अब बॉडी वार्न कैमरा की निगरानी में वाहनों की जांच करेगी ट्रैफिक पुलिस, जानिए क्या है और कैसे करता है काम

बॉडी वार्न कैमरा छोटा डिवाइस होता है. इसे वर्दी पर फिट किया जाता है. कैमरे में लैंस लगा होता है, जो चारों दिशाओं में घूम सकता है. क्षमता के अनुसार, इसमें डाटा 15 दिन तक स्टोर रह सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2023 9:19 AM
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जमशेदपुर, निखिल सिन्हा : शहर में ट्रैफिक पुलिस और वाहन चालकों पर बॉडी वार्न कैमरों से नजर रखी जायेगी. इसके लिए पहले चरण में ट्रैफिक पुलिस को 47 बॉडी वार्न कैमरे दिये गये हैं, जिसका इस्तेमाल वे एक-दो दिन में शुरू कर देंगे. ड्यूटी के दौरान उन्हें वर्दी पर कैमरा लगाना होगा. जवानों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है. वाहनों की जांच, चालान या अन्य कार्रवाई के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा की जाने वाली हर हरकत कैमरे में कैद होगी. अधिकारियों का मानना है कि इससे ट्रैफिक पुलिस के काम में पारदर्शिता आयेगी, वहां वाहन चालक भी जवानों के साथ अभद्रता करने से बाज आएंगे. बॉडी वार्न कैमरे में सॉफ्टवेयर होता है, जिसमें रिकॉर्डिंग रहती है. इसके डाटाके साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. किसी कार्रवाई के दौरान फुटेज को डिलीट करना या छिपाना संभव नहीं होता है.

कैमरा लगाने का उद्देश्य

ट्रैफिक पुलिस के ड्यूटी से गायब रहने और वाहन चालकों के साथ मारपीट व बदसलूकी की शिकायतें सामने आती रहती है. ट्रैफिक पुलिस के साथ भी अभद्रता के मामले भी सामने आते रहते हैं. कार्रवाई के दौरान चालक और पुलिस के बीच होने वाली बातचीत कैमरे में ऑडियो-वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी. दोनों पक्षों के बीच विवाद होने पर कैमरों के फुटेज से पता चल जाएगा कि गलती किसकी है और पुलिस आगे की कार्रवाई में इसे साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल कर सकेगी.

जवान के ड्यूटी के दौरान गायब रहने की खोलेगा पोल

शहर में अक्सर जाम के दौरान ट्रैफिक पुलिस के जवान गायब रहते हैं. कभी-कभी एक और जाम लगा होता है और दूसरी ओर पुलिस चालान काटने में लगी रहती है. बॉडी वार्न कैमरा होने पर जवान ड्यूटी से इधर-उधर नहीं जा सकेंगे. कैमरा उनकी हर हरकत पर नजर रखेगा. जवानों के इधर-उधर जाने पर कैमरा आसपास के लोकेशन को बताकर उसकी पोल खोल देगा.

क्या है बॉडी वार्न कैमरा

यह छोटा डिवाइस होता है. इसे वर्दी पर फिट किया जाता है. कैमरे में लैंस लगा होता है, जो चारों दिशाओं में घूम सकता है. क्षमता के अनुसार, इसमें डाटा 15 दिन तक स्टोर रह सकता है. इस कैमरे को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से कंट्रोल रूम से जोड़ा जा सकता है. ऐसे में कंट्राेल रूम से ही जवान की हर गतिविधि और कार्य स्थल पर उसकी मौजूदगी को अधिकारी ऑनलाइन मॉनिटर कर सकेंगे.

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जमशेदपुर ट्रैफिक पुलिस को बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराया गया है. एक-दो दिन में इसे चेकिंग प्वाइंट पर पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा. चेकिंग के दौरान हर गतिविधि इसमें रिकॉर्ड होती जायेगी. ट्रैफिक पुलिस को कई अन्य उपकरण भी जल्द उपलब्ध कराये जायेंगे.

-कमल किशोर, ट्रैफिक डीएसपी

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