उत्कल एक्सप्रेस हादसा अपडेट: ट्रेन से उतरते ही चपेट में आ गए थे चारों, सभी मृतकों की हुई पहचान
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि सभी मृतक आरा- टाटा चलती ट्रेन से उतरकर सीधे ट्रैक पर आ गये थे. चूंकि अंधेरा और धुंध था, इस कारण किसी को यह जानकारी नहीं हुई कि विपरीत दिशा से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है. इसी कारण चारों ट्रेन की चपेट में आ गये.
Utkal Express Accident Update: गम्हरिया रेलवे स्टेशन के पास उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से चार लोगों की हुई मौत के तीसरे दिन शनिवार को मृतकों के परिजन टाटानगर स्टेशन पहुंचे. दो लोगों की शुक्रवार को ही पहचान हो गयी थी. शनिवार को सभी चार लोगों की पहचान की गयी. पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गये.
चारों मृतकों के नाम और पता
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1. रवींद्र कुमार दास (29) बिहार के बांका जिला के लकड़ापहाड़ी निवासी
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2. राहुल कुमार यादव (25) पिता उपेंद्र यादव, पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिला के दक्षिण आसनसोल के बंगलाधावरा निवासी
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3. जयराम राय (26) पिता का नाम नंदकिशोर राय, दुमका के जामा गांव निवासी
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4. विजय चौधरी (46) गिरीडीह जिले के देवड़ी थाना क्षेत्र के खाजमुंडा गांव निवासी
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चलती ट्रेन से उतरे और दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गये
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि सभी मृतक आरा- टाटा चलती ट्रेन से उतरकर सीधे ट्रैक पर आ गये थे. चूंकि अंधेरा और धुंध था, इस कारण किसी को यह जानकारी नहीं हुई कि विपरीत दिशा से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है. इसी कारण चारों ट्रेन की चपेट में आ गये. सभी मृतक मजदूरी करते थे. राहुल कुमार यादव का रूम पार्टनर कुणाल कुमार ने बताया कि उसकी बात हुई थी कि वे आसनसोल से आरा- टाटा ट्रेन पर सवार हो चुके हैं. यह ट्रेन गम्हरिया में नहीं रुकती है. कुणाल ने बताया कि वे लोग गम्हरिया स्टेशन पर धीरे होने पर चलती ट्रेन से उतर गये, जिसके बाद वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गये.
उत्कल एक्सप्रेस के ड्राइवर ने मेमो में भी लिखा कि दूसरी ट्रेन से उतरे थे यात्री
रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्कल एक्सप्रेस के ड्राइवर ने भी अपना मेमो रेलवे को सौंपा है. यह मेमो हर ड्राइवर को किसी तरह की घटना होने पर सौंपना होता है. उक्त मेमो में भी ड्राइवर ने इस बात का जिक्र किया है कि दूसरी ट्रेन से लोग उतरे हो सकते हैं, क्योंकि आरा- टाटा ट्रेन उस वक्त पार हुई थी, जिसके बाद लोग चपेट में आये हैं. हालांकि रेलवे ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
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बदहवास होकर घूमते रहे परिजन, रो-रोकर था बुरा हाल
हादसे के बाद मृतकों के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया. जब परिजन टाटानगर स्टेशन जीआरपी के पास पहुंचे, तो वे बदहवास थे. उनको समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर कैसे वे लोग इस स्थिति को झेल सकेंगे. सभी लोग एमजीएम के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और क्षत- विक्षत शवों को देखा. परिजन शव ले जाने की भी स्थिति में नहीं थे. वे लोग किसी तरह एक दूसरे को संभाल पा रहे थे.
आसनसोल निवासी राहुल पहले टाटानगर ही उतरता था
दक्षिण आसनसोल के बंगलाधावरा गांव निवासी उपेंद्र यादव का 25 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार यादव कोलाबिरा स्थित सूरज बोरा फैक्ट्री में काम करता था. उसकी तीन साल की एक बेटी है, जबकि दूसरी बेटी छह माह की है. उसके साथी और रूम पार्टनर कुणाल कुमार ने बताया कि वह छुट्टी में आसनसोल अपने घर गया था. वहां से लौट रहा था. उससे बात हुई थी कि वह ट्रेन में बैठ चुका है. आरा- टाटा ट्रेन में वह आसनसोल से सवार हुआ था. कुणाल ने बताया कि उसका दोस्त अक्सर टाटानगर स्टेशन पर उतरता था, लेकिन मालूम नहीं क्या हुआ कि गम्हरिया स्टेशन के पास ही वह ट्रेन के धीरे होने पर कूदकर उतर गया और हादसे का शिकार हो गया. उसने बताया कि परिजनों ने दो दिन बाद उनसे संपर्क किया, तो मालूम चला कि वह हादसे का शिकार हो गया है, नहीं तो परिजन सोच रहे थे कि वह घर से कंपनी चला गया और दोस्त सोच रहे थे कि वह घर से ही नहीं लौटा. मोबाइल पर बात करने के बाद मालूम चला कि उनके घर का चिराग बुझ चुका है.
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दामाद की मौत की खबर पाकर पहुंचे ससुर, शव देख हुए बेहोश
बिहार के बांका जिले के लकड़ापहाड़ी गांव के रहने वाले 29 वर्षीय रवींद्र कुमार दास के ससुर सुनील कुमार दास अपने दामाद की मौत की खबर पाकर बदहवास होकर पहले जीआरपी टाटानगर पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनका दामाद करीब 12 साल से यहां ग्रुप फोर सिक्यूरिटी में काम कर रहा था. वह छुट्टी पर आया था. वहां से लौटने के दौरान वह गम्हरिया स्टेशन के पास उतरा, जिससे वह हादसे का शिकार हो गया. उन्होंने बताया कि मृतक रवींद्र के पिता रामेश्वर दास की पहले ही मौत चुकी थी. उन्होंने कहा कि कंपनी अगर मुआवजा देगी, तो परिवार को मदद होगी.
जयराम राय चलाता था गम्हरिया की कंपनी में हाइवा
दुमका जिले के जामा थाना क्षेत्र के जामा गांव के रहने वाले नंदकिशोर राय का 26 वर्षीय पुत्र जयराम राय गम्हरिया स्थित जगदंबा कंपनी का चालक था. वह छुट्टी में घर गया था. वहां से वह लौट रहा था. वह भी आरा- टाटा ट्रेन में सवार हुआ था. चूंकि गम्हरिया में ही वे लोग रुकना चाहते थे, इस कारण ट्रेन धीमी हुई, तो कूद गये और उत्कल एक्सप्रेस की चपेट में आ गये. जयराम राय के पिता नंदकिशोर राय ने बताया कि पूरा परिवार सदमे में है. वह एकमात्र कमाने वाला था, जिसकी मौत हो गयी.
ट्रक चालक विजय चौधरी परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे
गिरीडीह जिले के देवड़ी थाना क्षेत्र के खाजमुंडा गांव के रहने वाले 46 वर्षीय विजय चौधरी ट्रक चालक थे. वे भी गांव से लौट रहे थे. इसी बीच वे हादसे का शिकार हो गये. विजय चौधरी के भतीजे ने बताया कि वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे.
सभी पहलुओं की जांच के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचेंगे : रेल एसपी
रेल एसपी ऋषभ झा ने बताया है कि जानकारी मिली है कि मरने वाले चारों लोग दूसरी ट्रेन से उतरे और फिर दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गये. इसकी पुष्टि की जा रही है. सभी पहलुओं की जांच कर ली जायेगी, जिसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है.