दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के टीचर व मर्सी अस्पताल के डॉक्टर का जेपीएससी में चयन

मंगलवार देर शाम झारखंड लोक सेवा आयोग ने छठी संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया. इसमें जमशेदपुर के विनय कुमार सिंह को शिक्षा समवर्ग, जबकि अमित प्रकाश सिंह को वित्त समवर्ग में सफलता हासिल हुई है.

By Pritish Sahay | April 22, 2020 2:33 AM

जमशेदपुर : मंगलवार देर शाम झारखंड लोक सेवा आयोग ने छठी संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया. इसमें जमशेदपुर के विनय कुमार सिंह को शिक्षा समवर्ग, जबकि अमित प्रकाश सिंह को वित्त समवर्ग में सफलता हासिल हुई है. विनय कुमार सिंह दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में शिक्षक हैं. जबकि अमित कुमार सिंह मर्सी अस्पताल में फिजिशियन के तौर पर कार्यरत है. विनय कुमार ने प्रभात खबर से बात करते कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए किसी प्रकार की कोचिंग नहीं की थी बल्कि वे खुद दस विद्यार्थियों को पढ़ाते हुए यह सफलता हासिल की.

वहीं, दूसरी तरफ अमित प्रकाश सिंह ने बताया कि वे चिकित्सक तौर पर पूर्व से ही कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें बड़े पैमाने पर अपनी सेवा देने के लक्ष्य के प्राप्ति के लिए यह परीक्षा दी थी और सफलता हासिल की. विनय कुमार सिंह आशियाना सनसिटी बालीगुमा के रहने वाले हैं. इनके पिता बलवंत कुमार सिंह, मां बच्ची सिंह का बेटे की सफलता में अहम योगदान रहा. विनय साकची में सुपर टेन आईएएस में कोचिंग संस्थान का संचालन भी करते हैं. उन्होंने अपने जूनियर को संदेश देते हुए कहा कि इस परीक्षा में पास होने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी धैर्य की है.

अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे यूपीएससी करना चाहते थे इसके लिए कड़ी मेहनत भी की, लेकिन किसी कारण से चैन नहीं हो पाया. उसके बाद भी लगातार लगे रहे. बतौर शिक्षक कार्य करने के बावजूद घर से तैयारी करते रहे, जिसका नतीजा है कि उन्हें आज यह सफलता मिली. बारीडीह जाहेर टोला के रहने वाले अमित प्रकाश सिंह के पिता महावीर सिंह मुंडा सेवानिवृत्त बैंककर्मी हैं, जबकि मां गीता सिंह मुंडा टिनप्लेट यूनियन महिला महाविद्यालय की सेवानिवृत प्राचार्य हैं.

अमित प्रकाश ने 2007 में धनबाद के पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. जबकि स्कूली शिक्षा एडीएल सनसाइन और केरला समाजम मॉडल इंग्लिश स्कूल से पूरी की. अमित प्रकाश का चयन वित्त सेवा में किया गया है. उन्होंने कहा कि बतौर चिकित्सक कार्य जरूर कर रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अपने कार्य का दायरा और बढ़ायेंगे ताकि झारखंड के विकास में अपनी भूमिका निभा सकेंगे.

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