उर्दू केवल भाषा ही नहीं, हमारे इतिहास और संस्कृति का भी है हिस्सा : अब्दुल मिसबाही
उर्दू दिवस के अवसर पर दारैन अकादमी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया
जमशेदपुर. उर्दू भाषा और साहित्य के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उर्दू दिवस के अवसर पर दारैन अकादमी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उर्दू पत्रकारिता में अतुलनीय योगदान देने वाले प्रसिद्ध पत्रकार शाकिर अजीमाबादी को डॉ इकबाल अवॉर्ड और फखरे सहाफत के खिताब से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन मौलाना मुफ्ती बदर आलम निजामी ने किया. उपस्थित वक्ताओं ने उर्दू भाषा और साहित्य के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किये. मानगो नगर निगम के ब्रांड एम्बेसडर मुख्तार खान ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है. मुफ्ती अब्दुल मालिक मिसबाही ने कपाली में शिक्षा के लिया काफी काम किया है. मुफ्ती अब्दुल मलिक मिसबाही ने कहा, “उर्दू न केवल एक भाषा है, बल्कि यह हमारे इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. हमें इसे संरक्षित करने के लिए सतत प्रयास करना चाहिए. सम्मानित पत्रकार शाकिर अजीमाबादी ने अपने संबोधन में कहा, “उर्दू पत्रकारिता ने समाज को हमेशा सकारात्मक दिशा देने में अहम भूमिका निभायी है. धन्यवाद ज्ञापन दारैन अकादमी के संस्थापक और निदेशक मुफ्ती अब्दुल मलिक मिसबाही ने किया. इस समारोह में मुख्य रूप से सैयद मंजर अमीन, समाज सेवी मुख्तार खान, डॉ अफरोज शकील, डॉ मोहम्मद ताहिर हुसैन, डॉ मोहम्मद महफूज आलम, एहसान साहब, सरवर आलम साहब, डॉ मो ताहिर, अबुल कलाम, शेर मोहम्मद, मास्टर मोहम्मद खुर्शीद, अनवर अजीजी और दारेन एकेडमी के शिक्षक मौलाना इम्तियाज अहमद मिसबाही, मौलाना साजिद मिसबाही, कारी मोहम्मद मुजम्मिल, कारी मोहम्मद फीर, मास्टर नावेद, सुपर सुरेन, सगीर हुसैन, जिया उल हक, तनवीर, शाहनवाज, फरदीन, हाफिज मो मुसद्दिक और मोहम्मद इमरान उपस्थित थे.
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