पूर्वी सिंहभूम में मिले 19 नये मरीज संक्रमितों की संख्या हुई 211
पूर्वी सिंहभूम में बुधवार को कोविड-19 के 19 नये मरीज मिले, जिसके बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 200 का आंकड़ा पार कर 211 हो गयी है. ये सभी लोग संस्थागत कोरेंटिन में थे.
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम में बुधवार को कोविड-19 के 19 नये मरीज मिले, जिसके बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 200 का आंकड़ा पार कर 211 हो गयी है. ये सभी लोग संस्थागत कोरेंटिन में थे. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 19 में से 18 संक्रमितों को एमजीएम अस्पताल और एक को टीएमएच के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया है. वहीं, बुधवार को 10 संक्रमित स्वस्थ होकर घर लौट गये. वहीं पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला खरसावां जिले में दो-दो मरीज मिले.
इसी के साथ राज्य में नये मरीजों की संख्या 127 हो गयी है. पूर्वी सिंहभूम में पॉजिटिव पाये गये 19 लोगों में नौ चाकुलिया, चार बहरागोड़ा और एक-एक डुमरिया, पोटका, गोविंदपुर, मानगो, बिष्टुपुर (धातकीडीह) व मुसाबनी के रहने वाले हैं. धातकीडीह के संक्रमित के टाटा स्टील कर्मी होने की बात कही जा रही है, लेकिन इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है. बुधवार को पॉजिटिव पाये गये बहरागोड़ा के चार लोगों में से तीन पुणे व एक मुंबई से आये थे अौर बहरागोड़ा के कोरेंटिन सेंटर में थे.
पोटका का पॉजिटिव व्यक्ति मुंबई से आया था अौर सिदगोड़ा के प्रोफेशनल कॉलेज कोरेंटिन सेंटर में था. मानगो का पॉजिटिव मिला व्यक्ति गुजरात से आया था अौर गोलमुरी केरला समाजम स्कूल के कोरेंटिन सेंटर में था. धातकीडीह का पॉजेटिव मरीज दिल्ली से आया था अौर बिष्टुपुर के एक होटल में पेड कोरेंटिन में था. जानकारी के अनुसार, उनसे मिलने के लिए होटल में उनका भाई आया था, जिसके बाद भाई समेत परिवार के चार सदस्यों को टीएमएच में भर्ती कराया गया है. गोविंदपुर का व्यक्ति 24 मई को आंध्र प्रदेश से आया था.
वहीं, 10 पॉजिटिव की रिपोर्ट निगेटिव आने अौर स्वस्थ होने के बाद बुधवार को उन्हें टीएमएच से छुट्टी दे गयी. जिसमें एक-एक चाकुलिया, गोविंदपुर, बहरागोड़ा, बारीडीह, बागबेड़ा, गोलमुरी व टेल्को तथा बच्चा समेत तीन धालभूमगढ़ के ढोलकी के रहने वाले हैं. गोविंदपुर में 20 मई को एक ही परिवार के छह लोग पॉजिटिव पाये गये थे. इसमें से रिपोर्ट निगेटिव आने पर एक युवती अौर ढाई साल के बच्चे को पहले ही छुट्टी मिल गयी.
बुधवार को तीसरे सदस्य के रूप में महिला को छुट्टी मिली. इसके अतिरिक्त बारीडीह बस्ती की युवती को भी छुट्टी मिली. धालभूमगढ़ की महिला और बच्चा समेत तीन लोगों को छुट्टी मिली है. सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने सभी को बधाई दी अौर गुलदस्ता व सूखा राशन देकर विदा किया. जिले में अब तक 73 मरीजों की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है.
राज्य में कोरोना मरीज डेढ़ हजार के पार : स्वास्थ्य विभाग ने आशंका जतायी थी कि 15 जून तक राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा डेढ़ हजार के पार पहुंच सकता है. लेकिन, कोरोना के संभावित मरीजों का अनुमानित आंकड़ा 10 जून को ही सामने आ गया. बुधवार को राज्य के 14 जिलों में 127 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं. इसे लेकर राज्य में अब तक कुल 1550 पॉजिटिव मिल चुके हैं, जिनमें से आठ की मौत हो चुकी है. वहीं, 592 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. राज्य में फिलहाल कोरोना के कुल 950 एक्टिव केस हैं.
बुधवार को सिमडेगा से 31, गिरिडीह से 19, पाकुड़ से 12, कोडरमा से 12, पलामू से सात, हजारीबाग से सात, लोहरदगा से पांच, चतरा से पांच, रामगढ़, प. सिंहभूम, सरायकेला, बोकारो व खूंटी से दो-दो पॉजिटिव मिले. सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार को आठ पॉजिटिव मिले थे. हजारीबाग में मिले सातों पॉजिटिव मरीज कोरेंटिन में हैं. सभी प्रवासी हैं. हजारीबाग में 65 लोगों के सैंपल नौ जून को लिये गये थे. 10 जून को जांच की गयी, जिसमें सात मरीज पॉजिटिव मिले हैं.
कुल 2072 सैंपल की हुई जांच : बुधवार को नये 1434 सैंपल लिये गये हैं. कुल 2072 सैंपल की जांच की गयी है, जिसमें 128 पॉजिटिव मिले हैं. राज्य में अबतक 99129 सैंपल लिये गये हैं. इनमें 97512 सैंपल की जांच की जा चुकी है. इस समय 1557 सैंपल बैकलॉग में बचे हैं.
लॉकडाउन के 50 दिनों में जीरो केस एक माह में 211 हुए, 73 को िमली छुट्टी
जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम जिले में एक माह में पॉजिटिव केसों की संख्या 211 पहुंच गयी है. इनमें से 73 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. पूरे राज्य में सबसे ज्यादा पॉजिटिव पूर्वी सिंहभूम जिले में मिले हैं. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद राज्य सरकार ने 23 मार्च से अौर केंद्र सरकार ने 24 मार्च से लॉकडाउन घोषित किया था. लॉकडाउन के 50 दिनों तक (11 मई तक) पूर्वी सिंहभूम जिले में एक भी पॉजिटिव केस नहीं पाया गया था.
11 मई की रात जिले में कोरोना पॉजिटिव का पहला केस चाकुलिया के छात्र-छात्रा (रिपोर्ट निगेटिव आने पर दोनों को छुट्टी मिल चुकी है) का सामने आया था. इसके बाद एक-दो कर पॉजिटिव केस सामने आते रहे. 20 मई को गोविंदपुर के एक ही परिवार के छह लोगों (तीन की रिपोर्ट निगेटिव) समेत जिले में एक साथ नौ पॉजिटिव केस सामने आये, जिसके बाद से संख्या बढ़ती चली गयी.
30 मई को जिले में एक साथ 43 पॉजिटिव मिले, जिसके बाद संख्या बढ़कर 95 पहुंच गयी अौर रोजाना आ रहे दस से पंद्रह पॉजिटिव केस के बाद संख्या 211 पहुंच गयी है. जिले में पॉजिटिव पाये गये अधिकतर लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री रही है अौर दूसरे राज्यों से आये हैं. कुछ की पहचान कांटैक्ट ट्रेसिंग से हुई और तीन की ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आयी. राहत की बात यह रही है कि 211 में से 190 अलग-अलग कोरेंटिन सेंटर या अस्पताल में थे.
राज्य में सैंपल जांच का बैकलॉग जीरो हर दिन आनेवाले नमूने की होगी जांच
रांची. एक जून तक झारखंड में कोरोना सैंपल का बैकलॉग लगातार बढ़ता जा रहा था. स्थिति यह थी कि 13,631 सैंपल बैकलॉग में थे, लेकिन महज सात दिनों में ही बैकलॉग कम कर दिया गया है. 25-26 मई से लंबित सैंपल की भी जांच हो गयी. 10 जून की सुबह 10 बजे तक राज्य में बैकलॉग सैंपल 2195 ही बचे थे.
स्वास्थ्य विभाग ने इसे मुहिम के तौर पर लिया और सारे सैंपल की जांच करा दी. अब सरकार के पास जितने सैंपल लंबित हैं, उतनी की रोजाना जांच हो सकेगी. हर दिन तीन हजार से अधिक जांच की क्षमता : राज्य के 24 जिलों में ट्रूनेट मशीन लग गयी है. इस मशीन से एक दिन में 30 के करीब सैंपल की जांच हो जाती है.
वहीं राज्य के चारों लैब में 2,200-2,300 सैंपल की जांच हो जाती है. यानी पूरे राज्य में एक दिन में अब 3,000 से अधिक सैंपल की जांच हो सकती है. प्रधान सचिव ने बताया कि अब बैकलॉग में सैंपल कम हैं. जितने सैंपल हैं, उतने की एक ही दिन में जांच संभव है. यानी अब प्रतिदिन सैंपल लिये जायेंगे और जांच होती जायेगी. अगले दिन रिपोर्ट भी आ जायेगी.
सरकारी दर से भी कम दर पर जांच के लिए निजी लैब तैयार : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने बताया कि पाथकाइंड और थायरोकेयर लैब सरकारी दर से भी कम कीमत पर जांच के लिए तैयार हो गये. राज्य सरकार द्वारा करायी जानेवाली जांच में एक व्यक्ति की जांच पर 2,350 रुपये खर्च होते हैं. वहीं, निजी दोनों लैब ने 2,250 रुपये प्रति सैंपल की दर से जांच की.
दोनों लैब को दो-दो हजार सैंपल भेजे गये. इसकी रिपोर्ट छह, सात और आठ जून को आने लगी. इस कारण ही एकमुश्त सैंपल की जांच हो सकी. मई में राज्य में बड़ी संख्या में प्रवासी आये थे. जिसके कारण सैंपल की संख्या बढ़ती जा रही थी.