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यूपीएससी में झारखंड के कोल्हान का परचम, स्वाति शर्मा, हर्षित, ऋत्विक, आतिफ, अमन अग्रवाल व मुनींद्र कुमार ने बढ़ाया मान

UPSC Result 2023: यूपीएससी की परीक्षा में झारखंड के कोल्हान प्रमंडल के बेटे-बेटियों ने परचम लहराया है. स्वाति शर्मा, हर्षित, ऋत्विक, आतिफ, अमन अग्रवाल व मुनींद्र कुमार ने राज्य का मान बढ़ाया है.

UPSC Result 2023: जमशेदपुर-संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2023 में जमशेदपुर के बेटे-बेटियों ने परचम लहराया है. मानगो की स्वाति शर्मा ने 17वीं रैंक, कदमा के हर्षित वर्मा ने 270वीं रैंक, लोयोला के पूर्व छात्र ऋत्विक ने 520वीं रैंक, अमन अग्रवाल को 544वीं रैंक, मुनींद्र कुमार को 737वीं रैंक और तामोलिया के आतिफ वकार इकराम अंसारी ने 819वीं रैंक हासिल की है. पढ़िए संजीव भारद्वाज, ब्रजेश सिंह, कुमार आनंद की रिपोर्ट.

स्वाति को तीसरे प्रयास में मिली सफलता
शहर की बेटी स्वाति शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2023 की प्रतिष्ठित परीक्षा में जमशेदपुर का नाम रोशन किया है. स्वाति ने ऑल इंडिया रैंकिंग में 17वां स्थान हासिल किया है. उसने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. मंगलवार को रिजल्ट जारी होने के बाद सूची में स्वाति का नाम 17वें स्थान पर देखकर पूरा परिवार झूम उठा. पिता संजय शर्मा मूलरूप से बिहार के रोहतास जिले के कवाथ डिलिया गांव के रहनेवाले हैं. स्वाति का परिवार मानगो के उलीडीह के कालिकानगर में रहता है. स्वाति ने बताया कि पिता सेना में थे, इसलिए आरंभिक पढ़ाई देश के कई हिस्सों में हुई. 10वीं आर्मी सेकेंडरी स्कूल, कोलकाता से की. 12वीं जमशेदपुर के साकची स्थित टैगोर एकेडमी से पूरी की. इसके बाद 2019 में बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से पॉलेटिकल साइंस में एमए किया. जब वह टैगोर एकेडमी से 12वीं कर रही थी, तो उसके शिक्षक जाकिर अख्तर ने उसे यूपीएससी परीक्षा के लिए मोटिवेट किया. शिक्षक की बातों से प्रभावित होकर उसने माता-पिता से बात की. स्वाति ने पहले दो प्रयास के दौरान जमशेदपुर में ही रहकर पढ़ाई की और परीक्षा दी, लेकिन सलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद उसने अंतिम प्रयास की तैयारी के लिए दिल्ली जाने का फैसला किया. नवंबर 2022 में दिल्ली में जाकर पढ़ाई शुरू की. जून 2023 में परीक्षा हुई, अगस्त में परिणाम आया. जनवरी 2024 में इंटरव्यू हुआ और फाइनल रिजल्ट मंगलवार को आया, तो ऑल इंडिया रैंकिंग में 17वें स्थान पर रही.

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सफलता का मूल मंत्र : पुरानी गलतियों को दोहराएं नहीं
स्वाति शर्मा ने प्रभात खबर से कहा कि उसने जो सफलता हासिल की, उसके पीछे एक मूलमंत्र रहा कि पुरानी गलतियों को दोहराना नहीं है. आगे कैसे पढ़ना है, इसके बारे में सोचना है. टॉपर रहे छात्रों ने किस तरह सवालों का हल किया. उनकी पढ़ाई का पैटर्न क्या रहा. किस तरह खुद को बिना दवाब के पढ़ाई में व्यस्त रखना है. यह सीखा और इस पर काम किया, जिंदगी खुद बेहतर बनती गयी. पढ़ाई कभी भी बोझ या उबाऊ नहीं लगी. हर चीज अपने अनुरूप लगने लगी. समझ में आने लगा कि अब पीछे मुड़ कर देखने का समय खत्म हो गया है, आगे बढ़ना है. यूपीएससी के परिणाम ने अपार खुशियां प्रदान की है. लगातार फोन आ रहे हैं. माता-पिता, भाई, रिश्तेदार सब काफी खुश हैं.

यूपीएससी क्रैक करने का भरोसा था, लेकिन इतना अच्छा रैंक आयेगा, उम्मीद नहीं थी
स्वाति ने कहा कि यूपीएससी क्रैक करूंगी, इतना तो भरोसा था, लेकिन इतना अच्छा रैंक आयेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी. उसकी सफलता में उसके भाई संजीव शर्मा का काफी श्रेय है. संजीव टाटा स्टील (आइएल-6) में कार्यरत हैं. माता आशा देवी गृहिणी हैं, लेकिन उन्होंने हर वक्त पढ़ाई को लेकर सपोर्ट किया.

वर्ष 2014 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे संजय शर्मा
स्वाति के पिता संजय शर्मा वर्ष 2014 में थल सेना से सेवानिवृत्त हुए. उस समय वे कोलकाता में पोस्टेड थे. इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में एसआइएस कंपनी में योगदान दिया. स्वाति के भाई संजीव शर्मा ने को-ऑपरेटिव कॉलेज से फिजिक्स में पढ़ाई की. इसके बाद उनकी नौकरी टाटा स्टील में हुई. टाटा स्टील में संजीव आइएल-6 अफसर ग्रेड में हैं. पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह और उनकी पूरी टीम ने उनके घर जाकर उन्हें बधाई दी.

टाटा स्टील के कर्मचारी के बेटे हैं हर्षित वर्मा, बीआइटी मेसरा से की है कंप्यूटर इंजीनियरिंग
टाटा स्टील के सिंटर प्लांट-3 के सीनियर एसोसिएट्स समर कुमार के बेटे हर्षित वर्मा ने यूपीएससी में 272वां रैंक हासिल किया है. उसने चौथे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. परिवार जमशेदपुर के कदमा स्थित टाटा स्टील के फ्लैट प्रकृति विहार में रहता है. मां सीमा कुमारी गृहिणी हैं, जबकि छोटा भाई सिद्धांत वर्मा बीआइटी मेसरा से कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के बाद गूगल के लिए बेंगलुरु से काम करता है. यह परिवार मूलरूप से बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला है. हर्षित ने कदमा स्थित डीबीएमएस स्कूल से प्लस टू की है. इसके बाद उसने बीआइटी मेसरा से 2018 में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. वर्तमान में वह बेंगलुरु के एरकिसियम इंजीनियरिंग कंपनी के लिए काम कर रहा है. हर्षित ने जॉब करते हुए यूपीएससी की तैयारी की. हर्षित ने बताया कि प्रयास जारी रखने से सफलता मिलती है. कैजुअल तरीके से पढ़ाई से सफलता नहीं मिल सकती है. बस पढ़ना है, तो पढ़ना है और अपने गोल को हासिल करना है. यही मूलमंत्र के साथ पढ़ाई की. उसने कहा कि जॉब करने के बाद जो समय बचता था, उसमें पढ़ाई करता था. बेटे की सफलता की जानकारी पिता समर कुमार को टाटा स्टील के प्लांट में काम के दौरान मिली, जिसके बाद कर्मचारियों ने उनको बधाई दी. यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष और कमेटी मेंबर शिवेश वर्मा ने मिठाई से मुंह मीठा कराया और बधाई दी. उन्होंने बताया कि बेटा हमेशा पढ़ने में काफी अच्छा रहा और हमेशा सपना देखता था कि वह यूपीएससी क्रैक करेगा और सफलता मिली. इससे ज्यादा खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती है.

लोयोला के पूर्व छात्र हैं ऋत्विक
लोयोला स्कूल बिष्टुपुर के छात्र रहे ऋत्विक ने यूपीएससी में 520वां रैंक हासिल किया है. ऋत्विक ने प्रारंभिक शिक्षा लोयोला स्कूल से करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के करोड़ीमल कॉलेज से भूगोल में स्नातक किया और दिल्ली में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. इससे पहले ऋत्विक का चयन बीपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में भी हुआ था. ऋत्विक के पिता जमशेदपुर वन विभाग में पदस्थापित थे. वर्तमान में उनका परिवार रांची में रहता है. ऋत्विक ने अपनी सफलता का श्रेय स्पर्धा प्रकाशन की पुस्तकों सहित अपनी मां प्रियंका वर्मा और अपने पिता व पूर्व वन क्षेत्र पदाधिकारी एवं स्पर्धा प्रकाशन के निदेशक अजय कुमार को दिया है. ऋत्विक के छोटे भाई वेदांत मेहता ने भी यूपीएससी द्वारा आयोजित एनडीए की परीक्षा में ऑल इंडिया में 29वां रैंक हासिल किया था. वह वर्तमान में सेना में कैप्टन के पद पर अंबाला कैंट में पदस्थापित है.

चाईबासा के अमन अग्रवाल को 544वीं रैंक
चाईबासा: चाईबासा निवासी मनोज अग्रवाल के बड़े बेटे अमन अग्रवाल ने यूपीएससी की परीक्षा में 544वीं रैंक हासिल की है. पहले प्रयास में ही अमन को यह सफलता मिली है. वर्तमान में अमन परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे हैं. उसने प्राथमिक शिक्षा स्थानीय सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल से पूरी की है. वहीं, दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक किया है. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय अंतर्गत जाकिर हुसैन कॉलेज से मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगे. अमन चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल और आइएएस रविंद्र अग्रवाल के भतीजे हैं. रविंद्र अग्रवाल जमशेदपुर में उपायुक्त रहे हैं. सरायकेला में भी अपनी सेवा दे चुके हैं. मधुसूदन अग्रवाल ने बताया कि अमन अग्रवाल को आइएएस रविंद्र अग्रवाल से हमेशा मार्गदर्शन मिला. अमन को पढ़ाई के साथ क्रिकेट और आर्चरी में भी रुचि है. अमन के पिता मनोज अग्रवानल होजियरी के कारोबारी हैं. अमन की सफलता की सूचना के बाद से परिवार में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. अमन की इस सफलता पर उसके ननिहाल जमशेदपुर और रांची में हर्ष का माहौल है. रांची में उनके मामा आनंद गोयल ने बताया कि अमन की इस सफलता के पीछे उसका कड़ा परिश्रम और माता-पिता का आशीर्वाद है.

पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी मनीष कुमार के बड़े भाई मुनींद्र कुमार को 737वीं रैंक
पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी मनीष कुमार के बड़े भाई मुनींद्र कुमार ने 737वां स्थान हासिल किया है. मुनींद्र मूल रूप से रांची में पले-बढ़े हैं. बीआइटी मेसरा से इंजीनियरिंग करने के बाद आइआइएम अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की है. वर्तमान में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), मुंबई में एजीएम के पद पर दो साल से पदस्थापित हैं. सेबी में नौकरी करने के दौरान खाली समय में यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे थे. शांत, मृदुभाषी व मिलनसार स्वभाव के मुनींद्र ने इस सफलता के लिए अपने परिवार और शिक्षक को श्रेय दिया है. मुनींद्र ने यह सफलता अंतिम प्रयास में हासिल किया है.

बोड़ाम के स्कूल में हेडमास्टर हैं आतिफ वकार इकराम अंसारी के पिता
तामोलिया ब्रह्मानंद आशियाना कॉलोनी निवासी आतिफ वकार इकराम अंसारी ने यूपीएससी की परीक्षा में 819वां रैंक हासिल किया है. आतिफ के पिता खुर्शीद एकराम अंसारी बोड़ाम प्रखंड के यूएमएस जोबा स्कूल में हेडमास्टर हैं. माता महजबीन अख्तर सहायक हेडमास्टर के पद से कबीरिया उर्दू मिडिल स्कूल जाकिरनगर से सेवानिवृत हो चुकी हैं. परिवार मूलरूप से झारखंड के रामगढ़ जिले के भुड़कुंडा प्रखंड के पाली गांव का रहने वाला है. आतिफ ने 10वीं केपीएस मानगो और 12वीं जेपीएस बारीडीह से की है. बीआइटी सिंदरी से बीटेक सिविल में डिप्लोमा किया है. बीआइटी सिंदरी से दो साल की इंटर्नशिप के लिए चीन भेजा गया था. चार भाई-बहनों में आतिफ सबसे छोटा है. आतिफ की बड़ी बहन डॉ आरिफा अंबारी खुर्शीद बहरागोड़ा में गायनिक विशेषज्ञ हैं. उनसे छोटी बहन डॉ फौजिया तलत एकराम भी डॉक्टर हैं. जबकि भाई नजमुस सकिबुल इकराम कंप्यूटर में बी टेक किया है. आतिफ ने पहले हज हाउस बांबे और इस बार जामिया मिलिया दिल्ली से यूपीएससी के लिए पढ़ाई की. आतिफ के पिता खुर्शीद एकराम ने बताया कि वह आजादनगर ईदगाह मैदान के पास कोचिंग सेंटर भी चलाता है, जहां कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है.

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