Jharkhand news: जमशेदपुर स्थित सोनारी एयरपोर्ट पर बुधवार को प्रशिक्षण दे रहा हवाई जहाज लैंडिंग के वक्त क्रैश कर गया. हालांकि, इस घटना में किसी तरह की हताहत नहीं हुई हे . चार सीटर इस हवाई जहाज में दो लोग सवार थे. दोनों सुरक्षित हैं. दोनों को हल्की चोटें आयी है. लैंडिंग के वक्त आगे का चक्का नहीं खुला. जिसके कारण विमान का अगला हिस्सा सीधे जमीन से टकराया. इससे विमान को बेली लैंडिंग करानी पड़ी.
DGCA की जांच चल रही
सोनारी एयरपोर्ट पर प्रशिक्षण देने वाली अलकेमिस्ट एविएशन के मृणाल कांति पॉल द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, प्रशिक्षण दे रहे हवाई जहाज का आगे का चक्का नहीं खुला जिस कारण से बेली लैंडिंग करायी गयी है. उन्होंने बताया कि हवाई जहाज में सवार फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और ट्रेनर दोनों सुरक्षित हैं. घटना के बाद से डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की जांच चल रही है. डीजीसीए और एरोप्लेन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से ईमेल भेज पूरी जानकारी मांगी गयी है.
रनवे से हटाया गया दुर्घटनाग्रस्त हवाई जहाज
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 24 घंटे तैनात रहने वाली टाटा स्टील फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मेडिकल की टीम ने घटना के तत्काल बाद मोर्चा संभाल लिया. दुर्घटनाग्रस्त हवाई जहाज में आगजनी की घटना नहीं हुई थी. इसलिए फायर ब्रिगेड की कोई जरूरत नहीं पड़ी. वहीं, दुर्घटनाग्रस्त हवाई जहाज को रनवे से हटा लिया गया है.
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अंदर मची अफरा-तफरी, बाहर सड़क पर जुटी भीड़
घटना के दौरान एयरपोर्ट के अंदर जहां अफरा-तफरी मच गयी थी, वहीं रनवे पर घसीटाने की तेज आवाज से बाहर सड़क से गुजर रहे लोग रुक गये. सड़क और एयरपोर्ट गेट पर दुर्घटनाग्रस्त हवाई जहाज को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी.
क्या है बेली लैंडिंग
बेली लैंडिंग किसी भी हवाई जहाज के लिए तब जरूरत पड़ती है जब उसके अगले हिस्से में लगा चक्का लैंडिंग के वक्त नहीं खुलता है. बेली लैंडिंग के दौरान हवाई जहाज को सामान्य रूप से व्यापक क्षति होती है. यह जोखिम होता है कि यदि विमान बहुत तेजी से या बहुत कठिन लैंड करता है, तो वह पलट सकता है, बिखर सकता है या आग पकड़ सकता है. सोनारी एयरपोर्ट पर बुधवार को हुई दुर्घटना में किसी तरह के हताहत या हवाई जहाज के बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होने से यह स्पष्ट होता है कि पायलट ने सूझबूझ से निर्णय लिया होगा. साथ ही हवाई जहाज की स्पीड भी काफी कम होगी. बेली लैंडिंग के संदर्भ में बताया जाता है कि अगर सावधानी से इसे अप्लाई किया जाये तो आमतौर पर घातक नहीं होता है.
Posted By: Samir Ranjan.