जमशेदपुर: जमशेदपुर के टिमकेन कंपनी के कैंटीन में कार्यरत ठेका मजदूर आसित प्रमाणिक ( उम्र 49) की मौत के बाद परिजन मुआवजा की मांग को लेकर कंपनी गेट के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. परिजनों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन की लापरवाही की वजह से आसित प्रमाणिक की मौत हुई है. टिमकेन कंपनी के मृत कर्मी के पुत्र को पिता की जगह समान वेतन पर तत्काल नौकरी देने, 3 साल का डिप्लोमा करने पर कंपनी में स्थायीकरण करने और मृतक परिवार को ₹5 लाख मुआवजा राशि देने पर सहमति बनी. वार्ता में झामुमो नेता दुलाल भुईयां आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह, अप्पू तिवारी, चंदन यादव, आशीष नामता मौजूद थे.
मृतक के पुत्र सनय प्रमाणिक का कहना है कि बुधवार की सुबह 6:30 बजे उनके पिता ने फोन पर सूचना दी कि वे गिर गए हैं उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है. सूचना मिलते ही वे कंपनी पहुंचे. उनके पिता को जिस एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था उसमें ना ही कोई डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के कर्मी मौजूद थे और न ही ऑक्सीजन सिलेंडर या अन्य संसाधन मौजूद थे. गाड़ी भी सिक्योरिटी गार्ड चालक चला रहा था.
उनका कहना है कि एंबुलेंस में डॉक्टर व अन्य जरूरी संसाधन मौजूद होने से उनके पिता की जान बच सकती थी. पास के नजदीक अस्पताल ले जाने के बजाय उनके पिता को इलाज के लिए 12 किलोमीटर दूर आदित्यपुर ईएसआई अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों की मांग है कि कंपनी की लापरवाही की वजह से मौत हुई है. कंपनी प्रबंधन मृतक के पुत्र को स्थायी नौकरी और रू. 30 लाख मुआवजा दे. उसके बाद ही परिजन अंतिम संस्कार करेंगे. आपको बता दें कि टिमकेन कंपनी के मृत कर्मी के पुत्र को पिता की जगह समान वेतन पर तत्काल नौकरी देने, 3 साल का डिप्लोमा करने पर कंपनी में स्थायीकरण करने और मृतक परिवार को ₹5 लाख मुआवजा राशि देने पर सहमति बनी. वार्ता में झामुमो नेता दुलाल भुईयां आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह, अप्पू तिवारी, चंदन यादव, आशीष नामता मौजूद थे.
रिपोर्ट- अशोक झा, जमशेदपुर