जमशेदपुर : डीसी और जेएनएसी ऑफिस परिसर में ही जल जमाव, हो सकते हैं डेंगू के लार्वा, कैसे करें बचाव

बरसात के मौसम में गंदगी के फैलने व प्रदूषित जल के सेवन से डायरिया, जॉन्डिस सहित अन्य कई तरह की बीमारियां की भी चपेट में लोग आते हैं, जिससे बचना जरूरी है.

By Kunal Kishore | July 15, 2024 10:34 PM

शहर को डेंगू के डंक से बचाने के लिए जिला प्रशासन (स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य व मलेरिया-फाइलेरिया विभाग) एक्शन मोड में है. पूरे शहर में घूम-घूम कर जल जमाव नहीं होने देने समेत डेंगू से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक कर रहा है. पानी जमा मिलने और उसमें लार्वा मिलने पर जुर्माना वसूल रहा है. हर दिन की जा रही कार्रवाई के आंकड़े जिला व राज्य मुख्यालय को भेजी जा रही है. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के आसपास ही पानी का जमाव है, जिस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. यहां डेंगू का लार्वा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. सोमवार को प्रभात खबर की टीम डीसी ऑफिस पहुंची, तो पाया कि डीसी कार्यालय के ठीक बाहर स्वच्छता अभियान के दौरान जमशेदपुर अक्षेस की ओर से आम लोगों को जागरूक करने के लिए लगाये गये टायर साइन बोर्ड के अंदर कई दिनों से बारिश का पानी जमा हुआ है. कई टायर से साइन बोर्ड आंधी में उड़ गये, लेकिन यहां लगे टायर में कई दिनों से पानी जमा होने से इसमें डेंगू का लार्वा होने की आशंका है. उधर, जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय परिसर में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र काउंटर के समीप कंडम यूरिनल, कई गाड़ियां और अन्य कबाड़ पड़े हैं, जिसमें बारिश का पानी जमा है. यहां भी डेंगू के लार्वा होने की आशंका है. ऐसे में सवाल उठता है कि शहर को डेंगू के डंक से कैसे बचाया जा सकता है.

बरसात शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से एक बार फिर डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया से पीड़ित मरीज अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं. पिछले साल तो राज्य में पूर्वी सिंहभूम जिले में डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले थे और तीन लोगों की मौत भी हो गयी थी. इस बार स्वास्थ्य विभाग माइक्रो प्लान बनाकर चिह्नित प्रभावित इलाकों में जागरूकता व सर्च अभियान चलाने के साथ रथ रवाना कर लोगों को जागरूक तो कर रहा है, लेकिन विभाग के पास पिछले एक माह से एंटी लार्वा नहीं होने से इसका छिड़काव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में खुद जागरूक रहकर इससे बचने का इंतजाम करना बेहतर रहेगा. हमारी जागरूकता ही जिले के पिछले साल के डेंगू के डंक के आंकड़े को ध्वस्त कर सकती है.

डेंगू-मलेरिया के मरीज पहुंच रहे अस्पताल

बरसात में होने वाली मच्छरजनित बीमारी की चपेट में आने के कारण मरीज शहर के अलग-अलग अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. इस समय टेल्को, टीएमएच व एमजीएम अस्पताल में मरीजों की सबसे ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. अस्पताल में पहुंचने वालों में पेट दर्द, उल्टी, थकान व बेचैनी, बदन दर्द, बुखार सहित अन्य समस्या लेकर आ रहे है. इसमें डेंगू के लक्षण मिलने पर उसकी जांच कराने के लिए कहा जा रहा है. एमजीएम अस्पताल में मेडिसिन ओपीटी में प्रतिदिन 150 से 200 मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे है. इसमें 10 से 15 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये जाते हैं, जिसको जांच कराने के लिए कहा जाता है. जांच के बाद ही पता चलता है कि उनको डेंगू है या नहीं. जिला सर्विलेंस विभाग के अनुसार इस साल जनवरी से आठ जुलाई तक पूरे जिले में 21 मरीजों की डेंगू की जांच की गयी, जिनमें आठ डेंगू के मरीज मिले हैं. डेंगू मरीजों का इलाज टेल्को व मर्सी अस्पताल में किया गया. इसके साथ ही घाटशिला, डुमारिया सहित अन्य जगहों पर मलेरिया के मरीज ज्यादा पाये जा रहे हैं.

पिछले साल राज्य में पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे ज्यादा मिले थे डेंगू के मरीज

वर्ष 2023 में राज्य में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज पूर्वी सिंहभूम जिले में मिले थे. पिछले साल जनवरी से दिसबंर के बीच 13907 लोगों की डेंगू की जांच की गयी थी, जिनमें 1476 डेंगू के मरीज मिले थे. इतना ही नहीं, इस साल तीन लोगों की मौत डेंगू से हो गयी थी. जिले में सबसे ज्यादा 225 मरीज मानगो में मिले थे. वहीं, सबसे कम छोटागोविंदपुर में 21 मरीज मिले थे. इस साल विभाग सबसे ज्यादा डेंगू मरीज मिलने वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां जागरूकता व सर्च अभियान चला रहा है. इन जगहों पर सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है एंटी लार्वा दवा

बरसात में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सिर्फ जागरूकता व सर्च अभियान चलाया जा रहा है. मच्छरजनित बीमारियों को रोकने के लिए विभाग के पास संसाधनों की घोर कमी है. पिछले एक माह से एंटी लार्वा नहीं है. एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए कर्मचारियों की भी कमी है. विभाग सिर्फ लोगों को जागरूक करने में लगा है, जबकि जिले में अब तक डेंगू के आठ मरीज मिल चुके हैं.

टीम गठित कर चलाया जा रहा जागरूकता अभियान : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने बताया कि जिले में डेंगू बीमारी को रोकने के लिए विभाग की ओर से कर्मचारियों की 10 टीमें गठित की गयी हैं. इसके साथ ही मॉनीटरिंग के लिए पदाधिकारियों की चार टीमें गठित की गयी हैं. विभाग के द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर इसके लिए काम किया जा रहा है. डेंगू के प्रभावित क्षेत्रों की लिस्ट बनायी गयी है. उसके अनुसार टीम को भेज कर लोगों को मच्छरजनित बीमारी को लेकर जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलायी जा रही है. वहीं, विभाग के द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. अगर कोई मरीज डेंगू के बारे में जानकारी लेना चाहता है, तो वह इस हेल्प लाइन नंबर- 0657-2235836 पर संपर्क कर सकता है. इसके साथ ही पूरे जिले में जागरूकता व सर्च अभियान चलाने के साथ रथ रवाना कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही सहिया, एमपीडब्ल्यू व फाइलेरिया विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है. लोगों को इस बीमारी से बचने के उपाय बताये जा रहे हैं.

दो साल पहले लगभग दो लाख 50 हजार मेडिकेटेड मच्छरदानी का हुआ था वितरण

जिले में दो साल पहले लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाने के लिए मच्छर से प्रभावित ब्लॉकों में लगभग दो लाख 50 हजार मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण किया गया था. जिला मलेरिया विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, मेडिकेटेड मच्छरदानी को तीन साल तक यूज किया जा सकता है. मेडिकेटेड मच्छरदानी कीटनाशक दवा से उपचारित कर बनायी जाती है. इसका प्रभाव तीन साल तक रहता है. यह मच्छरों को दूर रखती है.

मच्छरजनित बीमारी को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत : डॉ बलराम झा

एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ बलराम झा ने कहा कि बरसात के मौसम में मच्छरजनित बीमारियों को लेकर सावधानी बरतने व स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत है. इसके लिए एक जगह पर पानी को एकत्रित न होने दें व अपने आसपास साफ सफाई रखें. उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार मच्छर एकत्रित पानी में अंडे देते हैं, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है. बुखार होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर खून की जांच करवाएं. मलेरिया पाये जाने पर पूर्ण उपचार करना चाहिए. घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगड़कर साफ करें. फ्रिज की ट्रे के पानी को जरूर साफ करें. घर में प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें. मलेरिया व मच्छरजनित बीमारियों से बचने के लिए सभी को खासकर गर्भवती महिला और बच्चों को मच्छरदानी या मच्छर नाशक क्रीम का प्रयोग करना चाहिए.

संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है डेंगू

डेंगू संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है. संक्रमित मच्छर के काटने के 5-6 दिन बाद बुखार आने लगता है. कोई भी व्यक्ति जिसे संक्रमित मादा एडिस मच्छर काट ले, उसे डेंगू बुखार होने की संभावना होती हैं. संक्रमित मादा ऐडिस मच्छर के काटने से अधिकतर लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं. इसके लिए सही समय पर जांच एवं उपचार प्रारंभ हो जाना चाहिए. जांच एवं उपचार में देरी होने पर रोग जटिल या गंभीर हो सकता है तथा जान को खतरा भी हो सकता है. बुखार के 5 दिन बाद आइजीएम एलाइजा जांच जरूर कराएं. एमजीएम एवं सदर अस्पताल में जांच की सुविधा निःशुल्क है. साथ ही टीएमएच व अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में भी जांच करायी जा सकती है.

डेंगू को फैलने से रोकने के उपाय

  1. घर के अंदर व आंगन में जहां भी पानी एकत्रित हो रहा है, उसे नियमित साफ करें.
  2. घर में कोई भी बेकार बर्तन, खुली बोतल, डिब्बे, पुराने टायर, कबाड़ एवं प्लास्टिक का सामान एकत्रित ना होने दें, इनमें पानी के ठहरने से डेंगू मच्छर के पनपने का खतरा सबसे अधिक रहता है.
  3. बर्तनों को खालीकर उलटाकर रखें, पानी के बर्तन, टंकी और हौद को ढक कर रखें.
  4. फूल के गमलों में पानी न जमा होने दें.
  5. कूलर का पानी सप्ताह में एक बार खाली कर दें और सुखाने के बाद ही भरें.
  6. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  7. ऐसे कपड़े पहनें, जो शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक सके.
  8. घर के पास की नाली में पानी जमा नहीं होने दें,
  9. शाम और सुबह के समय मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, इस समय बचने की जरूरत है.
  10. डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सक से मिलें. बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा नहीं लें.

मच्छरों से होने वाली बीमारी

मलेरिया – मादा एनोफिल मच्छर के काटने से होती है.

लक्षण – ठंड के साथ बुखार आना, सिर में काफी दर्द होना, बदन में दर्द होना, उल्टी होना.

चिकनगुनिया व डेंगू – एडिस मच्छर के काटने से फैलता है.

लक्षण – बदन के जोड़ों में दर्द होना, बुखार होना, सिर में दर्द होना, चलने में कठिनाई होना.

जिले में पिछले पांच साल में मिले डेंगू के मरीज

वर्ष जांच पॉजिटिव मौत

2020- 14- 07-00

2021- 178- 44-01

2022- 66-33-00

2023- 13097- 1476- 03

2024 अभी तक- 21-08-00

शहर में पिछले और इस साल मिले डेंगू के मरीज

क्षेत्र – 2023 में पॉजिटिव मरीज मिले – 2024 में पॉजिटिव मरीज मिले

मानगो- 225-01

टेल्को- 131- 00

कदमा- 100-00

बारीडीह-74-00

साकची- 60-00

गोलमुरी-55-00

बिष्टुपुर- 55-00

परसुडीह- 47-00

बागबेड़ा- 44-00

बिरसानगर- 42-00

सोनारी- 40-00

जुगसलाई- 39-05

सिदगोड़ा- 24-00

टिनप्लेट- 26-00

एग्रिको- 23-01

छोटा गोविंदपुर- 21-00


मानगो नगर निगम ने डेंगू लार्वा मिलने वाले घरों से चार हजार रुपये जुर्माना वसूला

शहरी में डेंगू-मलेरिया की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही तीनों नगर निकाय भी सक्रिय हैं. इसके लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद में टीम गठित करने के साथ फॉगिंग, साफ-सफाई और “अबकी बार, पलटी मार” जागरूकता अभियान चलाया रहा है. मानगो नगर निगम ने तो डेंगू लार्वा मिलने वाले घरों से अब तक प्रति घर 500 रुपये जुर्माना कर चार हजार रुपये जुर्माना भी वसूला है. जिला प्रशासन के लगातार दिशा निर्देशों की अवहेलना पर यह आर्थिक दंड लगाया लगाया गया.
जमशेदपुर अक्षेस जुस्को की टीम के साथ डेंगू से बचाव के लिए कार्य कर रही है. दो शिफ्ट में फॉगिंग करायी जा रही है. इसके अलावा जल जमाव वाले क्षेत्र एवं नालों के आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है.

हॉट स्पॉट, बाजार, सार्वजनिक स्थलों पर विशेष नजर

नगर निकायों की ओर से बाजार एवं सार्वजनिक स्थलों के साथ घरों को भी विशेष रूप से चिह्नित कर फॉगिंग करायी जा रही है. पिछले वर्ष के जितने भी हॉट स्पॉट हैं, वहां टीम विशेष नजर रखी है.

महिला स्वयं सहायता समूह कर रही जागरूक

नगर निकायों में डेंगू से बचाव के लिए महिला स्वयं सहायता समूह से भी सहयोग लिया जा रहा है. संभावित स्थलों पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं लोगों के बीच जाकर डेंगू से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है. ऐसे एरिया को कवर किया जा रहा है, जहां से डेंगू के मामले मिलने की शिकायत आ रही है. वहां जागरूकता अभियान के साथ- साथ फॉगिंग करायी जा रही है.

इन क्षेत्रों में विशेष चौकसी

मानगो नगर निगम – उलीडीह, दीपाशाही, बालीगुमा, डिमना बस्ती, इंदिरा कॉलोनी, कुंवर सिंह बस्ती, खड़िया बस्ती, चटाईकुली, शंकोसाई का कुछ एरिया, आजाद बस्ती, बावनगोड़ा, जवाहर नगर का निचला क्षेत्र
जेएनएसी एरिया – बिरसानगर के जोन नंबर-वन बी के माछपाड़ा, भुइयांडीह, भालुबासा, सीतारामडेरा, एग्रिको, सिदगोड़ा, नीलडीह, नामदा बस्ती, गोलमुरी, साकची, बाराद्वारी, काशीडीह, बिष्टुपुर, धतकीडीह, शास्त्री नगर, कदमा और सोनारी

क्या कहते हैं अधिकारी

मानगो निगम के पुराने तीनों वार्डों में अलग-अलग टीमों का गठन कर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है. प्रतिदिन फॉगिंग करने एवं जल जमाव वाले क्षेत्र एवं नालों के आसपास अभियान जारी है.

  • निर्मल कुमार, सिटी मैनेजर, मानगो नगर निगम

जेएनएसी क्षेत्र में डेंगू से बचाव को लेकर टीम का गठन किया गया है. पिछले वर्ष के जितने भी हॉट स्पॉट हैं, वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जल जमाव वाले क्षेत्र एवं नालों के आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है.

-क्रिस्टीना कच्छप, सिटी मैनेजर जमशेदपुर अक्षेस

डेंगू को लेकर टाटा स्टील यूआइएसएल ने छेड़ रखा है अभियान

डेंगू को लेकर टाटा स्टील यूआइएसएल (पहले जुस्को) की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. अबकी बार, पलटी मार का नारा दिया गया है. इस कड़ी में एडीज लार्वा और नियंत्रण विधियों का प्रदर्शन करने के लिए स्कूलों का दौरा किया जार हा है. इसके अलावा मोबाइल से भी सूचना प्रसारित की जा रही है. शिक्षा और संचार वैन को भी चारों ओर घुमाया जा रहा है. शहर में जहां एडीज मच्छर प्रजनन कर सकते हैं, वहां के अपशिष्ट कंटेनर का भी कलेक्शन कर रहे हैं. इसके अलावा लगभग 150 लोंगों को घर-घर जाकर जागरूकता बढ़ाने, घरों को निरीक्षण करने और निवासियों को सप्ताह में एक बार अपने घरों को डेंगू ड्राइ बनाने के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. टाटा स्टील यूआइएसएल ने कहा है कि डेंगू के खिलाफ लड़ाई के लिए एक एकीकृत प्रयास की आवश्यकता है. सरल निवारक उपाय करके, हम डेंगू की घटनाओं को काफी हद तक कम कर सकते हैं और सभी के लिए एक स्वस्थ्य, सुरक्षित कल सुनिश्चित कर सकते हैं.

जनभागीदारी बढ़ाने के लिए होगी प्रतियोगिता

टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (जुस्को) ने शहर को डेंगू मुक्त बनाने के लिए शुरू किए गए अभियान में शहरवासियों की भागीदारी के लिए अनोखी पहल की है. अभियान से जुड़ने वाले लोग खुद को डेंगू से सुरक्षित रखने के साथ-साथ आकर्षक उपहार भी जीत सकते हैं. कंपनी की ओर से शुरू किए गए इस अभियान के तहत प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसमें कंपनी की ओर से जारी क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. इसके बाद क्विज के सवालों का सही जवाब देने होंगे. इसके बाद उन्हें उपहार मिलेगा. विजेताओं का चयन भाग्यशाली ड्रॉ के माध्यम से होगा. कंपनी की ओर से कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाने और डेंगू रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने में सक्षम बनाना है. आम लोगों की भागीदारी के बगैर अभियान शत प्रतिशत सफल नहीं हो सकेगा.

बरसात में होने वाली बीमारियों से भी बचाना जरूरी


बरसात के मौसम में गंदगी के फैलने व प्रदूषित जल के सेवन से डायरिया, जॉन्डिस सहित अन्य कई तरह की बीमारियां की भी चपेट में लोग आते हैं, जिससे बचना जरूरी है. ऐसी बीमारियों से बचने के लिए खान-पान संबंधी सावधानी बरतने की जरूरत है. इन दिनों एमजीएम व सदर अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अधिकांश मरीजों में बरसात जन्य बीमारियों के लक्षण पाये जा रहे हैं.


डायरिया – प्रदूषित खाना खाने व दूषित जल के सेवन से होता है.

लक्षण – पेट में दर्द, पतला दस्त होना, चक्कर आना, उल्टी होना आदि.
बचाव – बासी खाना व गंदा पानी न पीयें. खुले में बिकने वाले खाद्य सामग्रियों से परहेज करें.

वायरल फीवर – मौसम में हो रहे परिवर्तन, बारिश में भींगने से, संक्रमण से होता है.
लक्षण – बदन व सिर में दर्द, मांस पेशियों में खिंचाव, भूख कम लगाना, उल्टी आना, बुखार होना.

बचाव – रहन-सहन और खान पान पर ध्यान दें.

जॉन्डिस – दूषित पानी पीने से होता है.

लक्षण – त्वचा और आंखों का पीला होना है. बुखार होना, थकान होना, वजन घटना, कमजोरी, भूख ना लगना, पेट में दर्द, पीला पेशाब होना.
बचाव – दूषित पानी व शराब के सेवन से बचें.


जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ असद बरसात में कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. थोड़ा ध्यान देनें तथा खान-पान में परहेज कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है. अगर बीमारी का लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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