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Jamshedpur news. ऊर्जा के उभरते स्रोतों के बारे में बताया गया

इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के सेमिनार में इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम में हालिया प्रगति पर इंजीनियरों ने किया गहन मंथन

Jamshedpur news.

इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), जमशेदपुर लोकल सेंटर ने बिष्टुपुर स्थित एसएनटीआइ ऑडिटोरियम में इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम में हालिया प्रगति पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. मौके पर एनएमएल के प्रमुख इंजीनियरिंग डिवीजन के प्रमुख और पूर्व मुख्य वैज्ञानिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.टाटा स्टील लिमिटेड, जमशेदपुर के आयरन मेकिंग इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस प्रमुख इंजीनियर सौरभ गोयल सत्र के अध्यक्ष थे. इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के सचिव थिरुमुरुगन ने समारोह की अध्यक्षता की. कार्यशाला में शिक्षा जगत के साथ-साथ उद्योग जगत के 75 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. इनमें एनआइटी जमशेदपुर, अरका जैन विश्वविद्यालय, श्रीनाथ विश्वविद्यालय, मैरीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, आदित्यपुर पॉलिटेक्निक के स्नातक, स्नातकोत्तर और अनुसंधान विद्वानों के साथ-साथ टाटा स्टील, टाटा स्टील ग्रोथ शॉप, सीएसआईआर-एनएमएल, आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड, टाटा टिनप्लेट आदि के पेशेवर शामिल थे.सेमिनार का उद्घाटन सत्र दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद इंजीनियर सौरभ गोयल ने स्वागत भाषण दिया. टाटा स्टील लिमिटेड के आयरन मेकिंग इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस के प्रमुख सौरभ गोयल ने ग्रिड नेटवर्क के एकीकरण के बारे में बात की और जागरूक किया. समारोह के मुख्य अतिथि प्रवेश कुमार धवन ने निर्बाध, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के लिए पावर ग्रिड के एकीकरण के लिए विद्युत ऊर्जा प्रणाली के बारे में जोर दिया. इसके लिए राष्ट्रीय ग्रिड के बेहतर नियंत्रण, सुरक्षा और साइबर सुरक्षा की आवश्यकता है. तकनीकी सत्रों में प्रख्यात वक्ताओं ने भाषण दिये. ऊर्जा में नवाचार विषय पर स्वच्छ, हरित भारत को आकार देना के उपविषय जीवाश्म ईंधन, हाइड्रोजन ईंधन, इलेक्ट्रोलिसिस शीर्षक मुख्य व्याख्यान मैरीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गालुडीह, जमशेदपुर की पूर्व प्रिंसिपल डॉ रेखा चौधरी द्वारा दिया गया था. उन्होंने अपना व्याख्यान दिया और ऊर्जा के उभरते स्रोतों के बारे में उद्देश्य को विस्तार से बताया जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा प्रदान करेगा.

तीसरा तकनीकी सत्र सहायक प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग और एसोसिएट डीन (शैक्षणिक मामले), आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जमशेदपुर के डॉ शरत चंद्र महतो द्वारा लिया गया. चौथा तकनीकी सत्र एनआइटी जमशेदपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार ने लिया, जिन्होंने हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर जोर देते हुए नए भारत के लिए हरित ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा पर बात की. अंतिम सत्र एनआइटी जमशेदपुर के पीएचडी रिसर्च स्कॉलर अजीत कुमार सिंह द्वारा लिया गया. उन्होंने डीसी माइक्रोग्रिड फीडर प्रोटेक्शन के बारे में चर्चा की.सेमिनार समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण, प्रतिभागियों का फीडबैक सत्र और उसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव शामिल था. धन्यवाद ज्ञापन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के पूर्व सचिव डी भट्टाचार्जी ने किया.

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