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कर समाधान स्कीम का व्यापारी लाभ उठायें, अस्पष्ट नोटिस जारी करने से विभाग बचे : न्यायाधीश

झारखंड हाइकोर्ट की न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी ने व्यापारियों को जारी किए जाने वाले नोटिसों के विषय में चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि विभाग को अस्पष्ट नोटिस जारी करने से बचना चाहिए.

बिष्टुपुर तुलसी भवन के ज्ञान मंडपम में सीटीबीए का कर सम्मेलन संपन्न

देश भर से 410 कर विशेषज्ञ हुए शामिल

जमशेदपुर :

बिष्टुपुर तुलसी भवन के ज्ञान मंडपम में कॉमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन (सीटीबीए) जमशेदपुर एआइएफटीपी (इस्टर्न जोन) द्वारा संयुक्त कर सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए झारखंड हाइकोर्ट की न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी ने व्यापारियों को जारी किए जाने वाले नोटिसों के विषय में चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि विभाग को अस्पष्ट नोटिस जारी करने से बचना चाहिए. उन्होंने तकनीक का सहारा लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई का सुझाव भी दिया. उन्होंने जीएसटी के सात साल पूरे होने और इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए सभी को बधाई दी और जीएसटी की कर समाधान स्कीम का लाभ उठाने के लिए व्यापारियों को प्रेरित किया. उन्होंने प्रोफेशनल्स से एथिकल प्रैक्टिस और इनोवेशन की ओर कदम बढ़ाने का आह्रान करते हुए कहा कि यही हमें आगे ले जाने का कारण बनेंगे. कर सम्मेलन में पूरे देश के विभिन्न शहरों से 410 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं कर अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया.

सम्मेलन की शुरुआत मुख्य अतिथि न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी, विशिष्ट अतिथि सेंट्रल जीएसटी के आयुक्त बिनोद कुमार गुप्ता, सीटीबीए के अध्यक्ष बासुदेव चटर्जी, चेयरमैन मुरलीधर केडिया, केएल मित्तल, महासचिव विनोद कुमार ने दीप जलाकर की. अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता देकर किया गया. इस दौरान न्यायाधीश ने सीटीबीए के सोविनयर का लोकार्पण किया. इसे प्रकाशित कराने के लिए अधिवक्ता अजय अग्रवाल, अधिवक्ता मनीष चौधरी एवं अधिवक्ता पीयूष चौधरी के प्रयासों की सराहना की.

किसी भी नोटिस को नहीं करें इग्नोर : आंचल कपूर

सेमिनार दो सत्रों में आयोजित किया गया था. प्रथम सत्र जीएसटी की जटिलताओं एवं इसके बदलावों पर सीए आंचल कपूर ने बारीकी से अपनी बातों को रखते हुए सभी को आगाह किया कि वे किसी भी नोटिस को इग्नोर नहीं करें. उसका जवाब तय समय के अंदर अवश्य दें, जिसका लाभ मिलेगा. टाटा स्टील के चीफ लीगल विकास मित्तल ने कहा एक व्यापारी को एक ही विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों द्वारा नोटिस देना गलत है. उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी अधिकारी, व्यापारी को अपनी बात रखने का मौका दिये बिना ऑर्डर नहीं निकाल सकता है. दूसरे सत्र के वक्ता डॉक्टर गिरीश थे. डॉ आहूजा अब तक पांच हजार से अधिक सेमिनार में शिरकत कर चुके हैं. डॉ आहूजा ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि असल में यह कानून रियल एस्टेट में व्याप्त काले धन के कारोबार को समाप्त करने का प्रयास है. प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन संघ के सचिव दिलीप कुमार ने दिया एवं दूसरे सत्र में जितेंद्र कुमार ने दिया. सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवालों को सीटीबीए ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.

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