जमशेदपुर : जमशेदपुर के कई विद्यार्थी अब भी यूक्रेन में फंसे हैं. जान-माल के नुकसान की आशंका के बीच छात्र-छात्राएं दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. बच्चों की स्थिति जानने के बाद अभिभावक परेशान हैं. खारकीव में फंसी आयुषी के पिता सत्यजीत सिन्हा ने बताया कि उनकी बेटी पांच दिनों से बंकर में है. बिस्कुट खाकर जान बचा रही है. वहां केवल पानी मिल रहा है.
एग्रिको की कहकशा खान यूक्रेन के स्म्रिका स्ट्रीट में एक घर में फंसी है. कीव में फंसी छात्रा सौमिहा के पिता प्रेसेनजीत मुखर्जी ने बताया कि बेटी व अन्य बच्चों को हॉस्टल खाली करने को कहा गया था. सोमवार सुबह सभी पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचे. काफी परेशानी के बाद ट्रेन में चढ़ने का मौका मिला.
यूक्रेन में फंसी रशिका खेमका के भाई नितिन खेमका ने बताया कि दो दिनों की डर व परेशानी झेल रही उनकी बहन रशिका ने मारडोवा के एक रेस्टोरेंट में खाना खाया. रशिका मारडोवा में रुकी हुई है. मंगलवार को बस से रोमानिया जायेंगी. रोमानिया जाने में 12 घंटे लगेंगे.
यूक्रेन में फंसे बागबेड़ा निवासी सन्नी सिंह के भाई नितिन कुमार सिंह ने बताया कि पांचवें दिन सोमवार को उसका भाई सन्नी सुरक्षित ढंग से हंगरी पहुंच गया है. सोमवार को फोन पर बात हुई है. भाई ने बताया कि हंगरी में खाना-पीने की कोई कमी नहीं है. यहां उसने सही ढंग से खाना खाया. भारतीय दूतावास से संपर्क कर सुरक्षित घर लौटने के लिए प्रयास कर रहा है. अबतक भारत सरकार की ओर से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है.
Posted By: Sameer Oraon