जमशेदपुर. शहर में रंगों की छटा बिखरी हुई है, हवा में खुशियों की खुशबू तैरने लगी हैं. जी हां, शादी का सीजन आ गया है. शहर में इन दिनों शहनाई की मधुर धुनें गूंजने लगी हैं. गली-मुहल्लों में कही मंगल गीतों की तानें बिखर रही हैं, तो कही बैंड-बाजा की धुन सनाई दे रही हैं. जिसका जितना सामर्थ्य है उस अनुसार तैयारी में जुटा है. बेतहाशा महंगाई के बावजूद लोगों की चाहत भारी पड़ती दिख रही है. इन दो सालों में शादी-विवाह के साजों-सामान की बात करें, तो 20 से 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गयी है. इस वर्ष दुल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. यह बढ़ोतरी बैंक्वेट हॉल, केटरिंग, ट्रांसपोर्टेशन, डेकोरेशन, फूल, ज्वेलरी, कपड़े आदि के कारण हुई है. शादी एक ऐसा पर्व है जो दो दिलों को जोड़ता है, दो परिवारों को एक करता है. यह नयी शुरुआत का पल होता है, जहां दो लोग जीवन भर साथ रहने का वादा करते हैं. बात चाहे रिश्तेदार, दोस्त और शुभचिंतक की हो, या दुल्हा-दुलहन की इसे खास बनाने में हर एक कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब लोग एक साथ आते हैं, खुशियां मनाते हैं और खूबसूरत पलों को यादों में समेटकर घर लौट जाते हैं. इस लिए लोग कुछ अलग दिखने व दिखाने की चाहत में खर्च करने में भी संकोच नहीं कर रहे. फूलों की महंगाई ने बढ़ाई डेकोरेशन की लागत : फूल डेकोरेटर दीपक दत्ता बताते हैं कि जहां दो साल पहले एक शादी पार्टी में 20 से 25 हजार में डेकोरेशन का काम पूरा जो जाता था. वहीं आज 30 से 40 हजार हो गया है. ऑफ सीजन में गुलाब का एक बंच (100 पीस) की कीमत 350 रुपये थी, वहीं शादी के सीजन में खपत को देखते हुए इसकी कीमत 1200-1500 रु हो जाती है. स्किल्ड लेबर का चार्ज 1000 रुपये और अनस्किल्ड लेबर का 700 रुपये हो गया है. पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने ट्रांसपोर्टेशन लागत को बढ़ाने का काम किया है. विवाह समारोह में उपयोग में आने वाली कुर्सियों से लेकर स्टेज, टेंट आदि के किराये में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गयी है. ऐसे में अगर पिछले साल किसी शादी के डेकोरेशन पर दो लाख रुपये का खर्च आता था, तो वह इस बार बढ़कर कम से तीन लाख रुपये पहुंच गया है. शादी-पार्टी की थाली हुई महंगी : राजू दत्ता शहर के केटरिंग व्यवसायी राजू दत्ता ने बताया कि 2021-2022 से लेकर 2024-25 के केरटिंग रेट में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. पहले जहां वेज थाली 600 रु थाली थी, वहीं आज 800 रु है. जहां पहले नॉन वेज थाली 850-900 रु थी. वहीं अब 1200-1500 रु है. सब कुछ महंगा हो गया है. प्याज, लहसुन से लेकर चावल, दाल, आटा, मैदा सभी की कीमत में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है. लेबर चार्ज भी काफी बढ़ गया है. पहले जहां पूरी कैटरिंग साढ़े तीन से चार लाख में हो रही थी, अब बढ़ कर साढ़े पांच से छह लाख तक पहुंच गयी है. सोना हुआ महंगा, बढ़ा बोझ : नीलाद्री नंदी तीन साल पहले और आज सोने की कीमत को देखने तो दोगुनी बढ़ोतरी हो चुकी है. यह कहना है साकची ज्वेलर्स शॉप के संचालक नीलाद्री नंदी का. उन्होंने बताया कि किसी भी धर्म व जाति की शादी हो, ज्वेलरी का अहम रोल है. तीन साल पहले सोने का रेट 50,500 (22 कैरेट) था, वहीं आज 70, 200 (22 कैरेट) हो गया है. मध्यवर्गीय परिवार पहले 5 लाख तक का बजट ज्वेलरी खरीदने के लिए रखते थे. अब फर्क यह है कि पहले जहां हैवी वेट की ज्वेलरी मिलती थी. वो अब लाइट वेट ज्वेलरी से काम चला रहे हैं. पहले इस बजट में करीब 80 से 85 ग्राम तक सोना खरीद सकते थे. अब उसी कीमत पर 60-65 ग्राम सोने की खरीदारी कर रहे हैं. जो परंपरा है उसे निभाना पड़ेगा : सरबजीत कौर बारीडीह निवासी सरबजीत कौर के बड़े बेटे की शादी दो दिसंबर को होनेवाली है. वो बताती हैं कि महंगाई ऐसी है कि कही से राहत नहीं मिल रही है. फिर भी शादी तो करनी ही है. उन्होंने बताया कि जो परंपरा है उसे तो निभाना ही होगा. शादी एक बार ही होनी है. वहीं सगे, संबंधियों से लेकर अतिथियों को बुलाना है तो खर्च होगा ही. फिर बजट को ध्यान में रखते हुए ही सारा कुछ कर रहे हैं, ताकि कम से कम में सभी कुछ ठीक से हो जाये.
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