15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ट्राइबल संवाद प्रकृति से जुड़ाव और सामूहिकता का करा रहा अहसास

गोपाल मैदान में 19 नवंबर तक चलने वाले कार्यक्रम में देशभर से जुटे हैं आदिवासी

जमशेदपुर. बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में शनिवार को भारत की जनजातीय पहचान और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव ””संवाद-2024”” अपने उल्लासपूर्ण रंगों और ध्वनियों से जीवंत हो उठा. यह आयोजन जनजातीय परंपराओं, कला और संगीत का अद्वितीय संगम है, जो 19 नवंबर तक चलेगा. संवाद- ए ट्राइबल कॉन्क्लेब का दूसरा दिन जनजातीय कलाकारों की विशिष्ट प्रस्तुतियों का साक्षी बना. कलाकारों ने उपस्थित जनसमूह को भारत की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराया.

गोपाल मैदान के बीच में बने अखड़ा में मुंडा, हिमाचल की बोध और गोंड जनजातियों के कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और गीतों से जनजातीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं को साकार किया. उनके हर कदम और सुर में प्रकृति के साथ जुड़ाव और सामूहिकता की भावना का अहसास हुआ. इन नृत्य-गीतों ने केवल मनोरंजन ही नहीं किया, बल्कि जनजातीय जीवन के दर्शन और उनके सामाजिक ताने-बाने की झलक भी प्रस्तुत की. खासी जनजाति की एक्सपेरिमेंटल बैंड दी मिनोट की अनूठी प्रस्तुति ने पारंपरिक और आधुनिक संगीत के मिश्रण से समां बांध दिया. उनके मधुर स्वरों और वाद्य यंत्रों की धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद राजू सोरेन के नेतृत्व में संताली ऑर्केस्ट्रा ने एक के बाद एक मनमोहक गीत और संगीतमय धुनों से माहौल को उल्लासपूर्ण बना दिया.

पारंपरिक व्यंजनों को वैश्विक स्तर पर ले जाने की तैयारी

कार्यक्रम में जनजातीय होम कुक्स कार्यशाला का आयोजन विविध सांस्कृतिक स्वादों और परंपराओं के संगम का अनुपम अवसर सिद्ध हुआ. इसमें विभिन्न स्थानों से आये होम कुक्स ने भाग लेकर अपने अनुभवों और पाक-कौशल का आदान-प्रदान किया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य खाद्य उद्योग में निहित संभावनाओं का अन्वेषण करना और पारंपरिक व्यंजनों को आधुनिक व स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों के रूप में लोकप्रिय बनाना था. कार्यशाला में उपस्थित वक्ताओं ने अपने-अपने विचारों को प्रस्तुत किया, जिसमें पारंपरिक व्यंजनों की प्रासंगिकता, उनके पोषण संबंधी लाभ और उन्हें वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने की रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई. यह कार्यशाला न केवल सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देने का माध्यम बनी, बल्कि पारंपरिक पाक-कला के संरक्षण और उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक प्रेरणादायक पहल के रूप में उभरी.

सांप के काटने पर जहर निकालने वाली टैबलेट का क्रेज

ट्राइबल हीलर्स के स्टॉल नंबर-26 में लोगों की अच्छी खासी भीड़ जुट रही है. दरअसल इस स्टॉल में किसी को सांप के काटने के बाद उसके शरीर से जहर निकालने वाली टैबलेट मिल रही है. सुदूर गांव-देहात से आने वाले लोग इस टैबलेट को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. यूं तो एक छोटी टैबलेट की कीमत थोड़ी महंगी है, लेकिन लोगों को इसकी तनिक भी फिक्र नहीं है. वहीं, यहां युवाओं की भी भारी भीड़ जुट रही है. दरअसल जड़ी-बूटी से बनी वेट लॉस अर्थात वजन कम करने वाली दवा किफायती कीमत में मिल रही है. आंध्र प्रदेश से आये वैध के वेंकैया ने बताया कि उनके द्वारा जड़ी-बूटी से तैयार की गयी दवा का उनके प्रदेश में अच्छी डिमांड है. अन्य प्रदेशों के लोग भी इसी भरोसे की वजह से फोन करके दवा मंगाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें