झारखंड : आज से खुंटव उत्सव का आगाज, होती है बुल फाइटिंग, यहां देख सकते हैं लाइव मैच

झारखंड के आदिवासी-मूलवासी बहुल गांवों में सामूहिक रूप से सोहराय गोट बाेंगा हुआ. देवी-देवताओं के समक्ष ग्रामवासियों ने खुशहाली, उन्नति व प्रगति के लिए की प्रार्थना की. आज से आदिवासी बहुल गांवों में ट्राइबल बुल फाइटिंग का आगाज है. बांदना पर्व के कार्यक्रमों पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2023 11:23 AM

जमशेदपुर शहर से सटे आदिवासी-मूलवासी बहुल गांवों में सोमवार को सोहराय गोट बाेंगा किया गया. माझी बाबा व नायके बाबा की अगुवाई में कुलदेवी-देवताओं समेत मरांगबुरु, जाहेरआयो, लिटा-मोड़े व तुरुई की सामूहिक पूजा हुई. गोट बोंगा टांडी अर्थात मैदान में समस्त ग्रामवासियों ने देवी-देवताओं के समक्ष नतमस्तक होकर परिवार व ग्रामवासियों की खुशहाली, उन्नति व प्रगति के लिए प्रार्थना की. साथ ही कृषि कार्य में सहयोग करने वाले मवेशियों के सुरक्षित रहने की कामना की गयी. इस दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से कृषि कार्य में सहयोग करने के लिए सामूहिक रूप से देवी-देवताओं के समक्ष उनका आभार जताया. कीताडीह ग्राम के माझी बाबा सह नायके बाबा महावीर मुर्मू ने बताया कि सोहराय व बांदना मूल रूप से मवेशियों को आभार जताने का महापर्व है. क्याेंकि उनके सहयोग के बिना कृषि कार्य संभव नहीं है. गांव देहात में कृषक परिवार सोहराय व बांधना पर्व को पांच दिनों तक अलग-अलग मान्यता व पूजन विधि से मनाते हैं.

आदिवासी बहुल गांवों में उत्साह चरम पर

आदिवासी समाज की मान्यता के अनुसार सोहराय व बांदना पर्व के तीसरे दिन मवेशियों का उत्साहवर्धन किया जाता है. मंगलवार को शहर के बाड़ेगोड़ा, सरजामदा, खुखड़ाडीह, बाघमारा, रानीडीह, देवघर, बालीगुमा समेत अन्य गांवों में ट्राइबल बुल फाइटिंग अर्थात खुंटव उत्सव का आयोजन होगा. इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मवेशी व उनके मालिक को पुरस्कृत किया जायेगा. वहीं मवेशियों का उत्साहवर्धन करने वाले चरहाव बीर को भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा. मालूम हो कि ट्राइबल बुल फाइटिंग जोखिम से भरा होता है. चरहाव बीर (बैलों को बिदकाने वाला) मवेशियों को चमड़े का बड़ा छाल दिखाकर सिंग मारने के लिए उकसाते हैं.

कब, कहां-कहां होगा खुंटव-

  • 14 नवंबर- बाड़ेगोड़ा, खुखड़ाडीह, बाघमारा (नरवा), रानीडीह, देवघर, बालीगुमा, सरजामदा

  • 15 नवंबर- गदड़ा ( देश बांदना),

  • 17 नवंबर- गोड़गोड़ा (बालीगुमा), नागाडीह

  • 26 नवंबर- करनडीह (दिशोम सोहराय), डुमकागोड़ा

लटकुगोड़ा में गौ-रक्षा के लिए हुई पूजा

परसुडीह क्षेत्र के हलुदबनी-लटकूगोड़ा में आदिवासी समुदाय द्वारा गौ रक्षण के लिए पूजा हुई. ग्राम के दिउरी अर्थात पुजारी गुमान सिंह भूमिज ने मवेशी व ग्रामवासियों की सुख-शांति व समृद्धि के लिए सरना गोट पूजा स्थल पर पूजा-अर्चना की. पूजा में लटकूगोड़ा के समस्त लोग शामिल हुए. पूजा अर्चना के बाद ग्रामीणों ने सामूहिक रूप प्रसाद ग्रहण किया. इस अवसर पर बबलू सिंह भूमिज, मुंडा नेपा गागराई, अशोक भूमिज, डाकुवा आनंद गागराई, डकुवा सामू हेंब्रम, पगला गागराई, राजू बिरूली, मंगल हेंब्रम व अन्य उपस्थित थे.

गदड़ा में देश बांदना कल

परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा में 15 नवंबर को देश बांदना उत्सव मनाया जायेगा. इसमें गदड़ा समेत आसपास के विभिन्न गांवों के लोग अपने मवेशियों को खुंटव के लिए लायेंगे. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मवेशी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा. बांदना उत्सव के सफलतापूर्वक आयोजन को लेकर ग्राम पूजा कमेटी के अध्यक्ष जेना जमुदा, राजेश सामंत, विश्वजीत भगत, बिरजू पात्रो, लखन सामद, प्राण बारदा, तुड़कू दिग्गी, गणेश भूमिज, शिवलाल लोहरा, विवेक गुप्ता, छोटे सरदार, अमित दास आदि लगे हुए हैं.

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