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सफेद दाग का इलाज संभव, यह जन्मजात बीमारी नहीं : डॉ आर कुमार

सफेद दाग का इलाज संभव, यह जन्मजात बीमारी नहीं : डॉ आर कुमार

विश्व सफेद दाग दिवस आज – शहर में तीन प्रतिशत हैं सफेद दाग के मरीज

बढ़ी जागरुकता, महीना में सफेद दाग के 10 से 15 मरीज पहुंच रहे इलाज कराने

जमशेदपुर :

सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की धारणाएं है. यह वास्तव में कोई बीमारी नहीं, बल्कि गलत खान-पान, प्रदूषण, महिलाओं द्वारा खराब क्वालिटी का बिंदी लगाने, प्लास्टिक की खराब क्वालिटी का चप्पल पहनने आदि से होता है. शहर में सफेद दाग के मरीजों की संख्या करीब तीन प्रतिशत है. अगर इसका सही ढंग से इलाज कराया जाये तो यह ठीक हो सकता है. जिले के चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. आर कुमार ने बताया कि सफेद दाग को लेकर अभी लोगों के बीच जागरुकता काफी बढ़ी है. जिसके कारण अभी लोग इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. अभी महीने में कम से कम 10 से 15 मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे है. उन्होंने कहा कि बदन में सफेद दिखने वाला हर स्पॉट सफेद दाग नहीं होता है. इसकी भी जांच करने की जरूरत है. अगर वह सफेद दाग है तो उसका इलाज शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सफेद दाग किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 30 साल की उम्र से पहले अधिक आम है. इसके कई अलग-अलग प्रकार हैं. कुछ लोगों में ये सफेद धब्बे शरीर के एक हिस्से में दिखाई देते हैं. वहीं, कुछ मरीजों में ये धब्बे धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं. इसको लेकर कई मान्यताएं हैं, जिसके कारण सफेद दाग के मरीजों को मानसिक तनाव का अनुभव होता है. उन्होंने कहा कि यह शरीर के किसी अन्य अंग को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रभावित नहीं करता है. यह सिर्फ त्वचा में होता है.

क्या है सफेद दाग

यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसके चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगती है. सफेद दाग के मामले में खराब इम्यूनिटी की वजह से शरीर में स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं मेलानोसाइट मरने लगती है. इससे शरीर में जगह-जगह उजले धब्बे बन जाते हैं.

क्या है लक्षण

जब स्किन का रंग हल्का पड़ना के साथ उस हिस्से के बाल सफेद होने लगे तो यह सफेद दाग के लक्षण हो सकते हैं. शरीर में सफेद दाग हो, उसमें चोट, खरोंच या ठोकर लगती है और वह जगह भी सफेद होने लगे तो इसका मतलब है कि सफेद दाग शरीर में तेजी से फैल रहा है. सफेद दाग वाले स्थान पर कोई खुजली, दर्द नहीं होता है. गर्मी के मौसम में पसीने और ज्यादा गर्मी से जलन पैदा हो सकती है.

क्या करें इससे प्रभावित मरीज

खट्टी चीजें जैसे- नीबू, संतरा, आम , अंगूर, टमाटर, आंवला, अचार, दही, लस्सी, मिर्च, उड़द दाल, फास्ट फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, तेज केमिकल वाले साबुन, डिटर्जेंट आदि के इस्तेमाल से बचें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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