Jamshedpur news. गोबरघुसी के ओप्पो गांव में दिखे पांव के निशान, बंगाल की ओर जा सकता है बाघ

31 दिसंबर से दलमा के आस-पास सक्रिय है बाघ, जरूरत पड़ी, तो जिला प्रशासन 144 लगाने से नहीं करेगा परहेज

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 8:16 PM

Jamshedpur news.

पलामू टाइगर रिजर्व का बाघ दलमा के क्षेत्र में ही घूम रहा है. 31 दिसंबर से दलमा क्षेत्र में घुसा बाघ पटमदा व बोड़ाम के कई गांव में दिख रहा है. कभी बाघ दिख रहा है, तो कभी उसके पंजों के निशान देख कर गांव वाले इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि इस क्षेत्र में वह मौजूद है.शुक्रवार को बाघ के पंजों के निशान बोड़ाम के गोबरघुसी के ओप्पो गांव के जंगल के पास देखने को मिला. गांव के कुछ युवकों ने निशान देखे और इसकी जानकारी लोगों को देकर सावधान रहने को कहा गया. सवा माह में चौथी बार बाघ की मौजूदगी देखी गयी है. बाघ की निगरानी के लिए 100 से अधिक ट्रैपिंग कैमरे लगाये गये हैं. पिछले कई दिनों से दलमा जंगल के विभिन्न क्षेत्र में घूम रहा बाघ गुरुवार को बोड़ाम थाना क्षेत्र की बेलडीह पंचायत स्थित गोबरलाद व पगदा गांव के आसपास पहुंच गया. गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने जारकी, गोबरलाद टोला व पगदा गांव में बांघ के पंजे के निशान देखे. इससे सनसनी फैल गयी. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची. वन क्षेत्र पदाधिकारी दिनेश चंद्रा ने पंजे के निशान बाघ के होने की पुष्टि की. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की. दूसरी ओर पटमदा के गोबरघुसी, धूसरा, पगदा, चिमटी आदि गांवों के ग्रामीण बाघ के भय से जंगल नहीं जा रहे हैं. जिसके कारण उन्हें सूखी लकड़ियां नहीं मिल रही हैं. जंगल जानेवालों में अधिकांश संख्या महिलाओं की है, जिन्होंने बाघ देखे जाने के बाद पहाड़ी क्षेत्र में जाने से परहेज का निर्णय लिया है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाये जाने की कोई सूचना नहीं है. पिछले दिनों चांडिल के तनकोचा जंगल में बाघ ने मवेशियों का शिकार बाघ द्वारा किये जाने के सबूत मिले थे. मंगलवार देर रात से बोड़ाम क्षेत्र के दलमा जंगल के तराई क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट देखा जा रहा है.

जरूरत पड़ी तो 144 लगायेंगे : उपायुक्त

पूर्वी सिंहभूम-दलमा के क्षेत्र में बाघ देखे जाने की जानकारी अलग-अलग माध्यमों से प्राप्त हो रही है. जिला प्रशासन की टीम वन विभाग के पदाधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. उन्हें हर संभव सहयोग दिया जा रहा है. क्षेत्र में लगातार गश्त की जा रही है. फिलहाल जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक बाघ जंगल क्षेत्र में है और वह बंगाल के जंगल की ओर जाता दिख रहा है. बावजूद यदि वह रिहायशी एरिया में प्रवेश करेगा तो मानव जाति की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में 144 लगाने से भी परहेज नहीं करेंगे.

अनन्य मित्तल, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूमB

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