संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी में शामिल दो सिपाहियों ने किया केस का समर्थन
एडीजे-1 के कोर्ट में बुधवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद आतंकी संगठन अलकायदा का संदिग्ध सदस्य धातकीडीह निवासी अब्दुल शामी और ओडिसा के अब्दुल रहमान कटकी की वीडियो कॉन्फ्रेसिं से पेशी हुई.
संदिग्धों की पहचान की, लेकिन सवालों के जवाब देने में उलझे
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद संदिग्ध आतंकी सामी, कटकी की पेशी
कलीमुद्दीन की सशरीर हुई पेशी
जमशेदपुर :
एडीजे-1 के कोर्ट में बुधवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद आतंकी संगठन अलकायदा का संदिग्ध सदस्य धातकीडीह निवासी अब्दुल शामी और ओडिसा के अब्दुल रहमान कटकी की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग और मानगो जाकिरनगर क्रास रोड-12 निवासी मौलाना कलीमुद्दीन की सशरीर पेशी हुई. इधर, केस की सुनवाई में संदिग्धों की गिरफ्तारी में शामिल दो सिपाही (वर्तमान में एक जमशेदपुर और दूसरा रांची में पदस्थापित) ने केस का समर्थन किया. संदिग्धों की पहचान की. हालांकि कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता दिलीप महतो ने दोनों सिपाही से एक-एक कर क्रॉस किया कि छापेमारी कहां हुई, मकान की चौहदी क्या थी, छापेमारी में क्या जब्त हुआ था के सवाल पर दोनों स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये.मालूम हो कि आठ साल पूर्व 18 जनवरी 2016 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र से आतंकी संगठन अलकायदा के संदिग्ध सदस्य होने के आरोप में अब्दुल सामी को गिरफ्तार किया था. जबकि अब्दुल रहमान कटकी को ओडिसा से गिरफ्तार किया था. बिष्टुपुर पुलिस ने धातकीडीह में मो. मसूद उर्फ मोनू और आजादनगर में नसीम अख्तर उर्फ राजू के घर में छापामारी कर पिस्तौल, आतंकी पुस्तक भी बरामद किया था. इस मामले में बिष्टुपुर थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी जितेन्द्र कुमार के बयान पर 25 जनवरी 2016 को अब्दुल सामी, अब्दुल रहमान कटकी, नसीम अख्तर उर्फ राजू, मो. मसूद उर्फ मोनू, मौलाना कलीमुद्दीन समेत अन्य के खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाकर नामजद केस दर्ज किया था.
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