जमशेदपुर. मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर की ओर से बौद्ध मंदिर मैदान साकची में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में रविवार को भी गीत-संगीत से महफिल सजी. लोकगायिका पूनम मिश्रा ने पहली प्रस्तुति- जकरा तू तकलौय भरि नजरिया गे…, से महफिल में जान डाल दी. इस तरह पहले गीत से श्रोता उनके साथ जुड़ते चले गये. उन्होंने नंदन वन सन सुंदर मिथिला…, जहिये स गेलसिन सजना…, हमरा बलम जी के प्यार चाही…, जैसे गीतों की प्रस्तुति दी. दिल्ली के विकास झा भी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने गोर देहिया पर लाल लाल साड़ी …, धरती के बेटी…, कारी कारी केस अहां के… जैसे गीतों से श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया. पिया मोर बालक हम तरुणी गे अब दिल्ली की स्वाति महफिल को आगे ले गयीं. उन्होंने माइक थामा और सुर दिया, लाजवाब छी अहां. इस गीत से श्रोता चार्ज हो गये. उन्होंने सिनेह से सजा दीय ने…, पागल आहा ने आहा के बात करइथे जैसे गीतों को आवाज दी. अब बारी थी रिषभ भारद्वाज की. उन्होंने पिया मोर बालक हम तरुणी गे …, स्वर्ग सं सुंदर यौ भैया अपन मिथिला धाम…, चंद्रमा उतरल गगन सं… जैसे गीतों की प्रस्तुति दी. मिथिला की संस्कृति है समृद्ध : सरयू मुख्य अतिथि विधायक सरयू राय ने कहा कि मिथिला की संस्कृति काफी समृद्ध है. यहां के खान-पान, गीत-संगीत, भाषा सभी समृद्ध हैं. मैं परिषद को अपना परिवार समझता हूं. इससे कभी अलग नहीं समझता. जब भी मुझे बुलाया जाता है, उपस्थित होता हूं. कार्यक्रम को अमरप्रीत सिंह काले, समाजसेवी विकास सिंह, धालभूम की अनुमंडल पदाधिकारी पारुल सिंह व अन्य ने भी संबोधित किया. अतिथियों के साथ-साथ परिषद के अध्यक्ष शिशिर कुमार झा, महासचिव सुजीत कुमार झा, कोषाध्यक्ष अमर कुमार झा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. अतिथियों ने विजय वत्स की मैथिली पुस्तक का लोकार्पण किया. मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल स्निग्धा झा ने स्वागत गीत मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल प्रस्तुत किया. अध्यक्ष शिशिर कुमार झा ने स्वागत भाषण दिया. महासचिव सुजीत कुमार झा ने सचिवीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस दौरान पूर्व अध्यक्ष जीवछ झा, इंदनाथ मिश्र, पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मण झा, डॉ अशोक अविचल, एमसी मधुकर और ललन चौधरी को सम्मानित किया गया. अमर कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस दौरान मिथिला पेंटिंग, खान-पान आदि के स्टॉल लगाये गये थे. मैथिली पुस्तकों का भी स्टॉल सजा था. इसके साथ दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह का समापन हो गया. इसे सफल बनाने में मोहन ठाकुर, पंकज राय, रंजीत झा, राजेश झा, अनिल झा, शिवचंद्र झा सहित परिषद के सभी सदस्यों का योगदान रहा.
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