कोल्हान विवि के 2008 बैच के शिक्षकों को नहीं मिल रहा है प्रमोशन

कोल्हान विवि प्रोफेसर विहीन हो गया है. विश्वविद्यालय के पीजी डिपार्टमेंट असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफसरों के भरोसे चल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 11:15 PM

52 शिक्षकों के प्रमोशन की फाइल जेपीएससी में लंबित, शोध, शिक्षण और प्रशासनिक कार्य प्रभावित

वरीय संवाददाता, जमशेदपुर

कोल्हान विवि प्रोफेसर विहीन हो गया है. विश्वविद्यालय के पीजी डिपार्टमेंट असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफसरों के भरोसे चल रहा है. प्रमोशन लंबित रहने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. 2008 बैच में बहाल होने वाले शिक्षक अब तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ही बने हुए हैं. साथ ही कई शिक्षक प्रमोशन की आस में इसी पद से रिटायर भी हो रहे हैं. कोल्हान विश्वविद्यालय में इस प्रकार के कुल 52 शिक्षक हैं. यूजीसी रेगुलेशन 2018 के तहत सभी को प्रमोशन दी जानी है. झारखंड के कैबिनेट से 2022 से प्रभावी यह नियमावली अभी तक धरातल पर नहीं उतर सही है.

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क्या है नियमावली, कितने का हो रहा है नुकसान

यूजीसी के प्रमोशन नियमावली के अनुसार शिक्षकों को हर चार साल पर प्रमोशन मिलना है. इस चार साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बदलाव होना है. अभी कोल्हान विवि में 2008 बैच में बहाल शिक्षकों को 6000 ग्रेड पे का लाभ मिल रहा है. जबकि अगर उनका प्रमोशन हुआ होता तो उन्हें 7000 ग्रेड पे का लाभ मिलता. असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर बहाल होने वाले शिक्षकों को अगर समय से प्रमोशन दे दिया जाता तो उन्हें प्रतिमाह 70,000 से 80,000 रुपये अधिक मिलते.

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क्या-क्या हो रहा है प्रभावित

प्रमोशन नहीं होने से विश्वविद्यालय में शोध, शिक्षण और प्रशासनिक कार्यों में काफी अड़चनें आ रही हैं. विश्वविद्यालय से एनइटी-जेआरएफ किये हुए विद्यार्थी को शोध निदेशक के रूप में प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर जैसे शिक्षक नहीं मिल पाने के कारण दूसरे विश्वविद्यालयों में रिसर्च के लिए जाने को मजबूर हो रहे हैं.

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कहां अटकी है फाइल

कोल्हान विश्वविद्यालय के लगभग 52 शिक्षकों के प्रमोशन की फाइल जेपीएससी में लंबित है. इसका कारण तकनीकी गड़बड़ी बतायी जा रही है. प्रमोशन के लिए आवश्यक मानदंड से संबंधित नियम तय किये गये हैं, उसमें जेपीएससी व कोल्हान विश्वविद्यालय से निर्धारित मानक अलग अलग होने से समस्या बन रही है. हालांकि, कोल्हान विश्वविद्यालय के अलावा राज्य के अन्य विश्वविद्यालय में रेगुलर प्रोफेसरों की पदोन्नति की प्रक्रिया पर राज्य स्तर पर कार्य किया जा रहा है.

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