Tusu Festival 2023: पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर स्थित बिष्टुपुर गोपाल मैदान में दो साल बाद टुसू महोत्सव के अवसर पर जनसैलाब उमड़ा. टुसू प्रतिमा, चौड़ल और बूढ़ा गाड़ी लेकर पहुंचे लोगों ने अपनी संस्कृति-विरासत को समाज के लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शित किया. झारखंडवासी एकता मंच की ओर से आयोजित टुसू मेला में ढाई लाख से अधिक लोग शामिल हुए. मेला में झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोग करीब 170 टुसू प्रतिमा और चौड़ल लेकर पहुंचे. इसमें सात लोगों को टुसू में, चार को चौड़ल और एक व्यक्ति को बुढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया. आयोजन का नेतृत्व सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, ईंचागढ़ की विधायक सविता महतो, जुगसलाई विधानसभा के विधायक मंगल कालिंदी, गम्हरिया की पार्षद स्नेहा महतो कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने की.
झारखंड की विरासत है टुसू मेला
बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में आयोजित टुसू महोत्सव के अवसर आपार भीड़ पहुंची. टुसू प्रतिमा, चौड़ल एवं बुढ़ा गाड़ी लेकर पहुंचे लोगों ने अपनी संस्कृति-विरासत को समाज के लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शित किया. झारखंडवासी एकता मंच की ओर से आयोजित टुसू मेला में ढाई लाख से अधिक लोगों ने शिरकत की. मेला में झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा ओडिशा व पश्चिम बंगाल के करीब 170 टुसू व चौड़ल लेकर पहुंचे. इसमें सात लोगों को टुसू में, चार को चौड़ल व एक व्यक्ति को बुढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में पुरस्कृत किया गया. आयोजन का नेतृत्व सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, ईंचागढ़ की विधायक सविता महतो, जुगसलाई विस के विधायक मंगल कालिंदी, सरायकेला की पूर्व पार्षद सारथी महतो, गम्हरिया की पार्षद स्नेहा महतो कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो ने की.
शहीदों को किया नमन, टुसू व चौड़ल की संख्या में भारी वृद्धि
बारीपादा से आये लालचंद महतो एंड झुमुर ग्रुप ने टुसू व झूमर गीत गाकर माहौल को गर्म कर दिया. इसमें गीत प्रस्तुत करनेवालों में मोंटी, कुनी, लिलि, अजय के नाम शामिल थे. एंकर की भूमिका सूरज ने निभाई. अतिथियों ने संयुक्त रुप से वहां देश व राज्य के आंदोलन में अहम योगदान देनेवालों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया एवं कार्यक्रम की शुरुआत की. वहीं, आयोजकों की ओर से एक तरफ रघुनाथ महतो, शहीद बिरसा मुंडा व सिदो-कान्हू की तस्वीर लगायी गयी. दूसरी ओर शहीद निर्मल महतो, पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो, राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुधीर महतो तथा पूर्व विधायक स्व. साधुचरण महतो की तस्वीर थी. कार्यक्रम के अंत में पूर्व सांसद स्व. साधुचरण महतो, मंच के सक्रिय कार्यकर्ता बाबू नाग सहित कोरोनाकाल में निधन होनेवाले मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा.
Also Read: Tusu Festival: गांव से शहर तक फैलने लगी टुसू की खुशबू, गूंजने लगे गीत, चलने लगी ढेकीसंस्कृति ही हमारी पहचान : सांसद
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि खेती से नयी फसल घरों तक पहुंचने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है. दैनिक जीवन में जो चीजें व्यतीत होती हैं, उन्हें गीत के रुप में गाकर खुशी मनाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है. संस्कृति पूर्वजों की देन है, मर जाएंगे, लेकिन इसे मिटने नहीं देंगे. पूर्व सांसद सुमन महतो तथा ईंचागढ़ की विधायक सबिता महतो ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. मंच संचालन फणींद्र महतो तथा श्रीनिवास राव ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुखदेव महतो, कमल महतो, स्वपन महतो, विजय महतो, सुनील महतो, चंद्रावती महतो, चूनका मार्डी, डॉ. रोड़ेया सोरेन, सुदर्शन महतो, सपन महतो, जुगल किशोर मुखी, मनोज महतो, काबलू महतो, रवि मुंडा, संतोष महतो, अशोक महतो आदि सदस्य सक्रिय रहे.
सांसद ने गाया मकर गीत
सांसद विद्युत वरण महतो ने अपने संबोधन के दौरान ही टुसु एवं झूमर गीत गाकर लोगों को मन मोह लिया. उन्हें आसछे मकर दु दिन सबुर कर, तुईं पीठा मुढ़ी जोगाड़ कर…गाया. स्व. निर्मल महतो के एक साथी ने भी मंच पर आकर टुसू गीत गाया.
इन्हें मिला पुरस्कार
टुसु प्रतिमा
प्रथम (31 हजार) : सुधांशु महतो – श्री श्री सार्वजनिक शिव समिति, सोसोमली, राजनगर
द्वितीय (25 हजार) : अजीत महतो – बहलदा टुसू कमेटी, ओडिशा
तृतीय (20 हजार) : धनंजय महतो – मां मनसा पूजा कमिटी, पद्मासाईं, राजनगर
चतुर्थ (15 हजार) : धनंजय महतो – आजाद बॉयज क्लब, चुनीडीह
पंचम (11 हजार) : दीपक महतो – मनपीटा, हुरलुंग
षष्टम (7 हजार) : दीपक महतो – धन्नीगोड़ा
अष्टम (5 हजार) : बिट्टू गोप – उलीडीह मानगो.
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प्रथम (25 हजार) : झारखंड एचडी चौड़ल समिति, अडक़ी खूंटी
द्वितीय (20 हजार) : मदन मोहन मांझी, अड़की खूंटी
तृतीय (15 हजार) : लखीकांत महतो, तमाड़ रांची
चतुर्थ (11 हजार) : कुईयानी बोड़ाम
बुढ़ी गाड़ी नाच : मातला सोरेन (जोजोबेड़ा).