पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से खैरबनी में प्रस्तावित कचरा प्लांट के लिए सोमवार को जमीन मापी करने पहुंची टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध इतना जबरदस्त था कि टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा.
दरअसल, परियोजना का लंबे समय से विरोध कर रहे माझी परगना महाल, धाड़ दिशोम की ओर से दोपहर में बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन किया गया था. ठीक इसी समय प्रशासनिक अमला खैरबनी गांव पहुंच गया. प्रशासनिक टीम का नेतृत्व एसडीओ पीयूष सिन्हा और अंचलाधिकारी अमित कुमार कर रहे थे.
प्रशासनिक टीम देख ग्रामीण हुए उग्र
एसडीओ ने ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी नहीं सुनी. प्रशासनिक टीम को देखकर ग्रामीण उग्र हो गये थे. जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि खैरबनी में कचरा प्लांट और मनपिटा में हेवी व्हीकल मोटर ट्रेनिंग सेंटर खोजने की योजना पर प्रशासन ने ग्राम सभा की सहमति नहीं ली. इन योजनाओं से गांव की सभ्यता और संस्कृति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. लिहाजा इसको बनने नहीं दिया जायेगा.
जिला प्रशासन संवैधानिक तरीके से आये : देश परगना
देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है. खैरबनी आदिवासी बहुल गांव है. यहां आदिवासी-मूलवासी समुदाय की स्वशासन व्यवस्था है. प्रशासन को संवैधानिक तरीके से आना चाहिए और ग्रामसभा से बात करनी चाहिए. लेकिन प्रशासन फोर्स का भय दिखाकर डराना चाहती है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. आदिवासी-मूलवासी को प्रताड़ित करने वाली प्रवृत्ति स्वीकार नहीं की जायेगी.
ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा
प्रशासन की टीम पहुंचाने की जानकारी मिलने के बाद माझी परगना महाल की प्रतिनिधिमंडल भी मौके पर पहुंचा. देश परगना का कहा है कि वह ग्रामीणों के साथ हैं. ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा. प्रशासन को गांव में आने से रोका नहीं गया है लेकिन पुलिस लेकर शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जायेगी. इस दौरान देश परगना बैजू मुर्मू के साथ तोरप परगना हरिपादो मूर्मू, देश परानिक लेदेम किस्कू, कुमार चंद्र मार्डी, डेमका सोय, कपूर बागी, माझी बाबा दीपक मुर्मू, कृष्णा लोहार, सोमनाथ पाड़ेया, संग्राम मार्डी, ग्रामप्रधान सह हातु मुंडा दिकू मेलगांडी समेत अन्य मौजूद रहे.