जमशेदपुर : कदमा चंडी बाबा मंदिर परिसर में काम करने वाले किशोर आशु महानंद (14) का शव बुधवार को मंदिर परिसर में फंदे से लटका मिला. आशु का पैर जमीन से सट रहा था. आशु के माता-पिता ने चंडी बाबा के पुत्र गोपाल मुखर्जी उर्फ देबू मुखर्जी पर बेटे की हत्या कर शव फंदे से लटकाने का आरोप लगाया है. घटना बुधवार शाम की है. आशु चंडीबाबा के घर में पिछले तीन साल से काम कर रहा था. गोपाल मुखर्जी की बेटी थैलीसीमिया से पीड़ित है जिसकी देखरेख अंजली करती है.
घटना के समय उसके साथ गोपाल मुखर्जी स्टील सिटी नर्सिंग होम में थे. उस वक्त घर में गोपाल का भतीजा अक्षय मुखर्जी था. उसी ने पहले आशु फंदे से लटका देखा और देबू मुखर्जी को सूचना दी. इसके बाद वह घर पहुंचे. उधर देबू मुखर्जी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आशु के परिजन और बस्ती के लोगों ने भाटिया बस्ती मंदिर परिसर के पास सड़क जाम कर दिया.
सूचना मिलते ही डीएसपी और थाना प्रभारी ने लोगों से सड़क जाम खत्म करने का अनुरोध किया. देबू की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लो देर शाम तक सड़क पर डटे रहे. आशु महानंद की मां नीलू महानंद ने बताया कि बेटा चंडी बाबा मंदिर में रहने वाले गोपाल मुखर्जी के घर पर तीन साल से काम कर रहा है. बुधवार को उसकी तबीयत खराब थी. परिवार के लोग उसे घर लेकर जाने के लिए आये तो देबू ने मना कर दिया था. परिवार के लोगों की जिद पर आशु अपने घर चला गया. दोपहर करीब दो बजे देबू ने फोन कर उसे मंदिर परिसर में अाने का कहा.
इसके बाद आशु मंदिर परिसर में देबू मुखर्जी के पास चला आया. करीब चार बजे लोगों से आशु के फांसी लगाने की जानकारी मिली. जब वह मंदिर परिसर पहुंचे तो पाया कि आशु फंदे से लटका हुआ है. उसके शरीर पर चोट के निशान भी हैं. वहीं गोपाल मुखर्जी उर्फ दूबे ने बताया कि आशु को बुखार था. दो दिन पहले उसे घर भेजा था. लेकिन माता-पिता ने उसे कोरोना होने और बीमारी सबको फैलाने की बात कहकर भगा दिया. उसके बाद आशु घर आ गया और बुधवार को उसने फांसी लगा ली.
वहीं, हंगामा कर रहे लोगों ने आरोपी कि गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसके घर में खड़ी गाड़ी में तोड़फोड़ा की, जिसके बाद पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा. वहीं, पुलिस ने मामले के आरोपी गोपाल मुखर्जी और चंदन मुखर्जी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
आसपास के लोगों ने कहा – मंगलवार को आशु के रोने की आवाज सुनी थी : परिवार के लोगों ने बताया कि आशु ने कई बार काम छोड़ने की बात कही. इसे लेकर परिवार के लोगों ने भी देबू से बात की, लेकिन वह उसे आने नहीं देता था. उसका मोबाइल फोन भी अपने पास रख लिया था. बात-बात पर उसकी पिटाई करता था. देबु उसे काफी प्रताड़ित करता था. आसपास के लोगों ने बताया कि मंगलवार को आशु के रोने की तेज आवाज आ रही थी.