वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
विश्व सफेद दाग दिवस पर मंगलवार को एमजीएम अस्पताल के चर्म रोग विभाग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में चर्म रोग विभाग के एचओडी डॉ एएन झा ने उपस्थित मरीजों को चर्म रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समाज में सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की धारणाएं है. यह वास्तव में कोई बीमारी नहीं, बल्कि गलत खान-पान, प्रदूषण, महिलाओं द्वारा खराब क्वालिटी का बिंदी लगाने, प्लास्टिक की खराब क्वालिटी का चप्पल पहनने आदि से होता है.उन्होंने कहा कि जिले में सफेद दाग के 100 मरीजों 98 मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. सफेद दाग एक चर्म रोग है इससे शरीर के अन्य भाग को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बदन में सफेद दिखने वाला हर स्पॉट सफेद दाग नहीं होता है. इसकी भी जांच करने की जरूरत है. अगर वह सफेद दाग है, तो उसका इलाज शुरू करना चाहिए. सफेद दाग किसी भी उम्र में हो सकता है. यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसके चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगती है. सफेद दाग के मामले में खराब इम्यूनिटी की वजह से शरीर में स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं मेलानोसाइट मरने लगती है. इससे शरीर में जगह-जगह उजले धब्बे बन जाते हैं. इस दौरान चर्म रोग विभाग के कई डॉक्टर मौजूद थे.
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