जमशेदपुर. झारखंड स्टेट हैंडबॉल एसोसिएशन की ओर से जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार से द्वितीय यासीन उस्ताद मेमोरियल हैंडबॉल चैंपियनशिप की शुरुआत होगी. इस राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में ईस्ट सिंहभूम, कोडरमा, रांची, लोहरदगा, हजारीबाग, वेस्ट सिंहभूम, रामगढ़, गुमला, सारयकेला-खरसावां, अर्बन सर्विसेज, चतरा, बोकारो, पोड़ाहाट, धनबाद व दुमका सहित कुल 15 टीमें हिस्सा ले रही हैं. प्रतियोगिता का पहला मैच कोडरमा व रांची के बीच खेला जायेगा. वहीं, टूर्नामेंट का उद्घाटन जेएफसी के सीइओ मुकुल विनायक चौधरी करेंगे. टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार को होगा. उक्त जानकारी झारखंड स्टेट हैंडबॉल एसोसिएशन के सचिव खुर्शीद खान ने दी. झारखंड-बिहार में हैंडबॉल के जनक है यासीन उस्ताद यासीन उस्ताद को बिहार और झारखंड में हैंडबॉल का जनक माना जाता है. यासीन उस्ताद ने 1970 के दशक में पहली बार हैंडबॉल खेल के बारे में जानकारी हासिल की. 1972 में पहली बार यासीन उस्ताद ने हिसार में आयोजित राष्ट्रीय हैंडबॉल चैंपियनशिप में बिहार की टीम को लेकर खेलने के लिए गये थे. चूंकी, यह खेल बिहार के लिए नया था. इसलिए हैंडबॉल की टीम में अधिकर खिलाड़ी फुटबॉलर थे. उस्ताद 1972 से लेकर 1996 तक अविभाजीत बिहार हैंडबॉल संघ के सचिव रहे. यासीन उस्ताद की देखरेख में 1996 में अविभाजीत बिहार की टीम सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में उपविजेता बनी थी. यासीन उस्ताद हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया में उपाध्यक्ष भी रहे. 1996 में उस्ताद को एक गंभीर बीमारी हुई. इसके बाद वह हैंडबॉल से दूर हो गये. सन 2013 में 105 वर्ष की आयु में यासीन उस्ताद का निधन हुआ. यासीन उस्ताद ने सैकड़ों खिलाड़ी और कोच बनाये. इसलिए उन्हें उस्ताद के नाम से जाना जाता है.
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