Jamshedpur news. कैंसर पीड़ित जुड़वा बच्चों को मदद की दरकार, आपकी सहायता से मिलेगी नयी जिंदगी
सीएमसी वेल्लोर में आदित्य का इलाज शुरू हुआ, 10 लाख खर्च होंगे
Jamshedpur news.
ब्लड कैंसर पीड़ित टेल्को महानंद बस्ती निवासी आस्तिक प्रमाणिक के जुड़वा पुत्र आदित्य प्रमाणिक और आयुष प्रमाणिक को आर्थिक मदद की दरकार है. पिता आस्तिक प्रमाणिक और मां आशा ने शहरवासियों से मदद की गुहार लगायी है. आपकी सहायता से छह वर्षीय दोनों बच्चों को नयी जिंदगी मिल सकती है. सीएमसी वेल्लोर में आदित्य जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. आप लोगों का छोटा सा सहयोग ‘ब्लड कैंसर’ से पीड़ित आदित्य और आयुष की जान बचा सकता है. प्राइवेट बिजली मिस्त्री का काम करने वाले आस्तिक प्रमाणिक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उनके जुड़वा बच्चे कैंसर से पीड़ित हैं. पैसे के अभाव में सीएमसी वेल्लोर में आदित्य का इलाज रूक गया था. ‘प्रभात खबर’ में समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने पर शहरवासियों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाना शुरू किया. जिससे आदित्य का इलाज शनिवार को शुरू हो गया.आइये इस अभियान का बनते हैं हिस्सा
किसी का जीवन बचाना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है, आइये इस अभियान का हिस्सा बनते हैं. आपकी सहायता से दो छोटे बच्चों को नयी जिंदगी मिलेगी. संपूर्ण जानकारी के लिए आस्तिक प्रमाणिक के मोबाइल नंबर 72819- 69289 पर भी आप संपर्क कर सकते हैं. पे फोन पर सहयोग राशि भेज सकते हैं. इसके अलावा (Account no. 598218210001859. IFSC Code : BKID0005982) पर सहयोग की राशि भेज सकते हैं.
जेएनएसी अभियंता ने की पांच हजार रुपये का सहयोग
जेएनएसी के अभियंता नीतेश कुमार अपने बेटे के जन्म दिन पर हर साल कंबल बांटते थे. बच्चों के बारे में जानकारी मिलते ही उन्हें पांच हजार रुपये इलाज के लिए सहयोग राशि भेजी. इसके अलावा शहर के कई लोगों ने परिजनों को आर्थिक सहयोग की राशि पे फोन के माध्यम से भेजी है. अब परिजनों को 65 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है.दोपहर एक बजे शुरू हुआ इलाज, अस्पताल ने बताया 10 लाख का खर्च
शहरवासियों की ओर से आर्थिक मदद मिलने के बाद आस्तिक प्रमाणिक का इलाज दोपहर एक बजे शुरू हुआ. सीएमसी वेल्लोर के चिकित्सकों ने बताया कि आस्तिक प्रमाणिक एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित है. यह एक तरह का कैंसर है, जिसमें अस्थि मज्जा बहुत ज्यादा मात्रा में लिम्फोसाइट्स बनाती है. यह रक्त और अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है. इसे तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया भी कहा जाता है. यह एक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है, इसलिए इसका तुरंत इलाज कराना जरूरी है. इसका मुख्य उपचार स्टेरॉयड और कीमोथेरेपी है. इलाज में दवाएं इम्यूनोथेरेपी या स्टेम सेल या बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी शामिल हो सकते हैं. एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया का इलाज लगभग ढाई साल तक चलेगा. चिकित्सा पर 10 लाख रुपये खर्च होगा. यह अनुमानित है. रिकवरी में दिक्कत होने से इलाज का खर्च बढ़ सकता है.डीसी से मदद की गुहार
आयुष व आदित्य प्रमाणिक को सरकारी मदद दिलाने के लिए करनदीप सिंह, मुन्ना देवी ने शनिवार को डीसी के नाम ज्ञापन सौंपा. करनदीप सिंह ने बताया कि डीसी, सिविल सर्जन को आवेदन देकर मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत बच्चों का इलाज कराने की गुहार लगायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है