जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने कहा कि मोहरदा जलापूर्ति योजना को लेकर राज्य सरकार और जुस्को के बीच हुए समझौते के आलोक में आ रही कठिनाइयों को जल्द दूर कर लिया जायेगा. मोहरदा जलापूर्ति का परिचालन 2017 से जुस्को कर रही है. इसके संचालन के लिए जुस्को और सरकार के नगर विकास विभाग में एक समझौता हुआ है, जिसमें कहा गया है कि जलापूर्ति शुल्क का निर्धारण करने के उपरांत ही योजना का परिचालन होगा.
परंतु, तत्कालीन झारखंड सरकार ने बिना पेयजल आपूर्ति दर में संशोधन किये ही परियोजना चालू करने के लिए जुस्को से आग्रह किया. अब जुस्को जलापूर्ति शुल्क में संशोधन की बात उठा रही है. इसे लेकर मंगलवार काे सर्किट हाउस में बैठक हुई थी. इसमें जानकारी मिली कि पिछली सरकार ने जल और पेयजल शुल्क संशोधन के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया था, जिसने आपूर्ति शुल्क निर्धारित कर दिया था, परंतु इसकी सूचना जारी नहीं की.
जुस्को चाहती है कि वर्तमान सरकार यह सूचना जारी कर दे. आपूर्ति शुल्क निर्धारित नहीं होने के कारण जुस्को, मोहरदा जालापूर्ति योजना का बिजली शुल्क राज्य सरकार को नहीं दे रहा है. उसका कहना है कि पेयजल शुल्क का निर्धारण जिस दिन से होगा, उसी दिन से जुस्को बिजली देना शुरू कर देगी. सरकार और जुस्को के बीच का यह गतिरोध शीघ्र दूर हो इसका वे प्रयास करेंगे.
नगर विकास सचिव और नगर विकास मंत्री से इस पर बात करेंगे. इसका समाधान हो गया तो जुस्को की बिजली से मोहरदा पेयजल आपूर्ति का संचालन होने लगेगा, जिसके लिए एनओसी देने के लिए बिजली विभाग तैयार है. सरयू राय ने बताया कि बैठक में केबुल टाउन बस्ती की समस्याओं का समाधान करने पर भी वार्ता हुई.
वे चाहते हैं कि केबुल टाउन बस्ती में पेयजल की आपूर्ति जुस्को करे और सभी घरों में अलग-अलग कनेक्शन के माध्यम से बिजली की आपूर्ति जुस्को द्वारा की जाय. इस संबंध में जुस्को की कुछ शर्तें हैं, जिनका समाधान सरकार के माध्यम से होगा. इस मुद्दे पर जिला प्रशासन भी संवेदनशील है. इसी तरह बागान क्षेत्र की बस्तियों में पीने का पानी देने के लिए भी जुस्को कदम उठाये इस बारे में भी बैठक में चर्चा हुई.
जमशेदपुर के लोग बेहतर जनसुविधाएं चाहते हैं. सुविधाएं बेहतर तरीके से पहुंचे इसके लिए जिला प्रशासन और जुस्को के बीच सहयोग का एक नया अध्याय शुरू करने की पहल हुई है. पूर्ववर्ती सरकार और जुस्को के बीच हुए पेयजल आपूर्ति समझौता की कई खामियों के बावजूद यह समझौता चलता रहे, इसका प्रयास किया जायेगा. समय के अनुसार समझौता संशोधन एवं परिवर्द्धन जनहित और राज्यहित को केंद्र में रखकर किया जायेगा.
Post by : Pritish Sahay