी बदला जा रहा है. नया इंट्रेंस जू के सफारी एरिया की ओर से होगा. जू ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के मानक के अनुसार टाटा जू का सफारी नहीं था, इसलिए यहां सफारी फिलहाल बंद कर दिया गया है. लेकिन, पर्यटक को सफारी (जंगल) वाला माहौल जू आने पर मिले, इसके लिए मेन इंट्रेंस से जू के अंदर जाने के दौरान दोनों ओर हिरण का बाड़ा होगा. चारों ओर हरियाली और जंगल और उसके बीच हिरण का झुंड पर्यटक और बच्चों को जंगल में होने जैसा अहसास देगा.

क्यूआर कोड से मिलेगी जीव-जंतु और पेड़ों की जानकारी

टाटा जू प्रबंधन पर्यटक और बच्चों का ज्ञान बढ़ाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहा है. जू परिसर में लगे सभी पेड़ का अपना क्यूआर कोड होगा. क्यूआर कोड स्कैन करते ही लोगों को उस पेड़ का पूरा इतिहास पता चल जायेगा. यह भी पता चलेगा कि पेड़ जू में कब से लगा है. उसकी आयु से लेकर उपयोग, गुण की जानकारी भी मिलेगी. इसी तरह सभी जीव-जंतु का भी क्यूआर कोड होगा. उससे जू में उसके आगमन से लेकर आयु, जन्म कहा हुआ, कहां से लाया गया है, वह जानवर किस किस देश में पाया जाता है आदि विशेषता की जानकारी मिल सकेगी.

तकनीक आधारित होगा जू : डायरेक्टर

इस संबंध में टाटा जू डायरेक्टर डॉ विपुल चक्रवर्ती ने कहा कि टाटा जू के विस्तार के साथ बदलाव का काम लगातार जारी है. बदले स्वरूप के साथ जू वर्ष 2025 तक तैयार हो जायेगा. आनेवाले समय में पर्यटक और विद्यार्थियों के लिए जू मनोरंजन के साथ नॉलेज सेंटर का काम करेगा. वर्तमान से ज्यादा सुविधाएं होंगी. जू पूरी तरह से तकनीक आधारित होगा. इस वर्ष गर्मियों की छुट्टियों में खासकर मई में पर्यटकों की संख्या 35 हजार से ज्यादा रही. इसमें एक तिहाई हिस्सा बच्चों का रहा.

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रिपोर्ट : विकास श्रीवास्तव, जमशेदपुर.

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