अपराधियों ने पूछताछ में उगले कई राज, आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस
अपराधियों के पास से 13 मोबाइल, एक लैपटॉप, 7 लैपटॉप चार्जर, 1 स्वीपर मशीन और 13 एटीएम कार्ड मिले
जमशेदपुर :
देश-विदेश में रहने वाले लोगों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सात अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गोलमुरी के मुस्लिम बस्ती में छापेमारी कर साइबर ठगी के सभी आरोपियों को पकड़ा है. गिरफ्तार होने वालों में गोलमुरी टुइलाडुंगरी निवासी अमरीक सिंह उर्फ रिंकू, कोलकाता दत्ता लेन निवासी विवेक गुप्ता, कोलकाता बगोई पाड़ा निवासी तनुप दास, हावड़ा निवासी गौरव चौधरी, मनीष चौधरी, संदीप कुमार राम और प्रवीण चौधरी शामिल है. छानबीन और छापेमारी के दौरान पुलिस को उनके पास से 13 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 7 लैपटॉप चार्जर, 1 स्वीपर मशीन और 13 एटीएम कार्ड मिले हैं. साइबर अपराधियों के इस गिरोह का सरगना टेल्को घड़ी पार्क निवासी सौरभ कुमार सिन्हा और साइबर क्राइम के लिए जगह उपलब्ध कराने वाला रमीज रजा खान फरार है. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. पूछताछ करने के बाद पुलिस ने रविवार को सभी को जेल भेज दिया है. उक्त जानकारी गोलमुरी पुलिस ने दी.इस मामले में कुल 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. जिसमें सरगना सौरभ कुमार सिन्हा, रमीज रजा खान, सौरभ का साला दीपू उर्फ गुदीप, चिंटू, बासू , आयुष, शरद, साहिल, वंश और संदीप साह शामिल है. ये सभी अब तक फरार हैं.गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाईपुलिस ने बताया कि इस गिरोह के बारे में एसएसपी किशोर कौशल को गुप्त सूचना मिली थी. सूचना में यह जानकारी मिली थी कि गोलमुरी में साइबर अपराधियों का एक गिरोह विदेशी लोगों से ठगी करने का काम कर रहे हैं. सूचना के बाद बिष्टुपुर थाना में रमीज रजा खान के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. एसएसपी के निर्देश पर बिष्टुपुर थाना प्रभारी उमेश कुमार ठाकुर और गोलमुरी पुलिस बल के साथ एक टीम का गठन किया गया. जिसके बाद टीम ने रमीज रजा खान के घर पर छापेमारी की. चौथे तल्ले पर स्थित रमीज के फ्लैट से पुलिस ने सात लोगों को एक साथ गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार गिरोह अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है.कमीशन देकर काम कराता था सौरभपूछताछ के दौरान गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया कि इस गिरोह का सरगना सौरभ है. वह साइबर ठगी का काम एक माह पूर्व ही जमशेदपुर में शुरू किया है. रमीज रजा खान के घर पर ठगी का काम चलता था. सभी ठगों को रहने के लिए फ्लैट दिया गया था. इसके अलावे सौरभ कमीशन के रूप में सभी को 30-40 हजार रुपये देता था. इसके अलावे ज्यादा रुपये ठगे जाने पर भी उन लोगों को अलग से कमीशन सौरभ देता था. सौरभ का साला दीपू उर्फ गुरदीप सिंह उन लोगों के लिए खाने-पीने और जरूरत का सामान उपलब्ध कराता था. हावड़ा का रहने वाला दिलीप सौरभ को साइबर ठगी के लिए लड़का उपलब्ध कराता था. ठगी का पैसा सौरभ सिन्हा के पास ऑनलाइन मंगाया जाता था.यूके-लंदन के लोगों को करता था टारगेटसाइबर अपराधियों ने बताया कि यह गिरोह विदेश के लोगों को टारगेट करता था. उसके बाद उन लोगों से रुपये ठगी करने का काम करता था. गिरोह के लोग लंदन में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा शिकार बनाया है. यह गिरोह शाम सात बजे से टीम बनाकर अपना काम शुरू करता था. उसके बाद सुबह करीब 6-7 बजे तक गिरोह काम करता था. इस दौरान ठग गिरोह विदेश के लोगों से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से संपर्क कर उन्हें अपने जाल में फंसाकर रिमोट कंट्रोल ऐप (एनी डेस्क, स्पेयर पार्टस एप) से लोगों के मोबाइल का क्लोन कर लेता था. इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी और वेस्टर्न यूनियन मनी ग्राम के माध्यम से भी ठगी करता था.अमरीक उपलब्ध कराता था डेटापुलिस ने बताया कि अमरीक सिंह गिरोह के सदस्यों को विदेश में रहने वाले लोगों को डेटा उपलब्ध कराता था. अमरीक उन लोगों को विदेशी लोगों का फोन नंबर, उनके परिवार की जानकारी समेत कई प्रकार की जरूरी जानकारी उपलब्ध कराता था. जिसके कारण ठगी के दौरान लोगों को वे लोग आसानी से अपने झांसे में ले लेते थे.बड़ी ठगी होने पर होती थी पार्टीपुलिस ने बताया कि जिस दिन गिरोह के लोगों के द्वारा बड़ी ठगी की जाती थी. उस दिन सरगना की ओर से पूरी टीम को पार्टी दी जाती थी. पार्टी में खान-पान के साथ शराब और अन्य व्यवस्था भी दी जाती थी. उस दिन और कोई दूसरा काम नहीं होता था. सौरभ सिन्हा का साला दीपू उन लोगों के लिए खाने-पीने और शराब उपलब्ध कराता था. उन लोगों के लिए इंटरनेट और मोबाइल रिचार्ज कराने का काम भी दीपू करता था.
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