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इंकैब इंडस्ट्री मामले में समयाभाव के कारण बहस रही अधूरी, 24 को होगी फिर सुनवाई

इंकैब इंडस्ट्री मामले में सेामवार को एनसीएलटी कोलकाता में अरविंद देवनाथन और बिदीसा बनर्जी की बेंच में सुनवाई हुई.

वरीय संवाददाता , जमशेदपुर .

इंकैब इंडस्ट्री मामले में सोमवार को एनसीएलटी कोलकाता में अरविंद देवनाथन और बिदीसा बनर्जी की बेंच में सुनवाई हुई. कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, आकाश शर्मा और मंजरी सिंहा ने हिस्सा लिया. हालांकि समयाभाव के कारण बहस सोमवार को अधूरी रही. अब मामले की सुनवाई 24 जुलाई 24 को होगी. इससे पूर्व अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीएलटी ने यह जांच नहीं की है कि कमला मिल्स लिमिटेड, फस्क्वा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, पेगासस एसेट्स रीकंस्ट्रक्शन कंपनी और ट्राॅपिकल वेंचर्स ने इंकैब कंपनी को कोई ऋण नहीं दिया, लेकिन सभी यह दावा कर रहे हैं कि इंकैब कंपनी के वास्तविक लेनदारों आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और सिटी बैंक ने उन्हें अपनी गैर निष्पादित अस्तियों को बेचा है.

इंकैब कंपनी 1993 से 1996 तक बंद हो गयी थी. सारे ऋण 1992 के अंत तक गैर निष्पादित अस्तियों में तब्दील हो गये थे और 1996 तक सारे ऋण समाप्त हो गये. जिन्हें समय सीमा के नियमों के कारण यानी तीन वर्षों के बाद फिर से जिंदा नहीं किया जा सकता है. 2018 में जब ये पिटीशन दाखिल की गयी तब इंकैब कंपनी का कोई भी वित्तीय लेनदार नहीं बचा था. तमाम वित्तीय लेनदार होने का दावा करने वालों ने एनसीएलटी को गुमराह करने के लिए सारे ब्यौरे नहीं दिये. लेनदारों की कमेटी को एनसीएलएटी ने अपने 4 जून 2021 के आदेश के द्वारा शुरू से ही अमान्य माना था.

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