– केबल कंपनी के पास हुई फायरिंग मामले में फरार था अमरजीत
– गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर अमरजीत की निशानदेही पर पुलिस कर रही है छापेमारी
– किराये का मकान लेकर सिदगोड़ा में रह रहे थे अपराधी
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
गोलमुरी और सिदगोड़ा पुलिस ने अखिलेश सिंह गिरोह के दो अपराधी अमरजीत सिंह उर्फ शेट्ठी और रितेश को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से पुलिस ने पांच हथियार,गोली, तीन- चार लाख रुपये और एक कार जब्त किया है. दोनों अपराधी की गिरफ्तारी सिदगोड़ा थाना क्षेत्र की जोन नंबर-3 से हुई है. हालांकि गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस फिलहाल कोई जानकारी नहीं दे रही है. मंगलवार को एसएसपी किशोर कौशल मामले का उद्भेदन करेंगे. अमरजीत सिंह सीतारामडेरा के नीतिबाग कॉलोनी में हुए गैंगवार के दौरान भी उपस्थित था. इसके अलावा केबल कंपनी के पास भी हुई फायरिंग मामले में भी अमरजीत का नाम सामने आया था. अमरजीत गोविंदपुर थानांतर्गत प्रकाश नगर का रहने वाला है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोलमुरी पुलिस सूचना मिली कि मिली थी कि केबल कंपनी के पास हुई फायरिंग का आरोपी अमरजीत और उसका सहयोगी बीरू सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में एक मकान किराये में लेकर रह रहे है. उसके साथ अन्य अपराधी भी है.सूचना पर गोलमुरी पुलिस ने वरीय अधिकारी को इसकी जानकारी दी. उसके बाद सिदगोड़ा पुलिस के साथ मिल कर किराये के मकान में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पुलिस ने अमरजीत और रितेश को मौके से गिरफ्तार कर लिया. जबकि बीरू पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया. रितेश के आपराधिक इतिहास के बारे अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है. वहीं कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस ने पांच पिस्तौल, गोली, भारी मात्रा में नकद रुपये और मोबाइल बरामद किया है. पुलिस ने उनके पास से एक कार भी जब्त की है.
पुलिस की माने तो वह उसके गिरोह में शामिल लोगों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है. बीरू के बारे में भी पुलिस ने अमरजीत से कई जानकारी ली है. इसके अलावे गिरोह के कौन कौन लोग कहां , उससे बारे में पूछताछ की है.अमरजीत ने आधार कार्ड देकर लिया था मकान :
मिली जानकारी के अनुसार अमरजीत सिंह ने अपना आधार कार्ड मकान मालिक के पास जमा करा कर किराये पर मकान लिया था. वह अपने साथ रितेश को भी उसी मकान में रखा था. मिली जानकारी के अनुसार फायरिंग का आरोपी बीरू का भी वहां आना जाना था. पुलिस को अमरजीत ने बताया कि अखिलेश सिंह के बाद वह अब हरीश सिंह के लिए काम करने लगा था. हरीश के कहने पर वह रंगदारी वसूलने का काम भी करता था.
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