वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
परसुडीह खासमहल स्थित कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रशासनिक भवन कैंपस में किसानों, व्यापारियों व खरीदारों को एक मंच पर लाने व लाभ दिलाने के लिए लाखों की लागत से किसान भवन बनाया गया है. वहीं बाजार समिति की ओर से समुचित पहल नहीं होने से किसान भवन करीब तीन-चार सालों से वीरान पड़ा हुआ है. परिसर में कई जगहों पर कचरा पसरा हुआ है. समुचित देखभाल नहीं होने से अब भवन भी जर्जर हो रहा है. इतना ही नहीं, किसान भवन में रखे कृषि उपज को ग्रेडिंग करने वाले उपकरण व मशीन भी बरबाद हो रहे हैं.किसान भवन से करना था ऑनलाइन ट्रेडिंग
ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम एक ऑनलाइन मार्केटिंग साइट है. इसके तहत किसान, व्यापारी और खरीदार एक ही साइट के माध्यम से ऑनलाइन खरीद और बिक्री कर सकते हैं. इस साइट पर किसान, व्यापारी व खरीदार को देशभर की लगभग 585 मंडियों का भाव और वहां उगाई और बेची जाने वाली फसलों की जानकारी ऑनलाइन दिया जाता है. बाजार समिति को किसान भवन में ऑनलाइन ट्रेडिंग समेत अन्य सारी सुविधा देना था. जिले में करीब 17 हजार से अधिक किसानों ने ई-नाम योजना के तहत अपना पंजीकरण करवाया है, लेकिन बाजार समिति शिथिलता व जानकारी के अभाव की वजह से किसान, व्यापारी और खरीदार को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है