उत्तराकाशी टनल में फंसने के बाद टिंकू सरदार के परिजन कर रहे थे प्रार्थना, एक मजदूर की मां हो गयी थी बीमार
डुमरिया के पलाशबनी गांव के मजदूर रंजीत लोहार (18) की मां हीरा लोहार बेटे के सुरंग में फंसे होने की खबर पाकर बीमार हो गयी. उसके पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे.
जमशेदपुर.डुमरिया के टिंकू सरदार के घर में पिता बनू सरदार, मां हिरामुनी सरदार व भाई रिंकू सरदार समेत अन्य परिजन परेशान रहे. सभी टिंकू के आने के इंतजार में हैं. मां कहती है बेटा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही हूं. भगवान पर भरोसा है. बेटा सही सलामत बाहर निकलेगा. मंगलवार को इन लोगों जानकारी मिली कि उनका बेटा बाहर निकल गया, तो खुशी मिली.
रंजीत की मां बीमार, इलाज के पैसे नहीं:
डुमरिया के पलाशबनी गांव के मजदूर रंजीत लोहार (18) की मां हीरा लोहार बेटे के सुरंग में फंसे होने की खबर पाकर बीमार हो गयी. उसके पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे. गांव के चिकित्सक से दवा लेकर खा रही थी. भोजन-पानी पर आफत है. 12 नवंबर को बीडीओ पहुंची, तो डुमरिया सीएचसी में भर्ती कराया. अब हालत ठीक है. वह खुद खेत में धान काट रही है. वृद्धा हीरा लोहार कहती है कि पति असकल लोहार की पहले मौत हो गयी है. बेटे को कंधे पर परिवार चलाने की जिम्मेवारी है. प्रार्थना कर रही हूं कि बेटा सही-सलामत घर लौट आये.
रवींद्र नायक की पत्नी के पास धान कटवाने के पैसे नहीं:
डुमरिया के मानिकपुर गांव के मजदूर रवींद्र नायक (42) के घर पर पत्नी अनीता नायक व चार साल का बेटा निखिल हैं. छह वर्षीय बेटी प्रीति नायक मामा घर रहती हैं. अनीता नायक एक-एक दिन पहाड़ की तरह काट रही है. कभी बच्चों को संभालती, तो कभी खुद को दिलासा देती. घर में राशन पर आफत है. पति के नाम राशन कार्ड है, डीलर ने पत्नी को राशन देने से मना कर दिया. 12 नवंबर को बीडीओ गयीं, तो डीलर को राशन देने को कहा. उसके खेत में धान पक कर तैयार है. मजदूरी के पैसे नहीं होने से धान की कटाई नहीं करवा पा रही है. अब खुद खेत जाकर धान काट रही है.
समीर नायक के बड़े भाई गये उत्तरकाशी:
डुमरिया के बांकीशोल गांव निवासी समीर नायक के पिता नहीं हैं. घर पर उनके चाचा और चाची हैं. समीर के बड़े भाई उत्तरकाशी गये हैं. समीर के सकुशल बाहर निकलने के लिए परिजन प्रार्थना कर रहे थे. दिन और रात सभी का ध्यान उत्तरकाशी में लगा है. पल-पल की खबर ले रहे थे.
गुणाधर के गांव में माता-पिता चिंतित:
डुमरिया मानिकपुर गांव के 25 वर्षीय गुणाधर नायक के दो भाई आदित्य नायक (44) और मुक्तेश्वर नायक ( 35) उत्तरकाशी में सुरंग के बाहर हैं. डुमरिया में उनकी मां बुधनी नायक (62) व पिता चंद्र मोहन नायक (70) चिंता में हैं. तीनों बेटे एक साथ काम करने गये थे.
भक्तू नायक के पिता की मौत, मां बनी पत्थर
डुमरिया के बाहादा गांव के भक्तू नायक (29) के इंतजार और सदमें में मंगलवार को वृद्ध पिता बास्ते मुर्मू की घर में मौत हो गयी. उसकी मां पिती मुर्मू पत्थर बनी गयी है. बेटा सुरंग में फंसा है. पति की मौत से पिती मुर्मू को गहरा सदमा पहुंचा है. घर की आर्थिक स्थिति में काफी खराब है. उनकी बेटी और दामाद घर आये हैं, जो संभाल रहे हैं.