जमशेदपुर के गालूडीह में पर्यटकों के लिए बना शौचालय पर झाड़ियों का कब्जा, लाइट खराब, कुर्सियां टूटी
सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना नहर निर्माण के नाम पर विगत 40 साल से पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं, पर्यटन विकास के नाम पर फूटी कौड़ी खर्च नहीं कर रही.
संवाददाता, गालूडीह : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना नहर निर्माण के नाम पर विगत 40 साल से पानी की तरह पैसा बहा रही है. वहीं, पर्यटन विकास के नाम पर फूटी कौड़ी खर्च नहीं कर रही. गालूडीह में पर्यटकों के लिए चंद माह पहले बने शौचालय व बाथरूम झाड़ियों से घिर गया है. अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब है. पर्यटन विकास के नाम पर कुछ नहीं है. पर्यटकों के बैठने के लिए सीमेंट से बनीं एक दर्जन कुर्सियां रख रखाव के अभाव में टूट रही हैं. आस-पास गंदगी है. सफाई की व्यवस्था नहीं है. पुरुष और महिला के अलग-अलग शौचालय है. डीप बोरिंग की गयी है. देखरेख और सफाई के लिए कर्मी बहाल नहीं हैं. शौचालय में ताला लटका रहता है. पर्यटक उधर-उधर भटकते हैं. सार्वजनिक नल नहीं होने से पानी के लिए परेशानी होती है
वीरेंद्र राम के लगाये गये पौधे सूखे
परियोजना के मुख्य अभियंता रहते हुए वीरेंद्र कुमार राम ने आस-पास पौधे लगाये थे. वे जेल में हैं. उनके लगाये पौधे सूख गये हैं. बागवानी बर्बाद हो गयी. बराज में प्रति वर्ष काफी संख्या में पर्यटक आते हैं.
पर्यटकों के लिए शौचालय बना है, पर जंगली झाड़ियों से घिर गया है. इसके लिए कोई विभागीय फंड नहीं है. अपने स्तर से करेंगे. पर्यटन विकास के नाम पर फंड आयेगा, तो विकास होगा. हालांकि बराज का पर्यटन विकास जरूरी है. देखते हैं अपने स्तर से जो कर पाएंगे.
संतोष कुमार, कार्यपालक अभियंता, गालूडीह बराज डिविजन
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