जमशेदपुर : राज्य सरकार ने टीएमएच में इलाज के दौरान 31 बच्चों की हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन (सीएस) डॉ जुझार मांझी से रिपोर्ट मांगी है. इसे लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी जायेगी. उन्होंने कहा कि टीएमएच में 31 बच्चों की मौत हुई, जिसमें 20 से 22 बच्चों की मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर और पांच बच्चों की मौत देर से अस्पताल लाने तथा स्थिति ज्यादा गंभीर होने के कारण इलाज के दौरान इमरजेंसी में हुई. उन्होंने कहा कि बच्चों का मल्टी ऑर्गन फेल कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है.
इसके लिए बच्चों के इलाज से संबंधित कागजातों की जांच कर उसकी रिपोर्ट बनायी जायेगी. जिससे पता चल सके कि उन बच्चों के मल्टी ऑर्गन फेल होने के कारण क्या थे. वहीं चार ऐसे बच्चे थे जिनको गंभीर बीमारी थी. इसके साथ ही इस बात की जांच की जा रही है कि इनमें से डेंगू से कितने बच्चों की मौत हुई. प्रारंभिक रिपोर्ट मिल गयी है. विस्तृत रूप से जांच की जायेगी. ताकि बच्चों की मौत के सही कारण पता चल सके.
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टीएमएच में मरने वाले बच्चों की उम्र तीन माह से लेकर 15 साल तक बतायी जा रही है. इन सारे बच्चों को कोई ना कोई बीमारी थी. इन्हें तेज बुखार के बाद इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इसमें जमशेदपुर के विभिन्न इलाकों के बच्चे शामिल थे. टीएमएच में मरने वाले बच्चों की उम्र 15 वर्ष से कम थी.
सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने बताया कि टीएमएच में दो और बच्चों की मौत की शिकायत मिली है. इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनायी गयी है. टीम में शामिल सदर अस्पताल के डॉ जीएन सिंह, डॉ गिताली घोष व डॉ रंजीत पांडा को जल्द से जल्द मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. ताकि पहले व अब दोनों की रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जा सकें. टीम में शामिल सदस्यों को इन बच्चों की मौत का कारण विस्तारपूर्वक देने के लिए कहा गया है.